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इस पृथ्वी पर मनुष्य ऐसा प्राणी है जो की आपकी पीठ पीछे वार करेगा वरना जानवर तो सामने से हमला / या वार करता है 🙏 इस धरती पर कोई मनुष्य दूसरे मनुष्य से बहुत जलता है पैसे की लत ने इंसान की फितरत खराब की और शराब ने इंसान की जिंदगी बर्बाद की 🙏 धरती पर मनुष्य का पैदा लेना निश्चित है और मरना उतना ही निश्चित है 🙏 विश्वास केवल शब्द है वह हकीकत नहीं बनता निस्वार्थ एक भाव है जो कभी नहीं बदलता 🙏 ©person

#Quotes  इस पृथ्वी पर मनुष्य ऐसा प्राणी है जो की आपकी पीठ पीछे वार करेगा 
वरना जानवर तो सामने से हमला / या वार करता है 
🙏
इस धरती पर कोई मनुष्य दूसरे मनुष्य से बहुत जलता है 
पैसे की लत ने इंसान की फितरत खराब की 
और शराब ने इंसान की जिंदगी बर्बाद की 
🙏
धरती पर मनुष्य का पैदा लेना निश्चित है और 
 मरना उतना ही निश्चित है 
🙏
विश्वास केवल शब्द है वह हकीकत नहीं बनता 
निस्वार्थ एक भाव है जो कभी नहीं बदलता 
🙏

©person

NEW QUOTES 👉विचार और हिंदी का अर्थ इस पृथ्वी पर मनुष्य ऐसा प्राणी है जो की आपकी पीठ पीछे वार करेगा वरना जानवर तो सामने से हमला / या वार कर

14 Love

#निस्वार्थप्रेमकीलगन #Motivational  क्या आप जानते हैं कि राधा क्रिष्ण जेसा प्रेम आज की तारीख में किसी का भी नहीं

©@Iconicchef
#मोटिवेशनल

{Bolo Ji Radhey Radhey} सभी से निस्वार्थ वाला प्यार करना चाहिए, सर्वभूतों मैं वही वासदेव श्री कृष्ण हैं, और उनके अतिरिक्त और कुछ भी नही

135 View

#shamawritesBebaak #Motivational #sad_shayari  White ***औरत का वजूद***
कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...?
वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे अखलाक, इल्म,तालीम,और अपना जहीन जहन......
फिर उसकी पहचान,उसकी अजमत,अस्मत,आजादी और अल्हड़पन कहाँ खो जाती होगी...
गजाला सी चंचल चितवन वाली
पिंजरेनुमा सुसराल में कैद मैना सी,शिरीन जुबा से रस उड़ेलती अनजान लोगों से सबकी जी हुजूरी में खिदमते करती बोलती, झिड़कियां,तंज,रंज गाली ग्लोच झेलती और इसी उधेड़बुन में सब्र करती बस......
फिर इसी कशमकश में संतानोत्पत्ति के बाद खुद से ही जिहाद करती हुई,अपनी गृहस्थी संभालती,भूलती रही,अपने जिस्म और रुह पर पड़े जख्मों की थकन से चकनाचूर,अपनी आप बीती को डायरी के पन्नो पर लिखती,संजोती...........
वो एक बेनाम,औरत एक रोज मर जाती रही अपना फर्ज निभाकर,और भूल जाते हैं ये मतलबी लोग,....
यही सब सुनते और देखते आ रहे हैं,पता नहीं कब से.?
मौजूदा दौर मे तो रिश्ते बस समझौते भर रह गए है..?

सुनो बीन्त हव्वा 🎤अबअपने जिस्म को बिछौना बनाकर नहीं जीना...?
तुम्हारी वुसअती तो (फैलाव) ला_मेहदूद(अनंत) है!!
तुम इब्न आदम की नस्ल बढाने वाली हो,निस्वार्थ उल्फ्तें बांटने वाली हो,
तुम अदबन हो अदब के काबिल हो...
औरत ही मर्द की संपूरक है,और मर्द औरत से ही संपूर्ण और परिपूर्ण है.!!
आदमी मतलबी,अना परस्त,ढीठ,तंगदिल,संगदिल सा हो सकता है,मगर औरत संजीदा,आब ए हयात की मानिंद.हयात देने वाली होती है।जैसे मानो पूरी कायनात बिन औरत के वजूद के अधूरी और बेमानी हो..!
मुख्तसर बात यही है के आदमी जरिया है तो औरत तामीरदा(निर्माता).....
बनना और मिटना,औरत से ही है,तो फिर ये बेमिसाल औरत पर आदमी को फजीलत देने वाला,पुरुष प्रधान मुआश्रा क्यूं भूल जाता है औरत के वजूद को....???Bolg by✍️
#shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_shayari ***औरत का वजूद*** कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...? वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे

531 View

#बेवफ़ा_ज़िंदगी #गोपाल_पंडित #dear_ज़िंदगी #शायरी #Motivational #gopal_pandit

#Emotional ज़िंदगी तेरे आंचल की छांव में कितनी सुहानी थी इस दुनिया में तेरी ममता निस्वार्थ और रूहानी थी जब से निकले हैं तेरे आंचल की छांव

126 View

#कविता  White आसमान का चांद

आसमान पर चांद खिला है, साथ  लिए लाखों तारे, 
तेरे दीदार को तरस रहा चकोर,धरती पर बैठ तुझे नहारे।
दिन बीत रहा कड़क तपन संग , तरु छाया कहीं दिखे नहीं ,
हों हाड़  कांपती  ठंडी रातें , टेर एक घड़ी को हटे नहीं ।
सदियों  की  लंबी दास्तां, किस्मत का खेल इसे कहते ,
 कर्मों के फल से भाग्य मिला , अब क्यों तेरे आंसू बहते ।
तीव्र रोशनी तेरे अरमानों की , नित्य जलाती है होली ,
अंधियारे की शीतलता में , भ्रम से भरती सपनों की झोली ।
सौरभ आशाओं का दीप जलाकर, उम्मीद मत हारो समझाता,
कुवास है अभिशाप सृष्टि में, जीवन में निर्जन वन सा गहराता ।
है एक बगीचा एक ही माली, रंग बिरंगे फूलों से महके फुलवारी ,
कांटो ने भी संग में डेरा डाला , आंसुओं से भर गई मधु प्याली ।
प्रातः की  बहकी  बेला में, जैसे स्वप्न दूर खड़े  हर्षाते  हैं ,
किससे  पूछूं कि भोर होते ही , नक्षत्रमणी कहां छुप जाते हैं ।
बढ़ चला मुसाफिर यही सोचते, मधुर वचन बड़ा छलावा है ,
सत्य हमेशा कड़वा होता , उसे हर कोई मुखौटा पहन छुपाता है ।

©Usha Dravid Bhatt

आसमान का चांद एक सच्ची और निस्वार्थ लगन , जो बिना लाभ हानि के निरन्तर बनी रहती है।

6,165 View

इस पृथ्वी पर मनुष्य ऐसा प्राणी है जो की आपकी पीठ पीछे वार करेगा वरना जानवर तो सामने से हमला / या वार करता है 🙏 इस धरती पर कोई मनुष्य दूसरे मनुष्य से बहुत जलता है पैसे की लत ने इंसान की फितरत खराब की और शराब ने इंसान की जिंदगी बर्बाद की 🙏 धरती पर मनुष्य का पैदा लेना निश्चित है और मरना उतना ही निश्चित है 🙏 विश्वास केवल शब्द है वह हकीकत नहीं बनता निस्वार्थ एक भाव है जो कभी नहीं बदलता 🙏 ©person

#Quotes  इस पृथ्वी पर मनुष्य ऐसा प्राणी है जो की आपकी पीठ पीछे वार करेगा 
वरना जानवर तो सामने से हमला / या वार करता है 
🙏
इस धरती पर कोई मनुष्य दूसरे मनुष्य से बहुत जलता है 
पैसे की लत ने इंसान की फितरत खराब की 
और शराब ने इंसान की जिंदगी बर्बाद की 
🙏
धरती पर मनुष्य का पैदा लेना निश्चित है और 
 मरना उतना ही निश्चित है 
🙏
विश्वास केवल शब्द है वह हकीकत नहीं बनता 
निस्वार्थ एक भाव है जो कभी नहीं बदलता 
🙏

©person

NEW QUOTES 👉विचार और हिंदी का अर्थ इस पृथ्वी पर मनुष्य ऐसा प्राणी है जो की आपकी पीठ पीछे वार करेगा वरना जानवर तो सामने से हमला / या वार कर

14 Love

#निस्वार्थप्रेमकीलगन #Motivational  क्या आप जानते हैं कि राधा क्रिष्ण जेसा प्रेम आज की तारीख में किसी का भी नहीं

©@Iconicchef
#मोटिवेशनल

{Bolo Ji Radhey Radhey} सभी से निस्वार्थ वाला प्यार करना चाहिए, सर्वभूतों मैं वही वासदेव श्री कृष्ण हैं, और उनके अतिरिक्त और कुछ भी नही

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#shamawritesBebaak #Motivational #sad_shayari  White ***औरत का वजूद***
कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...?
वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे अखलाक, इल्म,तालीम,और अपना जहीन जहन......
फिर उसकी पहचान,उसकी अजमत,अस्मत,आजादी और अल्हड़पन कहाँ खो जाती होगी...
गजाला सी चंचल चितवन वाली
पिंजरेनुमा सुसराल में कैद मैना सी,शिरीन जुबा से रस उड़ेलती अनजान लोगों से सबकी जी हुजूरी में खिदमते करती बोलती, झिड़कियां,तंज,रंज गाली ग्लोच झेलती और इसी उधेड़बुन में सब्र करती बस......
फिर इसी कशमकश में संतानोत्पत्ति के बाद खुद से ही जिहाद करती हुई,अपनी गृहस्थी संभालती,भूलती रही,अपने जिस्म और रुह पर पड़े जख्मों की थकन से चकनाचूर,अपनी आप बीती को डायरी के पन्नो पर लिखती,संजोती...........
वो एक बेनाम,औरत एक रोज मर जाती रही अपना फर्ज निभाकर,और भूल जाते हैं ये मतलबी लोग,....
यही सब सुनते और देखते आ रहे हैं,पता नहीं कब से.?
मौजूदा दौर मे तो रिश्ते बस समझौते भर रह गए है..?

सुनो बीन्त हव्वा 🎤अबअपने जिस्म को बिछौना बनाकर नहीं जीना...?
तुम्हारी वुसअती तो (फैलाव) ला_मेहदूद(अनंत) है!!
तुम इब्न आदम की नस्ल बढाने वाली हो,निस्वार्थ उल्फ्तें बांटने वाली हो,
तुम अदबन हो अदब के काबिल हो...
औरत ही मर्द की संपूरक है,और मर्द औरत से ही संपूर्ण और परिपूर्ण है.!!
आदमी मतलबी,अना परस्त,ढीठ,तंगदिल,संगदिल सा हो सकता है,मगर औरत संजीदा,आब ए हयात की मानिंद.हयात देने वाली होती है।जैसे मानो पूरी कायनात बिन औरत के वजूद के अधूरी और बेमानी हो..!
मुख्तसर बात यही है के आदमी जरिया है तो औरत तामीरदा(निर्माता).....
बनना और मिटना,औरत से ही है,तो फिर ये बेमिसाल औरत पर आदमी को फजीलत देने वाला,पुरुष प्रधान मुआश्रा क्यूं भूल जाता है औरत के वजूद को....???Bolg by✍️
#shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_shayari ***औरत का वजूद*** कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...? वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे

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#बेवफ़ा_ज़िंदगी #गोपाल_पंडित #dear_ज़िंदगी #शायरी #Motivational #gopal_pandit

#Emotional ज़िंदगी तेरे आंचल की छांव में कितनी सुहानी थी इस दुनिया में तेरी ममता निस्वार्थ और रूहानी थी जब से निकले हैं तेरे आंचल की छांव

126 View

#कविता  White आसमान का चांद

आसमान पर चांद खिला है, साथ  लिए लाखों तारे, 
तेरे दीदार को तरस रहा चकोर,धरती पर बैठ तुझे नहारे।
दिन बीत रहा कड़क तपन संग , तरु छाया कहीं दिखे नहीं ,
हों हाड़  कांपती  ठंडी रातें , टेर एक घड़ी को हटे नहीं ।
सदियों  की  लंबी दास्तां, किस्मत का खेल इसे कहते ,
 कर्मों के फल से भाग्य मिला , अब क्यों तेरे आंसू बहते ।
तीव्र रोशनी तेरे अरमानों की , नित्य जलाती है होली ,
अंधियारे की शीतलता में , भ्रम से भरती सपनों की झोली ।
सौरभ आशाओं का दीप जलाकर, उम्मीद मत हारो समझाता,
कुवास है अभिशाप सृष्टि में, जीवन में निर्जन वन सा गहराता ।
है एक बगीचा एक ही माली, रंग बिरंगे फूलों से महके फुलवारी ,
कांटो ने भी संग में डेरा डाला , आंसुओं से भर गई मधु प्याली ।
प्रातः की  बहकी  बेला में, जैसे स्वप्न दूर खड़े  हर्षाते  हैं ,
किससे  पूछूं कि भोर होते ही , नक्षत्रमणी कहां छुप जाते हैं ।
बढ़ चला मुसाफिर यही सोचते, मधुर वचन बड़ा छलावा है ,
सत्य हमेशा कड़वा होता , उसे हर कोई मुखौटा पहन छुपाता है ।

©Usha Dravid Bhatt

आसमान का चांद एक सच्ची और निस्वार्थ लगन , जो बिना लाभ हानि के निरन्तर बनी रहती है।

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