Alone उसकी मेंहदी की खुशबू, मेरे मोहल्ले तक आयी

"Alone उसकी मेंहदी की खुशबू, मेरे मोहल्ले तक आयी पिछली ही गली में घर था उसका, लेकिन आज वो छत पर भी नही आयी, अक्सर गुजरा करती थी वो, मेरे घर के सामने से पर आज जब मैं गुजरा उसकी गली से, वो अपनी खिड़की पर भी नहीं आयी,, अब तो उसकी dp भी नही show होती, और insta पर भी block हूं, मैं, कभी मेरे दोस्तों कि भाभी थी वो, और उसके friends का जीजा था मैं, उसकी शादी का card घर पर आया है, पर क्या करें ज़नाब, दिलों के फासले कम थे, जो corona ने, फासला और बढ़ाया है, मेरी जान को उसकी जान मुबारक हो, जो गुलदस्ते उसने मुझे दिये थे, मैने वो भी लौटा दिए हैं, जब वो ही नही साथ मे, तो मैने भी इश्क़ के सारे वजूद ही मिटा दिए हैं"

 Alone  उसकी मेंहदी की खुशबू, मेरे मोहल्ले तक आयी 
पिछली ही गली में घर था उसका,
लेकिन आज वो छत पर भी नही आयी,
अक्सर गुजरा करती थी वो, मेरे घर के सामने से
पर आज जब मैं गुजरा उसकी गली से,
वो अपनी खिड़की पर भी नहीं आयी,,
अब तो उसकी dp भी नही show होती,
और insta पर भी block हूं, मैं,
कभी मेरे दोस्तों कि भाभी थी वो,
और उसके friends का जीजा था मैं,
उसकी शादी का card घर पर आया है,
पर क्या करें ज़नाब, दिलों के फासले कम थे,
जो corona ने, फासला और बढ़ाया है,
मेरी जान को उसकी जान मुबारक हो,
जो गुलदस्ते उसने मुझे दिये थे, मैने वो भी लौटा दिए हैं,
जब वो ही नही साथ मे, 
तो मैने भी इश्क़ के सारे वजूद ही मिटा दिए हैं

Alone उसकी मेंहदी की खुशबू, मेरे मोहल्ले तक आयी पिछली ही गली में घर था उसका, लेकिन आज वो छत पर भी नही आयी, अक्सर गुजरा करती थी वो, मेरे घर के सामने से पर आज जब मैं गुजरा उसकी गली से, वो अपनी खिड़की पर भी नहीं आयी,, अब तो उसकी dp भी नही show होती, और insta पर भी block हूं, मैं, कभी मेरे दोस्तों कि भाभी थी वो, और उसके friends का जीजा था मैं, उसकी शादी का card घर पर आया है, पर क्या करें ज़नाब, दिलों के फासले कम थे, जो corona ने, फासला और बढ़ाया है, मेरी जान को उसकी जान मुबारक हो, जो गुलदस्ते उसने मुझे दिये थे, मैने वो भी लौटा दिए हैं, जब वो ही नही साथ मे, तो मैने भी इश्क़ के सारे वजूद ही मिटा दिए हैं

#qurantinepoem

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