White हमारा भी ज़िक्र होगा हमारी बात के आगे।
नहीं कोई हमारी हौसलों के ख़ात के आगे।।
मनाएंगे जश्न हम भी कि देखेगी यही दुनियां,
रखा है जीत का सेहरा हमारी मात के आगे।।
अभी रातें हैं काली सी मगर चिंता नहीं कोई,
निशा का होता है पहरा हरेक प्रभात के आगे।।
सताना है तुझे तो तू सता ले भरके जी अपना,
मगर रोएगा तू एकदिन हमारे लात के आगे।।
करेगा फ़ैसला सच जब भी होगा हश्र ऐसा ही,
गिरेंगे ही सभी दुश्मन कर्म की खात के आगे।।
©Hriday_Creates
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