बढ़ चले आगे तो फिर रुकने की कोई चाह नहीं रोक पाए इ | हिंदी शायरी

"बढ़ चले आगे तो फिर रुकने की कोई चाह नहीं रोक पाए इन कदमों को बनी ऐसी कोई राह नहीं ©Govind Singh"

 बढ़ चले आगे तो फिर रुकने की कोई चाह नहीं
रोक पाए इन कदमों को बनी ऐसी कोई राह नहीं

©Govind Singh

बढ़ चले आगे तो फिर रुकने की कोई चाह नहीं रोक पाए इन कदमों को बनी ऐसी कोई राह नहीं ©Govind Singh

#adventure #राह #चाह #कदम

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