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एक उम्र के बाद दिल से सोचना बन्द कर देना चाहिए, फिर चाहे बात पैसों की हो, भविष्य की हो या रिश्तों की, क्योंकि दिल से लिए गए निर्णय भविष्य मे

153 View

जयकरी छन्द :- आओ मिलकर कर ले योग । क्यों पालें जीवन में रोग ।। बतलाते थे घर के लोग । करके कसरत बनो निरोग ।। अब तो बस पढ़ने का काम । बन्द स्कूल में सब व्ययाम ।। आओ बैठो भज लो राम । किसे याद है प्राणायाम ।। सभी ओर दिखता संग्राम । चीख रही है जनता आम ।। कौन लिया सिंहासन थाम । कौन चुगे अब गुठली आम ।। इस जीवन में सत्य अनेक । कष्ट मगर सहता है एक ।। कविवर लेते सुंदर टेक । फिर भी बोले गीत न नेक ।। बने भवन है आलीशान । लेकिन उनके हृदय विरान ।। रोटी कपड़ा ओर मकान । करते-करते मरा किसान ।। बेटा करता मदिरा पान । बहू चाहिए गऊ समान ।। बिगड़ गये घर के सुर ताल । बड़े घरो की यह है चाल ।। देख ले ऊँचा खानदान । तब ही करना कन्यादान । दिया बहुत जिनको सम्मान । बेटी भेज दिया शमशान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  जयकरी छन्द :-

आओ मिलकर कर ले योग ।
क्यों पालें जीवन में रोग ।।
बतलाते थे घर के लोग ।
करके कसरत बनो निरोग ।।
अब तो बस पढ़ने का काम ।
बन्द स्कूल में सब व्ययाम ।।
आओ बैठो भज लो राम ।
किसे याद है प्राणायाम ।।
सभी ओर दिखता संग्राम ।
चीख रही है जनता आम ।।
कौन लिया सिंहासन थाम ।
कौन चुगे अब गुठली आम ।।
इस जीवन में सत्य अनेक ।
कष्ट मगर सहता है एक ।।
कविवर लेते सुंदर टेक ।
फिर भी बोले गीत न नेक ।।
बने भवन है आलीशान ।
लेकिन उनके हृदय विरान ।।
रोटी कपड़ा ओर मकान ।
करते-करते मरा किसान ।।
बेटा करता मदिरा पान ।
बहू चाहिए गऊ समान ।।
बिगड़ गये घर के सुर ताल ।
बड़े घरो की यह है चाल ।।
देख ले ऊँचा खानदान ।
तब ही करना कन्यादान ।
दिया बहुत जिनको सम्मान ।
बेटी भेज दिया शमशान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

जयकरी छन्द :- आओ मिलकर कर ले योग । क्यों पालें जीवन में रोग ।। बतलाते थे घर के लोग । करके कसरत बनो निरोग ।। अब तो बस पढ़ने का काम । बन्द स्क

16 Love

#कविता  White वो हमारी महफिल का सबसे ज्यादा चहकने और ठहांके लगाने वाला शख्स है 

लेकिन आज उसकी बोलती बन्द हुई 
ज़ब उसने महफिल मे एक बाहुबली को 
अंदर आते हुए देखा

©Arora PR

बोलती बन्द

99 View

विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।। भला सबका वही करता । सुनो विश्वास जग करता ।। बुलावे पे नही जाना । करे जो दिल चले जाना ।। हुआ हूँ आज दीवाना । उसी को आज सब माना ।। करूँ क्यूँ चाहतें आधा । जपूँगा नाम नित राधा ।। वही मुरली मनोहर है । उसी की सब धरोहर है ।। बनूँ मैं दास मोहन का । यही अरदास जीवन का ।। मुझे अपने शरण रखना । बुराई से बचा रखना ।। न कलयुग की पड़े छाया । शरण तेरी चला आया ।। सुनी तेरी कथा सारी , बहुत महिमा रही न्यारी ।। तुम्हारे द्वार जब आऊँ, दरश हर बार मैं पाऊँ ।। नजर जाये जिधर भी वह, रहे उजियार मधुवन वह ।। करूँ क्यों बन्द मैं फेरी , कृपा होगी कभी तेरी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विजात छन्द :-

हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।।
हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।।

भला सबका वही करता । सुनो विश्वास जग करता ।।
बुलावे पे नही जाना । करे जो दिल चले जाना ।।

हुआ हूँ आज दीवाना । उसी को आज सब माना ।।
करूँ क्यूँ चाहतें आधा । जपूँगा नाम नित राधा ।।

वही मुरली मनोहर है । उसी की सब धरोहर है ।।
बनूँ मैं दास मोहन का । यही अरदास जीवन का ।।

मुझे अपने शरण रखना । बुराई से बचा रखना ।।
न कलयुग की पड़े छाया । शरण तेरी चला आया ।।

सुनी तेरी कथा सारी , बहुत महिमा रही न्यारी ।।
तुम्हारे द्वार जब आऊँ, दरश हर बार मैं पाऊँ ।।

नजर जाये जिधर भी वह, रहे उजियार मधुवन वह ।।
करूँ क्यों बन्द मैं फेरी , कृपा होगी कभी तेरी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।।

13 Love

#कविता  White ह्रदय की बन्द खिड़कियों क़ो खोलो 

आने दो समरपण और विश्वास की
शीतल हवाओ क़ो 
और गिरने दो  प्रेम भरे अहसास की 

नन्ही नन्ही   बूंदो क़ो 
 अपने ह्रदय की  तप्त और ख़ुशक 
धरती पर

©Arora PR

बन्द खिड़किया

108 View

एक उम्र के बाद दिल से सोचना बन्द कर देना चाहिए, फिर चाहे बात पैसों की हो, भविष्य की हो या रिश्तों की, क्योंकि दिल से लिए गए निर्णय भविष्य मे

153 View

जयकरी छन्द :- आओ मिलकर कर ले योग । क्यों पालें जीवन में रोग ।। बतलाते थे घर के लोग । करके कसरत बनो निरोग ।। अब तो बस पढ़ने का काम । बन्द स्कूल में सब व्ययाम ।। आओ बैठो भज लो राम । किसे याद है प्राणायाम ।। सभी ओर दिखता संग्राम । चीख रही है जनता आम ।। कौन लिया सिंहासन थाम । कौन चुगे अब गुठली आम ।। इस जीवन में सत्य अनेक । कष्ट मगर सहता है एक ।। कविवर लेते सुंदर टेक । फिर भी बोले गीत न नेक ।। बने भवन है आलीशान । लेकिन उनके हृदय विरान ।। रोटी कपड़ा ओर मकान । करते-करते मरा किसान ।। बेटा करता मदिरा पान । बहू चाहिए गऊ समान ।। बिगड़ गये घर के सुर ताल । बड़े घरो की यह है चाल ।। देख ले ऊँचा खानदान । तब ही करना कन्यादान । दिया बहुत जिनको सम्मान । बेटी भेज दिया शमशान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  जयकरी छन्द :-

आओ मिलकर कर ले योग ।
क्यों पालें जीवन में रोग ।।
बतलाते थे घर के लोग ।
करके कसरत बनो निरोग ।।
अब तो बस पढ़ने का काम ।
बन्द स्कूल में सब व्ययाम ।।
आओ बैठो भज लो राम ।
किसे याद है प्राणायाम ।।
सभी ओर दिखता संग्राम ।
चीख रही है जनता आम ।।
कौन लिया सिंहासन थाम ।
कौन चुगे अब गुठली आम ।।
इस जीवन में सत्य अनेक ।
कष्ट मगर सहता है एक ।।
कविवर लेते सुंदर टेक ।
फिर भी बोले गीत न नेक ।।
बने भवन है आलीशान ।
लेकिन उनके हृदय विरान ।।
रोटी कपड़ा ओर मकान ।
करते-करते मरा किसान ।।
बेटा करता मदिरा पान ।
बहू चाहिए गऊ समान ।।
बिगड़ गये घर के सुर ताल ।
बड़े घरो की यह है चाल ।।
देख ले ऊँचा खानदान ।
तब ही करना कन्यादान ।
दिया बहुत जिनको सम्मान ।
बेटी भेज दिया शमशान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

जयकरी छन्द :- आओ मिलकर कर ले योग । क्यों पालें जीवन में रोग ।। बतलाते थे घर के लोग । करके कसरत बनो निरोग ।। अब तो बस पढ़ने का काम । बन्द स्क

16 Love

#कविता  White वो हमारी महफिल का सबसे ज्यादा चहकने और ठहांके लगाने वाला शख्स है 

लेकिन आज उसकी बोलती बन्द हुई 
ज़ब उसने महफिल मे एक बाहुबली को 
अंदर आते हुए देखा

©Arora PR

बोलती बन्द

99 View

विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।। भला सबका वही करता । सुनो विश्वास जग करता ।। बुलावे पे नही जाना । करे जो दिल चले जाना ।। हुआ हूँ आज दीवाना । उसी को आज सब माना ।। करूँ क्यूँ चाहतें आधा । जपूँगा नाम नित राधा ।। वही मुरली मनोहर है । उसी की सब धरोहर है ।। बनूँ मैं दास मोहन का । यही अरदास जीवन का ।। मुझे अपने शरण रखना । बुराई से बचा रखना ।। न कलयुग की पड़े छाया । शरण तेरी चला आया ।। सुनी तेरी कथा सारी , बहुत महिमा रही न्यारी ।। तुम्हारे द्वार जब आऊँ, दरश हर बार मैं पाऊँ ।। नजर जाये जिधर भी वह, रहे उजियार मधुवन वह ।। करूँ क्यों बन्द मैं फेरी , कृपा होगी कभी तेरी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विजात छन्द :-

हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।।
हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।।

भला सबका वही करता । सुनो विश्वास जग करता ।।
बुलावे पे नही जाना । करे जो दिल चले जाना ।।

हुआ हूँ आज दीवाना । उसी को आज सब माना ।।
करूँ क्यूँ चाहतें आधा । जपूँगा नाम नित राधा ।।

वही मुरली मनोहर है । उसी की सब धरोहर है ।।
बनूँ मैं दास मोहन का । यही अरदास जीवन का ।।

मुझे अपने शरण रखना । बुराई से बचा रखना ।।
न कलयुग की पड़े छाया । शरण तेरी चला आया ।।

सुनी तेरी कथा सारी , बहुत महिमा रही न्यारी ।।
तुम्हारे द्वार जब आऊँ, दरश हर बार मैं पाऊँ ।।

नजर जाये जिधर भी वह, रहे उजियार मधुवन वह ।।
करूँ क्यों बन्द मैं फेरी , कृपा होगी कभी तेरी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।।

13 Love

#कविता  White ह्रदय की बन्द खिड़कियों क़ो खोलो 

आने दो समरपण और विश्वास की
शीतल हवाओ क़ो 
और गिरने दो  प्रेम भरे अहसास की 

नन्ही नन्ही   बूंदो क़ो 
 अपने ह्रदय की  तप्त और ख़ुशक 
धरती पर

©Arora PR

बन्द खिड़किया

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