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New पाटाकडील तालीम मंडळ Status, Photo, Video

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#वीडियो

जीने की असली तालीम

117 View

#मराठीसंस्कृति  

अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र 

मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा 

आमदार संजय मुकुंद केळकर, मुंबई प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ कुलकर्णी, पुणे मराठी साहित्य मंडळ अध्यक्ष डॉ. नीना गोटे यांना माझे 'बुद्ध या जगातील पहिले वैज्ञानिक?... ' हे पुस्तक भेट स्वरूपात देताना 

आणि काव्यसंमेलनात स्वागतगीत व माझी स्त्री संघर्षावरील कविता सादर करताना मी

©Jk

अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र  मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा  आमदार

180 View

#shamawritesBebaak #Motivational #sad_shayari  White ***औरत का वजूद***
कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...?
वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे अखलाक, इल्म,तालीम,और अपना जहीन जहन......
फिर उसकी पहचान,उसकी अजमत,अस्मत,आजादी और अल्हड़पन कहाँ खो जाती होगी...
गजाला सी चंचल चितवन वाली
पिंजरेनुमा सुसराल में कैद मैना सी,शिरीन जुबा से रस उड़ेलती अनजान लोगों से सबकी जी हुजूरी में खिदमते करती बोलती, झिड़कियां,तंज,रंज गाली ग्लोच झेलती और इसी उधेड़बुन में सब्र करती बस......
फिर इसी कशमकश में संतानोत्पत्ति के बाद खुद से ही जिहाद करती हुई,अपनी गृहस्थी संभालती,भूलती रही,अपने जिस्म और रुह पर पड़े जख्मों की थकन से चकनाचूर,अपनी आप बीती को डायरी के पन्नो पर लिखती,संजोती...........
वो एक बेनाम,औरत एक रोज मर जाती रही अपना फर्ज निभाकर,और भूल जाते हैं ये मतलबी लोग,....
यही सब सुनते और देखते आ रहे हैं,पता नहीं कब से.?
मौजूदा दौर मे तो रिश्ते बस समझौते भर रह गए है..?

सुनो बीन्त हव्वा 🎤अबअपने जिस्म को बिछौना बनाकर नहीं जीना...?
तुम्हारी वुसअती तो (फैलाव) ला_मेहदूद(अनंत) है!!
तुम इब्न आदम की नस्ल बढाने वाली हो,निस्वार्थ उल्फ्तें बांटने वाली हो,
तुम अदबन हो अदब के काबिल हो...
औरत ही मर्द की संपूरक है,और मर्द औरत से ही संपूर्ण और परिपूर्ण है.!!
आदमी मतलबी,अना परस्त,ढीठ,तंगदिल,संगदिल सा हो सकता है,मगर औरत संजीदा,आब ए हयात की मानिंद.हयात देने वाली होती है।जैसे मानो पूरी कायनात बिन औरत के वजूद के अधूरी और बेमानी हो..!
मुख्तसर बात यही है के आदमी जरिया है तो औरत तामीरदा(निर्माता).....
बनना और मिटना,औरत से ही है,तो फिर ये बेमिसाल औरत पर आदमी को फजीलत देने वाला,पुरुष प्रधान मुआश्रा क्यूं भूल जाता है औरत के वजूद को....???Bolg by✍️
#shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_shayari ***औरत का वजूद*** कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...? वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे

504 View

#वीडियो

पेश इमाम हाफिज शरीफ के जनाजे में हजारों लोग हुए शामिल बहराइच, जिले के नवाबगंज कस्बे के मरकजी हज्जिन मस्जिद के पेश इमाम हाफिज शरीफ अहमद अं

144 View

#किरदार #तालीम  डिग्रीयां तो तालीम कि खर्चे कि रसीदें है
 इल्म वो है जो किरदार में झलकता है...

©Dev Rishi
#वीडियो

जीने की असली तालीम

117 View

#मराठीसंस्कृति  

अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र 

मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा 

आमदार संजय मुकुंद केळकर, मुंबई प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ कुलकर्णी, पुणे मराठी साहित्य मंडळ अध्यक्ष डॉ. नीना गोटे यांना माझे 'बुद्ध या जगातील पहिले वैज्ञानिक?... ' हे पुस्तक भेट स्वरूपात देताना 

आणि काव्यसंमेलनात स्वागतगीत व माझी स्त्री संघर्षावरील कविता सादर करताना मी

©Jk

अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र  मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा  आमदार

180 View

#shamawritesBebaak #Motivational #sad_shayari  White ***औरत का वजूद***
कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...?
वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे अखलाक, इल्म,तालीम,और अपना जहीन जहन......
फिर उसकी पहचान,उसकी अजमत,अस्मत,आजादी और अल्हड़पन कहाँ खो जाती होगी...
गजाला सी चंचल चितवन वाली
पिंजरेनुमा सुसराल में कैद मैना सी,शिरीन जुबा से रस उड़ेलती अनजान लोगों से सबकी जी हुजूरी में खिदमते करती बोलती, झिड़कियां,तंज,रंज गाली ग्लोच झेलती और इसी उधेड़बुन में सब्र करती बस......
फिर इसी कशमकश में संतानोत्पत्ति के बाद खुद से ही जिहाद करती हुई,अपनी गृहस्थी संभालती,भूलती रही,अपने जिस्म और रुह पर पड़े जख्मों की थकन से चकनाचूर,अपनी आप बीती को डायरी के पन्नो पर लिखती,संजोती...........
वो एक बेनाम,औरत एक रोज मर जाती रही अपना फर्ज निभाकर,और भूल जाते हैं ये मतलबी लोग,....
यही सब सुनते और देखते आ रहे हैं,पता नहीं कब से.?
मौजूदा दौर मे तो रिश्ते बस समझौते भर रह गए है..?

सुनो बीन्त हव्वा 🎤अबअपने जिस्म को बिछौना बनाकर नहीं जीना...?
तुम्हारी वुसअती तो (फैलाव) ला_मेहदूद(अनंत) है!!
तुम इब्न आदम की नस्ल बढाने वाली हो,निस्वार्थ उल्फ्तें बांटने वाली हो,
तुम अदबन हो अदब के काबिल हो...
औरत ही मर्द की संपूरक है,और मर्द औरत से ही संपूर्ण और परिपूर्ण है.!!
आदमी मतलबी,अना परस्त,ढीठ,तंगदिल,संगदिल सा हो सकता है,मगर औरत संजीदा,आब ए हयात की मानिंद.हयात देने वाली होती है।जैसे मानो पूरी कायनात बिन औरत के वजूद के अधूरी और बेमानी हो..!
मुख्तसर बात यही है के आदमी जरिया है तो औरत तामीरदा(निर्माता).....
बनना और मिटना,औरत से ही है,तो फिर ये बेमिसाल औरत पर आदमी को फजीलत देने वाला,पुरुष प्रधान मुआश्रा क्यूं भूल जाता है औरत के वजूद को....???Bolg by✍️
#shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_shayari ***औरत का वजूद*** कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...? वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे

504 View

#वीडियो

पेश इमाम हाफिज शरीफ के जनाजे में हजारों लोग हुए शामिल बहराइच, जिले के नवाबगंज कस्बे के मरकजी हज्जिन मस्जिद के पेश इमाम हाफिज शरीफ अहमद अं

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#किरदार #तालीम  डिग्रीयां तो तालीम कि खर्चे कि रसीदें है
 इल्म वो है जो किरदार में झलकता है...

©Dev Rishi
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