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#Quotes  तुम मिल गई है तो............
मुझसे नाराज है.....!
खुदा....!!
कहता है की तू अब कुछ....!!!
मांगता ही नही....

.

©Rameshkumar Mehra Mehra

# तुम मिल गई हो तो ,मुझसे नाराज है,खुदा....,कहता है की तू अब,कुछ मांगता ही नही......

171 View

#Quotes  White सुनो कभी तुम नाराज हूए तो हम झुक जाएंगे,
कभी हम नाराज हो तो आप गले लगा देना.

©Sk

सुनो कभी तुम नाराज हूए तो हम झुक जाएंगे, कभी हम नाराज हो तो आप गले लगा देना.

108 View

दिल की साफ है बस थोड़ी सी झगड़ालू है दिल को पसंद उसकी हर कहानी है कभी सवाल नहीं किया उससे मन ही नहीं किया जो कभी किया तो फिर हिम्मत नहीं है प्यार भी है सम्मान भी है और डर और भी ज्यादा कहीं गलती से भी गलती हो गई और प्यारी नाराज हो गई ये बात दिल को अच्छी नहीं लगेगी आप कभी मिलीएगा उससे तो कहिएगा इतनी भी नाराजगी क्या असरार से आखिर प्यारी की याद में ही तो लिखते हैं कविता असरार की ©Harshvardhan असरार जौनपुरी

#rajdhani_night #लव  दिल की साफ है बस थोड़ी सी झगड़ालू है
दिल को पसंद उसकी हर कहानी है
कभी सवाल नहीं किया उससे मन ही नहीं किया
जो कभी किया तो फिर हिम्मत नहीं है
प्यार भी है सम्मान भी है और डर और भी ज्यादा
कहीं गलती से भी गलती हो गई 
और प्यारी नाराज हो गई
ये बात दिल को अच्छी नहीं लगेगी
आप कभी मिलीएगा उससे तो कहिएगा
इतनी भी नाराजगी क्या असरार से
आखिर प्यारी की याद में ही तो लिखते हैं
 कविता असरार की

©Harshvardhan असरार जौनपुरी

#rajdhani_night बहुत प्यारी है वो बस थोड़ी नाराज है '

9 Love

White दूर क्यों हो हमसे पास आओ न मजबूरियां क्या है तुम्हारी हमे बताओ न नाराज हो हमसे हमे पता है पर बच्चे है तुम्हारे अब माफ भी कर दो न और एक बार फिर से अपने बच्चे को छांव में बिठा के अपने डाल की पत्तियों को हिलाओ न दूर क्यों हो हमसे पास आओ न मजबूरियां क्या है तुम्हारी हमे बताओ न ©power of poetry

#hindi_poem_appreciation  White दूर क्यों हो  हमसे पास आओ न 
मजबूरियां क्या है तुम्हारी  हमे बताओ न
नाराज हो हमसे हमे पता है 
पर बच्चे है तुम्हारे 
 अब माफ भी कर दो न 
 और एक बार फिर से अपने बच्चे को 
 छांव  में बिठा के अपने डाल की पत्तियों को हिलाओ न
दूर क्यों हो हमसे पास आओ न
मजबूरियां क्या है तुम्हारी हमे बताओ न

©power of poetry

#hindi_poem_appreciation नाराज पेड़

7 Love

#कविता #summer_vacation  White मीठी बातों में छिपा हुआ 
कोई राज है शायद ,
कि मेरी हालत पर हँसने वाले 
चुप हैं कुछ दिनों से ,
ओह ! मेरी तबियत आजकल 
कुछ नासाज है शायद ।
कि अपनी हसरतों को दिल में 
दबाकर रखो मेरे दोस्त ,
सारा आसमान अपना है 
पर उसमें कुछ बाज है शायद ।
मेरी उम्र की चढ़ाव से उम्र की उतार तक 
तुमने बड़ा साथ दिया ऐ किस्मत !
वक़्त कटता ही नहीं आजकल 
कि वक़्त ही नाराज है शायद।

©दिनेश

#summer_vacation नाराज वक़्त

288 View

#विचार #mango  White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇

{Bolo Ji Radhey Radhey}
चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। 

आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं।

वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है।

धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है.

👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है।

चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं।

©N S Yadav GoldMine

#mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra

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#Quotes  तुम मिल गई है तो............
मुझसे नाराज है.....!
खुदा....!!
कहता है की तू अब कुछ....!!!
मांगता ही नही....

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©Rameshkumar Mehra Mehra

# तुम मिल गई हो तो ,मुझसे नाराज है,खुदा....,कहता है की तू अब,कुछ मांगता ही नही......

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#Quotes  White सुनो कभी तुम नाराज हूए तो हम झुक जाएंगे,
कभी हम नाराज हो तो आप गले लगा देना.

©Sk

सुनो कभी तुम नाराज हूए तो हम झुक जाएंगे, कभी हम नाराज हो तो आप गले लगा देना.

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दिल की साफ है बस थोड़ी सी झगड़ालू है दिल को पसंद उसकी हर कहानी है कभी सवाल नहीं किया उससे मन ही नहीं किया जो कभी किया तो फिर हिम्मत नहीं है प्यार भी है सम्मान भी है और डर और भी ज्यादा कहीं गलती से भी गलती हो गई और प्यारी नाराज हो गई ये बात दिल को अच्छी नहीं लगेगी आप कभी मिलीएगा उससे तो कहिएगा इतनी भी नाराजगी क्या असरार से आखिर प्यारी की याद में ही तो लिखते हैं कविता असरार की ©Harshvardhan असरार जौनपुरी

#rajdhani_night #लव  दिल की साफ है बस थोड़ी सी झगड़ालू है
दिल को पसंद उसकी हर कहानी है
कभी सवाल नहीं किया उससे मन ही नहीं किया
जो कभी किया तो फिर हिम्मत नहीं है
प्यार भी है सम्मान भी है और डर और भी ज्यादा
कहीं गलती से भी गलती हो गई 
और प्यारी नाराज हो गई
ये बात दिल को अच्छी नहीं लगेगी
आप कभी मिलीएगा उससे तो कहिएगा
इतनी भी नाराजगी क्या असरार से
आखिर प्यारी की याद में ही तो लिखते हैं
 कविता असरार की

©Harshvardhan असरार जौनपुरी

#rajdhani_night बहुत प्यारी है वो बस थोड़ी नाराज है '

9 Love

White दूर क्यों हो हमसे पास आओ न मजबूरियां क्या है तुम्हारी हमे बताओ न नाराज हो हमसे हमे पता है पर बच्चे है तुम्हारे अब माफ भी कर दो न और एक बार फिर से अपने बच्चे को छांव में बिठा के अपने डाल की पत्तियों को हिलाओ न दूर क्यों हो हमसे पास आओ न मजबूरियां क्या है तुम्हारी हमे बताओ न ©power of poetry

#hindi_poem_appreciation  White दूर क्यों हो  हमसे पास आओ न 
मजबूरियां क्या है तुम्हारी  हमे बताओ न
नाराज हो हमसे हमे पता है 
पर बच्चे है तुम्हारे 
 अब माफ भी कर दो न 
 और एक बार फिर से अपने बच्चे को 
 छांव  में बिठा के अपने डाल की पत्तियों को हिलाओ न
दूर क्यों हो हमसे पास आओ न
मजबूरियां क्या है तुम्हारी हमे बताओ न

©power of poetry

#hindi_poem_appreciation नाराज पेड़

7 Love

#कविता #summer_vacation  White मीठी बातों में छिपा हुआ 
कोई राज है शायद ,
कि मेरी हालत पर हँसने वाले 
चुप हैं कुछ दिनों से ,
ओह ! मेरी तबियत आजकल 
कुछ नासाज है शायद ।
कि अपनी हसरतों को दिल में 
दबाकर रखो मेरे दोस्त ,
सारा आसमान अपना है 
पर उसमें कुछ बाज है शायद ।
मेरी उम्र की चढ़ाव से उम्र की उतार तक 
तुमने बड़ा साथ दिया ऐ किस्मत !
वक़्त कटता ही नहीं आजकल 
कि वक़्त ही नाराज है शायद।

©दिनेश

#summer_vacation नाराज वक़्त

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#विचार #mango  White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇

{Bolo Ji Radhey Radhey}
चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। 

आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं।

वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है।

धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है.

👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है।

चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं।

©N S Yadav GoldMine

#mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra

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