अरे !धीमी आवाज में बात किया करो,
ऊंचा मत बोला करो ।
लिहाज से चला करो,
सीना तानकर नहीं सर झुका कर चला करो ।
सुने रास्ते पर मत चला करो,
नजरे नीची रखा करो तो,
छोटे कपड़े मत पहना करो ।
बेटी की इज्जत का सवाल था ,
बात को मत बढ़ाया करो ,
हो गया सो हो गया जाने दो उन दरिंदों को,
अब अपने काम से काम रखा करो ।
थोड़े से दहेज की बात थी दे देते ,
बेटी की जान बच जाती ।
अरे !पीकर ही तो मारता था सह लेती,
घर आकर बैठ गई मां-बाप की इज्जत लूट गई ,
सबको सहना पड़ता है ,हमारे जमाने में तो और सहना पड़ता था ,
तो लड़कियों सुनो! बस सहना ही तुम्हारी किस्मत है, रोकर नहीं हंसकर सहा करो।
ऐसा समाज ,ऐसी दकियानुशी सोच रखने वाले समाज के लोग आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🙏
©mamta jaiswal
#womeninternational