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New नाहिद अख्तर की गजल Status, Photo, Video

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#गजल  White 

डूबते को सहारा... दिया कीजिए l
यूं मज़ा जिंदगी का लिया कीजिए।।

शोहरत ही मिले.....ये जरुरी नहीं,
मुफ्त में नेकियां भी किया कीजिए।। 

राज की बात है... खुल न जाए कहीं,
दर्द का जाम छुपकर पिया कीजिए।।

छोडिए.. देवता बन के क्या फायदा,
आदमी की तरह ही जिया कीजिए।। 

जब दुआ में कभी.. हाथ दोनों उठें,
दुश्मनों के लिऐ..भी दुआ कीजिए।।
      
      लक्ष्मी सेंगर "रश्मि"

©Nilam Agarwalla

#गजल

90 View

#गजल  White दिलों के माबैन शक की दीवार हो रही है
तो क्या जुदाई की राह हमवार हो रही है

ज़रा सा मुझ को भी तजरबा कम है रास्ते का
ज़रा सी तेरी भी तेज़ रफ़्तार हो रही है

उधर से भी जो चाहिए था नहीं मिला है
इधर हमारी भी उम्र बे-कार हो रही है

शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरा
सो अपने रस्ते में धूप दीवार हो रही है

बस इक तअ'ल्लुक़ ने मेरी नींदें उड़ा रखी हैं
बस इक शनासाई जाँ का आज़ार हो रही है

यहाँ से क़िस्सा शुरूअ' होता है क़त्ल-ओ-ख़ूँ का
यहाँ से ये दास्ताँ मज़ेदार हो रही है

ये लोग दुनिया को किस तरफ़ ले के जा रहे हैं
ये लोग जिन की ज़बान तलवार हो रही है

           शकील जमाली

©Nilam Agarwalla

#गजल

117 View

#शायरी #mango  White गजल

यूँ वक्त भी हमें क्यो देता भी सिसकियाँ हैं।
गम मे कहाँ दिखेंगी फूलों पे शोखियाँ हैं। 

बच्चो को साथ रखना,गुलशन है आजकल के।
वो घर भरा खुशी से जिसमे कहानियाँ हैं।

कहते सभी हमे भी रखना ख्याल सबका।
आ सीख हम भी ले ले करना न गलतियाँ हैं।

क्यो चाँद आज हमको आँखें बड़ी दिखाये।
आ जाये जब जमीं पे करता वो मस्तियाँ हैं।

फूलों पे अब दिखी हैं कलियाँ भी अब खिली सी।
लायी हैं हौसला भी हरहाल बेटियाँ हैं।

मरते हैं भूख से सब,फैली बे-रोजगारी।
बस भूख से तड़फती बेहाल बस्तियाँ हैं।गिरह

स्वरचित..✍️
रीतागुलाटी ऋतंभरा

©ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

#mango गजल..रीतागुलाटी की चंडीगढ़ से

126 View

#शायरी #mango  यूँ वक्त भी हमें क्यो देता भी सिसकियाँ हैं।
गम मे कहाँ दिखेंगी फूलों पे शोखियाँ हैं। 

बच्चो को साथ रखना,गुलशन है आजकल के।
वो घर भरा खुशी से जिसमे कहानियाँ हैं।

कहते सभी हमे भी रखना ख्याल सबका।
आ सीख हम भी ले ले करना न गलतियाँ हैं।

क्यो चाँद आज हमको आँखें बड़ी दिखाये।
आ जाये जब जमीं पे करता वो मस्तियाँ हैं।

फूलों पे अब दिखी हैं कलियाँ भी अब खिली सी।
लायी हैं हौसला भी हरहाल बेटियाँ हैं।

मरते हैं भूख से सब,फैली बे-रोजगारी।
बस भूख से तड़फती बेहाल बस्तियाँ हैं।गिरह

स्वरचित..✍️
रीतागुलाटी ऋतंभरा

©ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

#mango गजल पेशखिदमत है रीतागुलाटी की चंडीगढ़ से।

135 View

 अब तुम्हारे प्यार के बारे में क्या कहूं?

मैं तो तुम्हारे दिए ज़ख्म को भी
सीने से लगा कर रखता हूं...

©Madhur Nayan Mishra

#MountainPeak #शायरी #गजल

126 View

#शायरी #गजल  वही शाम वही रात वही तारे हैं
 मगर मायूस दिल वही नजारे हैं

लगा था कल जंग जीत कर आए
आज बैठे हैं जैसे जिंदगी से हारे हैं

मेरी  जहां से खफा हो चांद गया
गम मैं डूबे मिलते नहीं किनारे हैं

गुल खिले खुशबू से घुट रहा है दम
आज बेखुद हमें तड़पा रही बहारें हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

99 View

#गजल  White 

डूबते को सहारा... दिया कीजिए l
यूं मज़ा जिंदगी का लिया कीजिए।।

शोहरत ही मिले.....ये जरुरी नहीं,
मुफ्त में नेकियां भी किया कीजिए।। 

राज की बात है... खुल न जाए कहीं,
दर्द का जाम छुपकर पिया कीजिए।।

छोडिए.. देवता बन के क्या फायदा,
आदमी की तरह ही जिया कीजिए।। 

जब दुआ में कभी.. हाथ दोनों उठें,
दुश्मनों के लिऐ..भी दुआ कीजिए।।
      
      लक्ष्मी सेंगर "रश्मि"

©Nilam Agarwalla

#गजल

90 View

#गजल  White दिलों के माबैन शक की दीवार हो रही है
तो क्या जुदाई की राह हमवार हो रही है

ज़रा सा मुझ को भी तजरबा कम है रास्ते का
ज़रा सी तेरी भी तेज़ रफ़्तार हो रही है

उधर से भी जो चाहिए था नहीं मिला है
इधर हमारी भी उम्र बे-कार हो रही है

शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरा
सो अपने रस्ते में धूप दीवार हो रही है

बस इक तअ'ल्लुक़ ने मेरी नींदें उड़ा रखी हैं
बस इक शनासाई जाँ का आज़ार हो रही है

यहाँ से क़िस्सा शुरूअ' होता है क़त्ल-ओ-ख़ूँ का
यहाँ से ये दास्ताँ मज़ेदार हो रही है

ये लोग दुनिया को किस तरफ़ ले के जा रहे हैं
ये लोग जिन की ज़बान तलवार हो रही है

           शकील जमाली

©Nilam Agarwalla

#गजल

117 View

#शायरी #mango  White गजल

यूँ वक्त भी हमें क्यो देता भी सिसकियाँ हैं।
गम मे कहाँ दिखेंगी फूलों पे शोखियाँ हैं। 

बच्चो को साथ रखना,गुलशन है आजकल के।
वो घर भरा खुशी से जिसमे कहानियाँ हैं।

कहते सभी हमे भी रखना ख्याल सबका।
आ सीख हम भी ले ले करना न गलतियाँ हैं।

क्यो चाँद आज हमको आँखें बड़ी दिखाये।
आ जाये जब जमीं पे करता वो मस्तियाँ हैं।

फूलों पे अब दिखी हैं कलियाँ भी अब खिली सी।
लायी हैं हौसला भी हरहाल बेटियाँ हैं।

मरते हैं भूख से सब,फैली बे-रोजगारी।
बस भूख से तड़फती बेहाल बस्तियाँ हैं।गिरह

स्वरचित..✍️
रीतागुलाटी ऋतंभरा

©ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

#mango गजल..रीतागुलाटी की चंडीगढ़ से

126 View

#शायरी #mango  यूँ वक्त भी हमें क्यो देता भी सिसकियाँ हैं।
गम मे कहाँ दिखेंगी फूलों पे शोखियाँ हैं। 

बच्चो को साथ रखना,गुलशन है आजकल के।
वो घर भरा खुशी से जिसमे कहानियाँ हैं।

कहते सभी हमे भी रखना ख्याल सबका।
आ सीख हम भी ले ले करना न गलतियाँ हैं।

क्यो चाँद आज हमको आँखें बड़ी दिखाये।
आ जाये जब जमीं पे करता वो मस्तियाँ हैं।

फूलों पे अब दिखी हैं कलियाँ भी अब खिली सी।
लायी हैं हौसला भी हरहाल बेटियाँ हैं।

मरते हैं भूख से सब,फैली बे-रोजगारी।
बस भूख से तड़फती बेहाल बस्तियाँ हैं।गिरह

स्वरचित..✍️
रीतागुलाटी ऋतंभरा

©ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

#mango गजल पेशखिदमत है रीतागुलाटी की चंडीगढ़ से।

135 View

 अब तुम्हारे प्यार के बारे में क्या कहूं?

मैं तो तुम्हारे दिए ज़ख्म को भी
सीने से लगा कर रखता हूं...

©Madhur Nayan Mishra

#MountainPeak #शायरी #गजल

126 View

#शायरी #गजल  वही शाम वही रात वही तारे हैं
 मगर मायूस दिल वही नजारे हैं

लगा था कल जंग जीत कर आए
आज बैठे हैं जैसे जिंदगी से हारे हैं

मेरी  जहां से खफा हो चांद गया
गम मैं डूबे मिलते नहीं किनारे हैं

गुल खिले खुशबू से घुट रहा है दम
आज बेखुद हमें तड़पा रही बहारें हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

99 View

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