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#कॉमेडी #Funny

#Funny सौंदर्य के पुजारी

81 View

#प्रेमपुजारी #ज़िन्दगी #VikrantRajliwalFilms #vikrantrajliwal #HeartTouching #LoveStories

प्रेम पुजारी : ५ (एपीसोड :5) II PREM PUJARI II DIL KO CHUTI HUYI HASEEN MOHBBAT KI DILKASH DASTAN लेखन और आवाज़ विक्रांत राजलीवाल प्रेम प

135 View

#प्रेरक

पुजारी कभी भगवान से नहीं मांगता वह हमेशा भक्तों से मांगता है क्योंकि वह जानता है कि पत्थर की मूर्तियां मुझे कुछ नहीं दे सकती...

81 View

#प्रेरक

तांत्रिक करता है भूत होते हैं, पुजारी कहता है ईश्वर होते हैं, दोनों का बाजार चल रहा है आप पीड़ित नहीं आप ग्राहक है..!!

135 View

ग़ज़ल क्यों इतना मन मेरा दुखयारी होने लगता है । मान खुदा उन्हें ये दिल पुजारी होने लगता है ।। दूर दूर के नाते थे बंधन में जो बाँधें थे । उनकी खातिर दिल अब महतारी होने लगता है ।। रूठ नही जाएं हमसे हरपल चिंता है रहती । सोंच सोंच कर दिल मेरा भारी होने लगता है ।। झुक जाता था शीश हमारा देख सामने जिनको । रिश्तों का वो यारों व्यापारी होने लगता है ।। कितने और जन्म ले लूँ बोलों मैं उनकी खातिर । हर जीवन तो उनका ही आभारी होने लगता है ।। माँग भरा शृंगार कराया अपना हर सपना भूला । मगर प्रीत माँगता तो भिखारी होने लगता है ।। दो टूके भी खिला न सकता बाते करता ऊँची । आते द्वार भिखारी भण्ड़ारी होने लगता है ।। १८/०२/२०२३    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल

क्यों इतना मन मेरा दुखयारी होने लगता है ।
मान खुदा उन्हें ये दिल पुजारी होने लगता है ।।

दूर दूर के नाते थे बंधन में जो बाँधें थे ।
उनकी खातिर दिल अब महतारी होने लगता है ।।

रूठ नही जाएं हमसे हरपल चिंता है रहती ।
सोंच सोंच कर दिल मेरा भारी होने लगता है ।।

झुक जाता था शीश हमारा देख सामने जिनको ।
रिश्तों का वो यारों व्यापारी होने लगता है ।।

कितने और जन्म ले लूँ बोलों मैं उनकी खातिर ।
हर जीवन तो उनका ही आभारी होने लगता है ।।

माँग भरा शृंगार कराया अपना हर सपना भूला ।
मगर प्रीत माँगता तो भिखारी होने लगता है ।।

दो टूके भी खिला न सकता बाते करता ऊँची ।
आते द्वार भिखारी भण्ड़ारी होने लगता है ।।

१८/०२/२०२३    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल क्यों इतना मन मेरा दुखयारी होने लगता है । मान खुदा उन्हें ये दिल पुजारी होने लगता है ।। दूर दूर के नाते थे बंधन में जो बाँधें थे ।

15 Love

गीत हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है । जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।। हम बच्चे इतना तो सीखें... तुम भी मानों साथी मेरे , गुरुवर की सब बातें प्यारी । मन की इच्छा शक्ति बढ़ाओ , और कर्म के बनो पुजारी ।। क्यों की गली-गली में भैय्या , अब तो बल्ला बैट चला है । हम बच्चे इतना तो सीखें .... जीवन में मीठी बातें तो , करते अपने और पराये । लेकिन राह तुम्हें जीवन की , सुन लो कोई नहीं बताये ।। एक माँ और दूजे गुरुवर , नहीं मार्ग तुमको भटकाये । हम बच्चे तो इतना सीखें..... सच्चा शिष्य वही धरती पे , मन जिसके मत लोभ रहा है । विद्या धन वह करता अर्जित , जो गुरुवर के शरण रहा है ।। यही विनय है मातु-पिता की , तुझसे ही अभिमान मिला है । हम बच्चे तो इतना सीखें ...... हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है । जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत
हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है ।
जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।।
हम बच्चे इतना तो सीखें...

तुम भी मानों साथी मेरे , गुरुवर की सब बातें प्यारी ।
मन की इच्छा शक्ति बढ़ाओ , और कर्म के बनो पुजारी ।।
क्यों की गली-गली में भैय्या , अब तो बल्ला बैट चला है ।
हम बच्चे इतना तो सीखें ....

जीवन में मीठी बातें तो , करते अपने और पराये ।
लेकिन राह तुम्हें जीवन की , सुन लो कोई नहीं बताये ।।
एक माँ और दूजे गुरुवर , नहीं मार्ग तुमको भटकाये ।
हम बच्चे तो इतना सीखें.....

सच्चा शिष्य वही धरती पे , मन जिसके मत लोभ रहा है ।
विद्या धन वह करता अर्जित , जो गुरुवर के शरण रहा है ।।
यही विनय है मातु-पिता की , तुझसे ही अभिमान मिला है ।
हम बच्चे तो इतना सीखें ......

हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है ।
जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है । जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।। हम बच्चे इतना तो सीखें... तुम भी मानों

14 Love

#कॉमेडी #Funny

#Funny सौंदर्य के पुजारी

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#प्रेमपुजारी #ज़िन्दगी #VikrantRajliwalFilms #vikrantrajliwal #HeartTouching #LoveStories

प्रेम पुजारी : ५ (एपीसोड :5) II PREM PUJARI II DIL KO CHUTI HUYI HASEEN MOHBBAT KI DILKASH DASTAN लेखन और आवाज़ विक्रांत राजलीवाल प्रेम प

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#प्रेरक

पुजारी कभी भगवान से नहीं मांगता वह हमेशा भक्तों से मांगता है क्योंकि वह जानता है कि पत्थर की मूर्तियां मुझे कुछ नहीं दे सकती...

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#प्रेरक

तांत्रिक करता है भूत होते हैं, पुजारी कहता है ईश्वर होते हैं, दोनों का बाजार चल रहा है आप पीड़ित नहीं आप ग्राहक है..!!

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ग़ज़ल क्यों इतना मन मेरा दुखयारी होने लगता है । मान खुदा उन्हें ये दिल पुजारी होने लगता है ।। दूर दूर के नाते थे बंधन में जो बाँधें थे । उनकी खातिर दिल अब महतारी होने लगता है ।। रूठ नही जाएं हमसे हरपल चिंता है रहती । सोंच सोंच कर दिल मेरा भारी होने लगता है ।। झुक जाता था शीश हमारा देख सामने जिनको । रिश्तों का वो यारों व्यापारी होने लगता है ।। कितने और जन्म ले लूँ बोलों मैं उनकी खातिर । हर जीवन तो उनका ही आभारी होने लगता है ।। माँग भरा शृंगार कराया अपना हर सपना भूला । मगर प्रीत माँगता तो भिखारी होने लगता है ।। दो टूके भी खिला न सकता बाते करता ऊँची । आते द्वार भिखारी भण्ड़ारी होने लगता है ।। १८/०२/२०२३    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल

क्यों इतना मन मेरा दुखयारी होने लगता है ।
मान खुदा उन्हें ये दिल पुजारी होने लगता है ।।

दूर दूर के नाते थे बंधन में जो बाँधें थे ।
उनकी खातिर दिल अब महतारी होने लगता है ।।

रूठ नही जाएं हमसे हरपल चिंता है रहती ।
सोंच सोंच कर दिल मेरा भारी होने लगता है ।।

झुक जाता था शीश हमारा देख सामने जिनको ।
रिश्तों का वो यारों व्यापारी होने लगता है ।।

कितने और जन्म ले लूँ बोलों मैं उनकी खातिर ।
हर जीवन तो उनका ही आभारी होने लगता है ।।

माँग भरा शृंगार कराया अपना हर सपना भूला ।
मगर प्रीत माँगता तो भिखारी होने लगता है ।।

दो टूके भी खिला न सकता बाते करता ऊँची ।
आते द्वार भिखारी भण्ड़ारी होने लगता है ।।

१८/०२/२०२३    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल क्यों इतना मन मेरा दुखयारी होने लगता है । मान खुदा उन्हें ये दिल पुजारी होने लगता है ।। दूर दूर के नाते थे बंधन में जो बाँधें थे ।

15 Love

गीत हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है । जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।। हम बच्चे इतना तो सीखें... तुम भी मानों साथी मेरे , गुरुवर की सब बातें प्यारी । मन की इच्छा शक्ति बढ़ाओ , और कर्म के बनो पुजारी ।। क्यों की गली-गली में भैय्या , अब तो बल्ला बैट चला है । हम बच्चे इतना तो सीखें .... जीवन में मीठी बातें तो , करते अपने और पराये । लेकिन राह तुम्हें जीवन की , सुन लो कोई नहीं बताये ।। एक माँ और दूजे गुरुवर , नहीं मार्ग तुमको भटकाये । हम बच्चे तो इतना सीखें..... सच्चा शिष्य वही धरती पे , मन जिसके मत लोभ रहा है । विद्या धन वह करता अर्जित , जो गुरुवर के शरण रहा है ।। यही विनय है मातु-पिता की , तुझसे ही अभिमान मिला है । हम बच्चे तो इतना सीखें ...... हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है । जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत
हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है ।
जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।।
हम बच्चे इतना तो सीखें...

तुम भी मानों साथी मेरे , गुरुवर की सब बातें प्यारी ।
मन की इच्छा शक्ति बढ़ाओ , और कर्म के बनो पुजारी ।।
क्यों की गली-गली में भैय्या , अब तो बल्ला बैट चला है ।
हम बच्चे इतना तो सीखें ....

जीवन में मीठी बातें तो , करते अपने और पराये ।
लेकिन राह तुम्हें जीवन की , सुन लो कोई नहीं बताये ।।
एक माँ और दूजे गुरुवर , नहीं मार्ग तुमको भटकाये ।
हम बच्चे तो इतना सीखें.....

सच्चा शिष्य वही धरती पे , मन जिसके मत लोभ रहा है ।
विद्या धन वह करता अर्जित , जो गुरुवर के शरण रहा है ।।
यही विनय है मातु-पिता की , तुझसे ही अभिमान मिला है ।
हम बच्चे तो इतना सीखें ......

हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है ।
जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है । जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।। हम बच्चे इतना तो सीखें... तुम भी मानों

14 Love

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