White चौपई /जयकरी/जयकारी छन्द :-
जिसमें व्यापारी का काम । उसको करना दूर प्रणाम ।।
घोलो सत्तू पीलो आज । पेट दर्द का करो इलाज ।।
बाजारों में देख उछाल , कहे शुद्ध है मेरा माल ।।
सब्जी-भाजी है अब काल । सबसे अच्छी सुंदर दाल ।।
कैसे सब हो आज अचेत , स्वस्थ प्रति रहो सभी सचेत ।।
ध्यान लगाकर सुन लो बात । करे मिलावट सीधे घात ।।
मिली-जुली सरकारे आज , पहने बैठी किस्मत ताज ।।
वही मिलेगी वट की छाँव , आओ लौट चले हम गाँव ।।
हैंडपंप का पानी स्वच्छ , मिनिरल पानी लगता तुच्छ ।।
ढ़ेले वाला लाओ नोन , करो बी पी को ग्रीन जोन ।।
अपने बदलो अभी विचार , संकट में है यह संसार ।।
वृक्ष लगाओ मिलकर चार । करो प्रकृति से सब मनुहार ।।
दाना-दाना होगी रास , पूर्ण तभी हो जीवन आस ।।
माया नगरी की सौगात , करती सीधा दिल पे घात ।।
सब में बसतें हैं श्री राम , हाथ जोड कर करो प्रणाम ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
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