गीत
हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है ।
जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।।
हम बच्चे इतना तो सीखें...
तुम भी मानों साथी मेरे , गुरुवर की सब बातें प्यारी ।
मन की इच्छा शक्ति बढ़ाओ , और कर्म के बनो पुजारी ।।
क्यों की गली-गली में भैय्या , अब तो बल्ला बैट चला है ।
हम बच्चे इतना तो सीखें ....
जीवन में मीठी बातें तो , करते अपने और पराये ।
लेकिन राह तुम्हें जीवन की , सुन लो कोई नहीं बताये ।।
एक माँ और दूजे गुरुवर , नहीं मार्ग तुमको भटकाये ।
हम बच्चे तो इतना सीखें.....
सच्चा शिष्य वही धरती पे , मन जिसके मत लोभ रहा है ।
विद्या धन वह करता अर्जित , जो गुरुवर के शरण रहा है ।।
यही विनय है मातु-पिता की , तुझसे ही अभिमान मिला है ।
हम बच्चे तो इतना सीखें ......
हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है ।
जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
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