इस दौर में रोज़ मोहब्बत बदल जाती है कभी इस से हो जा | हिंदी Shayari
"इस दौर में रोज़ मोहब्बत बदल जाती है कभी इस से हो जाती है तो कभी उससे हो जाती है नकली नोट की तरह बस चलती जाती है शायद ही कभी मोहब्बत नहीं होती जो मोहब्बत है बस चेहरे को देखकर होती है"
इस दौर में रोज़ मोहब्बत बदल जाती है कभी इस से हो जाती है तो कभी उससे हो जाती है नकली नोट की तरह बस चलती जाती है शायद ही कभी मोहब्बत नहीं होती जो मोहब्बत है बस चेहरे को देखकर होती है