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New वर्षा ऋतु poem Status, Photo, Video

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#वीडियो #बहुजन

#बहुजन मुक्ति पार्टी की उम्मीदवार वर्षा सोलंकी के प्रचार ने पकड़ी रफ्तार

90 View

#कोट्स #summer_vacation  White दहक रही है अग्नि, मरूधरा के आंचल में।
लूं की लपटे सुलग रही, प्रभाकर के आंगन में।

©Dr. Bhagwan Sahay Meena

#summer_vacation ग्रीष्म ऋतु

108 View

 Black आप मेरे प्यार में मुसलाधार वर्षा हो जाओ, 
मैं भी तुम्हारी मुहब्बत में अभिषेक हो जाऊं!

©रणजीत राही देवास

#Thinking #वर्षा #अभिषेक #कविता #शायरी

81 View

#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

prakrti poem #Lake #poem #Tranding

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#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#Motivational

poem

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#वीडियो #बहुजन

#बहुजन मुक्ति पार्टी की उम्मीदवार वर्षा सोलंकी के प्रचार ने पकड़ी रफ्तार

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#कोट्स #summer_vacation  White दहक रही है अग्नि, मरूधरा के आंचल में।
लूं की लपटे सुलग रही, प्रभाकर के आंगन में।

©Dr. Bhagwan Sahay Meena

#summer_vacation ग्रीष्म ऋतु

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 Black आप मेरे प्यार में मुसलाधार वर्षा हो जाओ, 
मैं भी तुम्हारी मुहब्बत में अभिषेक हो जाऊं!

©रणजीत राही देवास

#Thinking #वर्षा #अभिषेक #कविता #शायरी

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#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

prakrti poem #Lake #poem #Tranding

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