White पल्लव की डायरी
जुर्म और जुर्माना गले तक
व्यथित आम जन हो रहे है
ना रोजगार ना व्यापार टेक्स के नाम पर
बर्बाद जनमानस हो रहे है
न्याय प्रणाली दबाबो में
राष्ट्रीय मीडिया के शिकार हो रहे है
गफलत में है समाज परिवार
कौमो में विवाद हो रहे है
चिंता में है अपनी संख्या बल बढ़ाने में
बजूद को उनके ललकारा जा रहा है
राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिये
सबको खतरे में बताया जा रहा है
बुझ चुकी है ज्ञान की लौ
भारत को आवारापन की भेंट चढ़ाया जा रहा है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#GoodMorning सबको खतरे में बताया जा रहा है
#nojotohindi