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#Night #SAD  White अर्ज़ है.... वो लौट के फिर आएगा मेरा दिल उसे फिर भायेगा

मैं मुस्कुराकर करूँगी स्वागत उसका थोड़ा रूठ के, वो फिर मान जाएगा

मैं हंस कर गले लगा लूंगी उसे वो एक बार फिर, दिल से खेल जाएगा

मैं रोऊंगी, तड़फऊंगी,मनाऊंगी उसे और वो तड़फता छोड़,फिर चला जायेगा..!!

©Kanchan Agrahari

#Night @Anshu writer @sushil dwivedi @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 @Laxmi Singh @Munni

360 View

#विचार #SunSet  White मैं दस साल का था
तो सौ बच्चों के साथ खेलता-कूदता था
भागता-दौड़ता लुकता-छुपता था
बीस साल का हुआ
तो दस में सिमट गई मेरी टोली
कुछ मुझे मतलबी दिखते
कुछ को मैं आत्मग्रस्त दिखता
चालीस के आसपास
जिन चार-पाँच से मैं घिरा रहता
वे मेरे ख़ून के प्यासे नज़र आते
कभी वे मेरी, कभी हम उनकी
गर्दन दबाते
अब सत्तावन का हो गया हूँ
सबसे बिछड़ गया हूँ
कोई इंसान नहीं
कुछ चीज़ें हैं मेरे पास
अब उन्हीं की है आस
मुझे भी और उन्हें भी
जो आएँगे शायद
मरने पर
मुझे जलाने.. ✍️

©Neelam Modanwal

#SunSet @R... Ojha @Sethi Ji आशुतोष पांडेय (Aashu) सनातनी @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Äñgëĺîñä (Añgëľ) @Niaz (Harf) @sushil dwivedi vineeta

423 View

#Thinking #SAD  Black अर्ज़ है....

कभी-कभी कोरे ही रह जाते हैं, ज़िन्दगी के कुछ पन्ने कहने को, लिखने को, बहुत कुछ रहता है, मगर एहसास की स्याही ख़त्म हो जाती है, या यूँ कहें ज़िन्दगी अर्थहीन लगने लगती है रिश्तों की मिठास, उनकी नमी कहीं खो जाती है जिन जज़्बातों की डोर से हम बंधे होते हैं कभी-कभी वो अपने ही हाथों छूट जाती है और रह जाता है, उन पन्नों में तो बस, कुछ यादें, कुछ बातें, एक ख़लिश, एक विरानी, एक बेचैनी और तन्हाई...!!

©Kanchan Agrahari
#SAD  White वाह रे इंसान..

घर में निकला चूहा, दवा डाल मार गिराया। मंदिर में माटी के चूहे को, अपना दुखड़ा बोल आया।

बच्चे मांगे खिलौने, मां बाप ने डांट दिया... मंदिर की पेटी में दिल खोल चंदा डाल दिया।

नहाकर गंगा में, सब पाप धो आया। वहीं से धोए पापों का पानी भर लाया। माटी की मूरत से अपनी ज़िंदगी की भीख मांग आया...

उसी मूरत के सामने जानवर बेजुबान काट आया।

ज़िंदगी भर कौवे को अशुभ मानता आया.. फिर मरे मां बाप को कौआ समझ भोजन करा आया।

वाह रे इंसान तेरा तरीका मेरी समझ न आया।

©Kanchan Agrahari

#SAD @Anshu writer @sushil dwivedi @Munni हा जी वेलकम है @hardik Mahajan

468 View

#कविता #ValentinesDay

#ValentinesDay sushil#

2,016 View

#raindrops #SAD  कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,

ये कैसे काफिले संग सफर है, जिसकी मंजिलें हीं लापता है।

जो उड़ानें आसमानों की हैं, तो डोर ये बेवजह है,

अब किनारों से तौबा कर आये हैं, तो बहने में हीं मजा है।

यूँ तेरा मुझमें मिलना, खुद से रु-ब-रु होने की अदा है,

कायनातों को हुई शिकायत है, ऐसे बना तू मेरा खुदा है।

* कहीं रात अंधेरों से भारी है, तो कहीं सुबह को रौशनी की रजा है, ओस के नमी की एक कीमत है, सितारों की बेवफाई बेख़ता है।

कहीं लम्हों को रोकने की ख़्वाहिश है, तो कहीं ठहरा वक़्त खौफ़जदा है, ये बेमौसम की आशिक़ी है, जो हर मौसम में

लिखती वफ़ा है।

कहीं बर्फीली वादियां हैं, जहां गूंजती मोहब्बत की सदा है, कुछ रूहों की वापसी तय है, जिनका बिछड़ना कुदरत पर कर्ज बे-अदा है।

©Kanchan Agrahari

#raindrops @Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 @Munni @R Ojha @sushil dwivedi

16,308 View

#Night #SAD  White अर्ज़ है.... वो लौट के फिर आएगा मेरा दिल उसे फिर भायेगा

मैं मुस्कुराकर करूँगी स्वागत उसका थोड़ा रूठ के, वो फिर मान जाएगा

मैं हंस कर गले लगा लूंगी उसे वो एक बार फिर, दिल से खेल जाएगा

मैं रोऊंगी, तड़फऊंगी,मनाऊंगी उसे और वो तड़फता छोड़,फिर चला जायेगा..!!

©Kanchan Agrahari

#Night @Anshu writer @sushil dwivedi @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 @Laxmi Singh @Munni

360 View

#विचार #SunSet  White मैं दस साल का था
तो सौ बच्चों के साथ खेलता-कूदता था
भागता-दौड़ता लुकता-छुपता था
बीस साल का हुआ
तो दस में सिमट गई मेरी टोली
कुछ मुझे मतलबी दिखते
कुछ को मैं आत्मग्रस्त दिखता
चालीस के आसपास
जिन चार-पाँच से मैं घिरा रहता
वे मेरे ख़ून के प्यासे नज़र आते
कभी वे मेरी, कभी हम उनकी
गर्दन दबाते
अब सत्तावन का हो गया हूँ
सबसे बिछड़ गया हूँ
कोई इंसान नहीं
कुछ चीज़ें हैं मेरे पास
अब उन्हीं की है आस
मुझे भी और उन्हें भी
जो आएँगे शायद
मरने पर
मुझे जलाने.. ✍️

©Neelam Modanwal

#SunSet @R... Ojha @Sethi Ji आशुतोष पांडेय (Aashu) सनातनी @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Äñgëĺîñä (Añgëľ) @Niaz (Harf) @sushil dwivedi vineeta

423 View

#Thinking #SAD  Black अर्ज़ है....

कभी-कभी कोरे ही रह जाते हैं, ज़िन्दगी के कुछ पन्ने कहने को, लिखने को, बहुत कुछ रहता है, मगर एहसास की स्याही ख़त्म हो जाती है, या यूँ कहें ज़िन्दगी अर्थहीन लगने लगती है रिश्तों की मिठास, उनकी नमी कहीं खो जाती है जिन जज़्बातों की डोर से हम बंधे होते हैं कभी-कभी वो अपने ही हाथों छूट जाती है और रह जाता है, उन पन्नों में तो बस, कुछ यादें, कुछ बातें, एक ख़लिश, एक विरानी, एक बेचैनी और तन्हाई...!!

©Kanchan Agrahari
#SAD  White वाह रे इंसान..

घर में निकला चूहा, दवा डाल मार गिराया। मंदिर में माटी के चूहे को, अपना दुखड़ा बोल आया।

बच्चे मांगे खिलौने, मां बाप ने डांट दिया... मंदिर की पेटी में दिल खोल चंदा डाल दिया।

नहाकर गंगा में, सब पाप धो आया। वहीं से धोए पापों का पानी भर लाया। माटी की मूरत से अपनी ज़िंदगी की भीख मांग आया...

उसी मूरत के सामने जानवर बेजुबान काट आया।

ज़िंदगी भर कौवे को अशुभ मानता आया.. फिर मरे मां बाप को कौआ समझ भोजन करा आया।

वाह रे इंसान तेरा तरीका मेरी समझ न आया।

©Kanchan Agrahari

#SAD @Anshu writer @sushil dwivedi @Munni हा जी वेलकम है @hardik Mahajan

468 View

#कविता #ValentinesDay

#ValentinesDay sushil#

2,016 View

#raindrops #SAD  कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,

ये कैसे काफिले संग सफर है, जिसकी मंजिलें हीं लापता है।

जो उड़ानें आसमानों की हैं, तो डोर ये बेवजह है,

अब किनारों से तौबा कर आये हैं, तो बहने में हीं मजा है।

यूँ तेरा मुझमें मिलना, खुद से रु-ब-रु होने की अदा है,

कायनातों को हुई शिकायत है, ऐसे बना तू मेरा खुदा है।

* कहीं रात अंधेरों से भारी है, तो कहीं सुबह को रौशनी की रजा है, ओस के नमी की एक कीमत है, सितारों की बेवफाई बेख़ता है।

कहीं लम्हों को रोकने की ख़्वाहिश है, तो कहीं ठहरा वक़्त खौफ़जदा है, ये बेमौसम की आशिक़ी है, जो हर मौसम में

लिखती वफ़ा है।

कहीं बर्फीली वादियां हैं, जहां गूंजती मोहब्बत की सदा है, कुछ रूहों की वापसी तय है, जिनका बिछड़ना कुदरत पर कर्ज बे-अदा है।

©Kanchan Agrahari

#raindrops @Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 @Munni @R Ojha @sushil dwivedi

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