White बिल्ली की एक दिन आई खाला,
पहन कानों में बड़ा सा बाला,।
बोली कैसे हो तुम लाला,
जाओ झट से लाओ कोई प्याला।
देह हो गई है बिल्कुल काला,
लाली पाउडर का पड़ा है ठाला ।
फ़ट से पानी बिल्ली ने बर्तन में घाला ,
खाला ने फौरन स्नान कर डाला।
बोली काके लाओ अब कुछ खाने वाला,
गुड़ गुड़ पेट में बन रही गैस का जाला।
गले में चुभ रहा जैसे कोई भाला,
दौड़ लाया उसने तुरंत मटन मसाला।
पूरी चट कर गई अकेले खाला,
बिल्ली बैठ जपती रही कंठी माला।
बोली खाना था बड़ा रसीला,
उठ बोली अब कर लेने दो थोड़ा पैंट ढीला। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले
खुद की जुबानी। ।
©Santosh Verma
#Billi की khala##