tags

New वेद फुल्लां Status, Photo, Video

Find the latest Status about वेद फुल्लां from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about वेद फुल्लां.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#भक्ति #navratri  {Bolo Ji Radhey Radhey}
जिस घर में, जिस देश में, 
जिस जगह सदैव  दान-पुण्य,
 वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन,
 यजन-याजन, व्रत, जप-तप, 
सयम, आराधना, चिंतन-ध्यान, 
आदि का पालन होता रहता है, 
वही धर्म है, वो ही पुण्य 
आत्मा है। भगवान श्री कृष्ण।।

©N S Yadav GoldMine

#navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम

135 View

#भक्ति #Emotional  Men walking on dark street {Bolo Ji Radhey Radhey}
हमारे सभी वेद व शास्त्र हमें 
जीवन 
और जीवन से आगे चलने के 
सूत्र का अनमोल विद्या से जीना
सिखाते हैं, पर खुद से उलझकर 
रह जाओगे, किसी मूल जगतगुरु 
से ही सीखना व समझना होगा?

©N S Yadav GoldMine

#Emotional {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारे सभी वेद व शास्त्र हमें जीवन और जीवन से आगे चलने के सूत्र का अनमोल विद्या से जीना

117 View

#पौराणिककथा #विष्णु #नारायण #मन्त्र #महिमा #vishnubhagwan  Vishnu Bhagwan वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए ।
क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से नयना सोए ।।

जगत पालक जगतपति, की महिमा जटिल महान ।
लक्ष्मी पति बैकुण्ठ पति का, कोई क्या गाए गुणगान ।।

धर्म उन्ही से कर्म उन्ही से, सबके पालनहार ।
सदा करे भक्तो की रक्षा, ले जग मे अवतार ।।

चतुर्भुजा नीला वरण, तन पीताम्बर सोहे ।
हृदय बसे माता लक्ष्मी, माया से सबको मोहे ।।

नाभि कमल से ब्रहम हुए, करने जगत संचार ।
सदा जपे हरि हर को, हर जपे हरि हर बार ।।

कमल नयन पद्म चरण, सुंदर छवि बलवान ।
सबके स्वामी नारायण को, कोटी कोटी प्रणाम ।।

©Shivkumar

#vishnubhagwan #विष्णु #Nojoto #nojotohindi #दोहा #दोहे #मन्त्र वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए । क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से न

99 View

#कविता #villagelife  Village Life 
मात्र दिखावा है यहां, होना हिंदू मुसलमान |
अंग्रेजी परम्परा ले रही सबके भीतर स्थान |
भाषा वेष अंग्रेज का अंग्रेजी खान- पान |
अंग्रेजों से आजादी का, सबमें झूठा है गुमान |
अंग्रेजी की नीति पर चलता हर इंसान |
वेद-शास्त्र के ज्ञान बस आते स्वार्थानुसार काम |

- चित्रांगद

©RV Chittrangad Mishra

#villagelife मात्र दिखावा है यहां, होना हिंदू मुसलमान | अंग्रेजी परम्परा ले रही सबके भीतर स्थान | भाषा वेष अंग्रेज का अंग्रेजी खान- पान |

117 View

#पौराणिककथा #traintrack  जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं पढ़िए महाभारत !! 📒📒

महाभारत: स्‍त्री पर्व पन्चर्विंष अध्याय: श्लोक 32-50 {Bolo Ji Radhey Radhey}

📜 जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे, वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं; यह काल का उलट-फेर तो देखो। माधव। निश्‍चय ही दैव के लिये कोई भी कार्य अधिक कठिन नहीं है; क्योंकि उसने क्षत्रियों द्वारा ही इन शूरवीर क्षत्रिय षिरोमणियों का संहार कर डाला है। 

📜 श्रीकृष्ण मेरे वेगशाली पुत्र तो उसी दिन मारे डाले गये, जबकि तुम अपूर्ण मनोरथ होकर पुनः उपप्लव्य को लौट गये थे। मुझे तो शान्तनुनन्दन भीष्म तथा ज्ञानी विदुर ने उसी दिन कह दिया था, कि अब तुम अपने पुत्रों पर स्नेह न करो। है जनार्दन। उन दोनों की यह दृष्टि मिथ्या नहीं हो सकती थी, अतः थोड़े ही समय में मेरे सारे पुत्र युद्ध की आग में जल कर भस्म हो गये। 

📜 वैशम्पयानजी कहते हैं- भारत। ऐसा कहकर शोक से मूर्छित हुई गान्धारी धैर्य छोड़कर पृथ्वी पर गिर पड़ीं, दु:ख से उनकी विवेकषक्ति नष्ठ हो गयी। तदन्तर उनके सारे अंगों में क्रोध व्याप्त हो गया। पुत्र शोक में डूब जाने के कारण उनकी सारी इन्द्रियां व्याकुल हो उठीं। 

📜 उस समय गान्धारी ने सारा दोष श्रीकृष्ण के ही माथे मढ दिया। गान्धारी ने कहा- श्रीकृष्ण। है जनार्दन। पाण्डव और धृतराष्ट्र के पुत्र आपस में लड़कर भस्म हो गये। तुमने इन्हें नष्ट होते देखकर भी इनकी उपेक्षा कैसे कर दी? महाबाहु मधुसूदन। तुम शक्तिशाली थे। तुम्हारे पास बहुत से सेवक और सैनिक थे। 

📜 तुम महान् बल में प्रतिष्ठित थे। दोनों पक्षों से अपनी बात मनवा लेने की सामथ्र्य तुम में मौजूद थी। तुमने वेद-षास्त्रों और महात्माओं की बातें सुनी और जानी थीं। यह सब होते हुए भी तुमने स्वेच्छा से कुरू कुल के नाश की उपेक्षा की- जान-बूझकर इस वंष का विनाश होने दिया। 

📜 यह तुम्हारा महान् दोष है, अतः तुम इसका फल प्राप्त करो। चक्र और गदा धारण करने वाले है केशव। मैंने पति की सेवा से कुछ भी तप प्राप्त किया है, उस दुर्लभ तपोबल से तुम्हें शाप दे रही हूं। गोविन्द। 

📜 तुमने आपस में मार-काट मचाते हुए कुटुम्बी कौरवों ओर पाण्डवों की उपेक्षा की है; इसलिये तुम अपने भाई-बन्धुओं का भी विनाश कर डालोगे। हैं मधुसूदन। आज से छत्तीसवां वर्ष उपस्थित होने पर तुम्हारे कुटुम्बी, मन्त्री और पुत्र सभी आपस में लड़कर मर जायेंगे।

📜 तुम सबसे अपरिचित और लोगों की आंखों से ओझल होकर अनाथ के समान वन में विचरोगे, और किसी निन्दित उपाय से मृत्यु को प्राप्त होओगे। इन भरतवंषी स्त्रियों के समान तुम्हारे कुल की स्त्रियां भी पुत्रों तथा भाई-बन्धुओं के मारे जाने पर इसी प्रकार सगे-सम्बन्धियों की लाशों पर गिरेगी। 

📜 वैशम्पयानजी कहते हैं- राजन। वह घोर वचन सुनकर माहमनस्वी वसुदेव नन्दन श्रीकृष्ण ने कुछ मुस्कराते हुए से गान्धारी से कहा- क्षत्राणी। मैं जानता हूं, यह ऐसा ही होने वाला है। तुम तो किये हुए को ही कह रही हो। इसमें संदेह नहीं कि वृष्णिवंष के यादव देव से ही नष्ट होंगे।

📜 शुभे। वृष्णिकुल का संहार करने वाला मेरे सिवा दूसरा कोई नहीं है। यादव दूसरे मनुष्यों तथा देवताओं और दानवों के लिये भी अवध्य हैं; अतः अपस में ही लड़कर नष्ट होंगे। श्रीकृष्ण के ऐसा कहने पर पाण्डव मन-ही-मन भयभीत हो उठे। उन्हें बड़ा उद्वेग हुआ। ये सब-के-सब अपने जीवन से निराष हो गये। एन एस यादव।।

©N S Yadav GoldMine

#traintrack जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं पढ़िए महाभारत !! 📒📒 महाभार

99 View

#भक्ति #navratri  {Bolo Ji Radhey Radhey}
जिस घर में, जिस देश में, 
जिस जगह सदैव  दान-पुण्य,
 वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन,
 यजन-याजन, व्रत, जप-तप, 
सयम, आराधना, चिंतन-ध्यान, 
आदि का पालन होता रहता है, 
वही धर्म है, वो ही पुण्य 
आत्मा है। भगवान श्री कृष्ण।।

©N S Yadav GoldMine

#navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम

135 View

#भक्ति #Emotional  Men walking on dark street {Bolo Ji Radhey Radhey}
हमारे सभी वेद व शास्त्र हमें 
जीवन 
और जीवन से आगे चलने के 
सूत्र का अनमोल विद्या से जीना
सिखाते हैं, पर खुद से उलझकर 
रह जाओगे, किसी मूल जगतगुरु 
से ही सीखना व समझना होगा?

©N S Yadav GoldMine

#Emotional {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारे सभी वेद व शास्त्र हमें जीवन और जीवन से आगे चलने के सूत्र का अनमोल विद्या से जीना

117 View

#पौराणिककथा #विष्णु #नारायण #मन्त्र #महिमा #vishnubhagwan  Vishnu Bhagwan वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए ।
क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से नयना सोए ।।

जगत पालक जगतपति, की महिमा जटिल महान ।
लक्ष्मी पति बैकुण्ठ पति का, कोई क्या गाए गुणगान ।।

धर्म उन्ही से कर्म उन्ही से, सबके पालनहार ।
सदा करे भक्तो की रक्षा, ले जग मे अवतार ।।

चतुर्भुजा नीला वरण, तन पीताम्बर सोहे ।
हृदय बसे माता लक्ष्मी, माया से सबको मोहे ।।

नाभि कमल से ब्रहम हुए, करने जगत संचार ।
सदा जपे हरि हर को, हर जपे हरि हर बार ।।

कमल नयन पद्म चरण, सुंदर छवि बलवान ।
सबके स्वामी नारायण को, कोटी कोटी प्रणाम ।।

©Shivkumar

#vishnubhagwan #विष्णु #Nojoto #nojotohindi #दोहा #दोहे #मन्त्र वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए । क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से न

99 View

#कविता #villagelife  Village Life 
मात्र दिखावा है यहां, होना हिंदू मुसलमान |
अंग्रेजी परम्परा ले रही सबके भीतर स्थान |
भाषा वेष अंग्रेज का अंग्रेजी खान- पान |
अंग्रेजों से आजादी का, सबमें झूठा है गुमान |
अंग्रेजी की नीति पर चलता हर इंसान |
वेद-शास्त्र के ज्ञान बस आते स्वार्थानुसार काम |

- चित्रांगद

©RV Chittrangad Mishra

#villagelife मात्र दिखावा है यहां, होना हिंदू मुसलमान | अंग्रेजी परम्परा ले रही सबके भीतर स्थान | भाषा वेष अंग्रेज का अंग्रेजी खान- पान |

117 View

#पौराणिककथा #traintrack  जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं पढ़िए महाभारत !! 📒📒

महाभारत: स्‍त्री पर्व पन्चर्विंष अध्याय: श्लोक 32-50 {Bolo Ji Radhey Radhey}

📜 जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे, वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं; यह काल का उलट-फेर तो देखो। माधव। निश्‍चय ही दैव के लिये कोई भी कार्य अधिक कठिन नहीं है; क्योंकि उसने क्षत्रियों द्वारा ही इन शूरवीर क्षत्रिय षिरोमणियों का संहार कर डाला है। 

📜 श्रीकृष्ण मेरे वेगशाली पुत्र तो उसी दिन मारे डाले गये, जबकि तुम अपूर्ण मनोरथ होकर पुनः उपप्लव्य को लौट गये थे। मुझे तो शान्तनुनन्दन भीष्म तथा ज्ञानी विदुर ने उसी दिन कह दिया था, कि अब तुम अपने पुत्रों पर स्नेह न करो। है जनार्दन। उन दोनों की यह दृष्टि मिथ्या नहीं हो सकती थी, अतः थोड़े ही समय में मेरे सारे पुत्र युद्ध की आग में जल कर भस्म हो गये। 

📜 वैशम्पयानजी कहते हैं- भारत। ऐसा कहकर शोक से मूर्छित हुई गान्धारी धैर्य छोड़कर पृथ्वी पर गिर पड़ीं, दु:ख से उनकी विवेकषक्ति नष्ठ हो गयी। तदन्तर उनके सारे अंगों में क्रोध व्याप्त हो गया। पुत्र शोक में डूब जाने के कारण उनकी सारी इन्द्रियां व्याकुल हो उठीं। 

📜 उस समय गान्धारी ने सारा दोष श्रीकृष्ण के ही माथे मढ दिया। गान्धारी ने कहा- श्रीकृष्ण। है जनार्दन। पाण्डव और धृतराष्ट्र के पुत्र आपस में लड़कर भस्म हो गये। तुमने इन्हें नष्ट होते देखकर भी इनकी उपेक्षा कैसे कर दी? महाबाहु मधुसूदन। तुम शक्तिशाली थे। तुम्हारे पास बहुत से सेवक और सैनिक थे। 

📜 तुम महान् बल में प्रतिष्ठित थे। दोनों पक्षों से अपनी बात मनवा लेने की सामथ्र्य तुम में मौजूद थी। तुमने वेद-षास्त्रों और महात्माओं की बातें सुनी और जानी थीं। यह सब होते हुए भी तुमने स्वेच्छा से कुरू कुल के नाश की उपेक्षा की- जान-बूझकर इस वंष का विनाश होने दिया। 

📜 यह तुम्हारा महान् दोष है, अतः तुम इसका फल प्राप्त करो। चक्र और गदा धारण करने वाले है केशव। मैंने पति की सेवा से कुछ भी तप प्राप्त किया है, उस दुर्लभ तपोबल से तुम्हें शाप दे रही हूं। गोविन्द। 

📜 तुमने आपस में मार-काट मचाते हुए कुटुम्बी कौरवों ओर पाण्डवों की उपेक्षा की है; इसलिये तुम अपने भाई-बन्धुओं का भी विनाश कर डालोगे। हैं मधुसूदन। आज से छत्तीसवां वर्ष उपस्थित होने पर तुम्हारे कुटुम्बी, मन्त्री और पुत्र सभी आपस में लड़कर मर जायेंगे।

📜 तुम सबसे अपरिचित और लोगों की आंखों से ओझल होकर अनाथ के समान वन में विचरोगे, और किसी निन्दित उपाय से मृत्यु को प्राप्त होओगे। इन भरतवंषी स्त्रियों के समान तुम्हारे कुल की स्त्रियां भी पुत्रों तथा भाई-बन्धुओं के मारे जाने पर इसी प्रकार सगे-सम्बन्धियों की लाशों पर गिरेगी। 

📜 वैशम्पयानजी कहते हैं- राजन। वह घोर वचन सुनकर माहमनस्वी वसुदेव नन्दन श्रीकृष्ण ने कुछ मुस्कराते हुए से गान्धारी से कहा- क्षत्राणी। मैं जानता हूं, यह ऐसा ही होने वाला है। तुम तो किये हुए को ही कह रही हो। इसमें संदेह नहीं कि वृष्णिवंष के यादव देव से ही नष्ट होंगे।

📜 शुभे। वृष्णिकुल का संहार करने वाला मेरे सिवा दूसरा कोई नहीं है। यादव दूसरे मनुष्यों तथा देवताओं और दानवों के लिये भी अवध्य हैं; अतः अपस में ही लड़कर नष्ट होंगे। श्रीकृष्ण के ऐसा कहने पर पाण्डव मन-ही-मन भयभीत हो उठे। उन्हें बड़ा उद्वेग हुआ। ये सब-के-सब अपने जीवन से निराष हो गये। एन एस यादव।।

©N S Yadav GoldMine

#traintrack जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं पढ़िए महाभारत !! 📒📒 महाभार

99 View

Trending Topic