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#शायरी #पापा #SAD  White मुझे इस दुनिया में कोई हरा ही नहीं सकता, 
जब तक मेरे पापा मेरे साथ है ।

©विशु किंग
#bachpan #लव  पापा

दुःखों की धूप आए तो,
 वह छाँव देने वाले वृक्ष बन जाते हैं।
अपनी बेटी की खुशी के लिए तो 
अपनी पूँजी लुटाते है।
अगर रूठ जाऊँ तो ,
पल भर में मनाते हैं।
खुशनसीब होती है वह बेटियाँ,
जिन्हें मेरे पापा जैसे पापा मिल जाते हैं।
पापा!आप जीवन में खुशियां ही पाए।
हम आपके स्वास्थ्य की मंगल कामना चाहे।
पापा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

©SONU SUTHAR

#bachpan पापा

90 View

पापा दुःखों की धूप आए तो, वह छांव देने वाले वृक्ष बन जाते हैं। अपनी बेटी की खुशी के लिए तो अपनी पूँजी लुटाते है। अगर रूठ जाऊं तो , पल भर में मनाते हैं। खुशनसीब होती है वह बेटियाँ, जिन्हें मेरे पापा जैसे पापा मिल जाते हैं। पापा!आप जीवन में खुशियां ही पाए। हम आपके स्वास्थ्य की मंगल कामना चाहे। पापा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ©SONU SUTHAR

#विचार #bachpan  पापा

दुःखों की धूप आए तो,
 वह छांव देने वाले वृक्ष बन जाते हैं।
अपनी बेटी की खुशी के लिए तो 
अपनी पूँजी लुटाते है।
अगर रूठ जाऊं तो ,
पल भर में मनाते हैं।
खुशनसीब होती है वह बेटियाँ,
जिन्हें मेरे पापा जैसे पापा मिल जाते हैं।
पापा!आप जीवन में खुशियां ही पाए।
हम आपके स्वास्थ्य की मंगल कामना चाहे।
पापा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

©SONU SUTHAR

#bachpan पापा

14 Love

मेरे पापा जिनसे मेरी जान, शान और पहचान है ऐसे है मेरे पापा! लिखने को क्या लिखू मै उनके बारे मे, जिनके लिए शब्द न बांध पाऊँ, ऐसे है मेरे पापा! 16 साल की उम्र , जिसे आज teenage कहा जाता हैं, इस उम्र मै forest Guard बने पापा! परिवार की पहचान और गाँव की शान बने मेरे पापा! दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करते गये पापा, forest guard से B. O. retired तक का सफर तय किया, तभी गाँव मे "बाबू " कहलाये पापा! कमी कोई न दी परिवार को, बच्चो को अच्छी शिक्षा और अच्छा इंसान बनाया! ये है मेरे पापा! उनके हाथ का वो लजीज खाना , हाँ थोड़ा तीखा होता था पर लाजवाब होता था! उनके वो दो पेग मारना और हमसे english to english talk करना, हमसे वो G. K. के questions पूछना और न आने पर "फिर क्या पढ़ते" हो बोलना, at the end mummy के through हमारा बचना, और पापा का वो mummy को "पंजााबन " बोलना, भाई साहब -क्या दिन थे! फिर वो 2021 की साल जिसे कोई देश, कोई शहर, कोई गाँव नही भूल सकता, corona, lockdown तो याद ही होगा, जिसमे हर किसी ने अपने एक को खोया होगा, और कैसे भूल सकती हू मै भी! मेरे पापा हल्का बुखार और फिर बीमार, हॉस्पिटल का सफर अपने पाँव पर तय किया क्योकि, काफी strong जो ठहरे मेरे पापा! घर वापसी उनका यूँ peralised आना, और घर मे फिर मौन छाना! papa कि वो तबियत बिगड़ना, और फिर सबका एक दूसरे से छिपकर रोना, सबकी उम्मीदों का यूं कम होना और, पापा को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना, इसलिए उनका आज हमारे साथ होना! आज मेरी पहचान उनके नाम से होना, किसी का मुझे "B. O. sahab" की बोलना और मेरा उन्हे कहना जी हाँ यही है मेरे पापा....!! ©Nisha Sharma

#bachpan  मेरे पापा
जिनसे मेरी जान, शान और पहचान है
ऐसे है मेरे पापा! 
लिखने को क्या लिखू मै उनके बारे मे, 
जिनके लिए शब्द न बांध पाऊँ, 
ऐसे है मेरे पापा! 
16 साल की उम्र , जिसे आज teenage कहा जाता हैं, 
इस उम्र मै forest Guard बने पापा! 
परिवार की पहचान और गाँव की शान बने मेरे पापा! 
दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करते गये पापा, 
forest guard से B. O. retired तक का सफर तय किया, 
तभी गाँव मे "बाबू " कहलाये पापा! 
कमी कोई न दी परिवार को, 
बच्चो को अच्छी शिक्षा और अच्छा इंसान
बनाया! 
ये है मेरे पापा! 
उनके हाथ का वो लजीज खाना , 
हाँ थोड़ा तीखा होता था पर लाजवाब होता था! 
उनके वो दो पेग मारना और
हमसे english to english talk करना, 
हमसे वो G. K. के questions पूछना और
न आने पर "फिर क्या पढ़ते" हो बोलना, 
at the end mummy के through हमारा बचना, 
और पापा का वो mummy को "पंजााबन " बोलना, 
भाई साहब -क्या दिन थे! 
फिर वो 2021 की साल जिसे कोई देश, कोई शहर, कोई गाँव नही भूल सकता, 
corona, lockdown तो याद ही होगा, 
जिसमे हर किसी  ने अपने एक को खोया होगा, 
और कैसे भूल सकती हू मै भी! 
मेरे पापा
हल्का बुखार और फिर बीमार, 
हॉस्पिटल का सफर अपने पाँव पर तय किया क्योकि, 
काफी strong जो ठहरे मेरे पापा! 
घर वापसी उनका यूँ peralised आना, 
और घर मे फिर मौन छाना! 
papa कि वो तबियत बिगड़ना, 
और फिर सबका एक दूसरे से छिपकर रोना, 
सबकी उम्मीदों का यूं कम होना और, 
पापा को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना, 
इसलिए उनका आज हमारे साथ होना! 
आज मेरी पहचान उनके नाम से होना, 
किसी का मुझे "B. O. sahab" की बोलना और 
मेरा उन्हे कहना जी हाँ यही है
मेरे पापा....!!

©Nisha Sharma

#bachpan .मेरे पापा....!!

8 Love

#विचार  पापा की परियों पर खूब चुटकुले चलते हैं, पर कभी आपने सोचा है बेटियों को अपने ही माता पिता से मिलने वाले प्रेम को इतना glorify क्यो करने की जरूरत पड़ती है। बेटों को क्यो कभी ये साबित नहीं करना पड़ता कि वो अपने माता पिता के कितने दुलारे हैं? जवाब है कि उनको सदियो से ही जन्म से अधिकार और प्यार मिला है। घी का लड्डू टेढो मीठ जिनके लिए कहा गया हो उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करने की जरूरत ही क्या है। वह लायक हो तब तो अच्छा है ही, पर यदि वह शराबी, जुआरी, बलात्कारी, हत्यारा, लुटेरा हो तब भी अंत में उसके हाँथ की मुखाग्नि पाकर माता पिता को स्वर्ग मिल जाता है। तमाम ग्रन्थ, व्रत, उपवास, प्रतीक  पुत्र होने को अलौकिक और अदभुद सिद्ध करने में जुटे हैं। कुछ माता पिता जो कहते हैं " हम तो लड़का लड़की में कोई भेद नहीं करते" उनसे अगर कोई सम्पति में हिस्सा देने की बात कर दे तो उनकी परम्परा और संस्कृति खतरे में आ जाती है। वो दो बीघा जमीन बेच कर लड़की की शादी तो कर देंगे, लेकिन 1 बीघा बेच कर न उनको पढ़ा पाएंगे, न उनके नाम कर पाएंगे। आज भी बेटियां अपने ही अधिकारों से वंचित हैं तो इसके जिम्मेदार जितना समाज है उतना ही उनके माता पिता भी हैं।

©paritosh@run

पापा की परी.

117 View

#पापा #मां  बेहतर मुस्कराना भी मुश्किल है ।
पता है उसे कि मैं निराश हूं।।

©M@nsi Bisht
#शायरी #पापा #SAD  White मुझे इस दुनिया में कोई हरा ही नहीं सकता, 
जब तक मेरे पापा मेरे साथ है ।

©विशु किंग
#bachpan #लव  पापा

दुःखों की धूप आए तो,
 वह छाँव देने वाले वृक्ष बन जाते हैं।
अपनी बेटी की खुशी के लिए तो 
अपनी पूँजी लुटाते है।
अगर रूठ जाऊँ तो ,
पल भर में मनाते हैं।
खुशनसीब होती है वह बेटियाँ,
जिन्हें मेरे पापा जैसे पापा मिल जाते हैं।
पापा!आप जीवन में खुशियां ही पाए।
हम आपके स्वास्थ्य की मंगल कामना चाहे।
पापा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

©SONU SUTHAR

#bachpan पापा

90 View

पापा दुःखों की धूप आए तो, वह छांव देने वाले वृक्ष बन जाते हैं। अपनी बेटी की खुशी के लिए तो अपनी पूँजी लुटाते है। अगर रूठ जाऊं तो , पल भर में मनाते हैं। खुशनसीब होती है वह बेटियाँ, जिन्हें मेरे पापा जैसे पापा मिल जाते हैं। पापा!आप जीवन में खुशियां ही पाए। हम आपके स्वास्थ्य की मंगल कामना चाहे। पापा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ©SONU SUTHAR

#विचार #bachpan  पापा

दुःखों की धूप आए तो,
 वह छांव देने वाले वृक्ष बन जाते हैं।
अपनी बेटी की खुशी के लिए तो 
अपनी पूँजी लुटाते है।
अगर रूठ जाऊं तो ,
पल भर में मनाते हैं।
खुशनसीब होती है वह बेटियाँ,
जिन्हें मेरे पापा जैसे पापा मिल जाते हैं।
पापा!आप जीवन में खुशियां ही पाए।
हम आपके स्वास्थ्य की मंगल कामना चाहे।
पापा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

©SONU SUTHAR

#bachpan पापा

14 Love

मेरे पापा जिनसे मेरी जान, शान और पहचान है ऐसे है मेरे पापा! लिखने को क्या लिखू मै उनके बारे मे, जिनके लिए शब्द न बांध पाऊँ, ऐसे है मेरे पापा! 16 साल की उम्र , जिसे आज teenage कहा जाता हैं, इस उम्र मै forest Guard बने पापा! परिवार की पहचान और गाँव की शान बने मेरे पापा! दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करते गये पापा, forest guard से B. O. retired तक का सफर तय किया, तभी गाँव मे "बाबू " कहलाये पापा! कमी कोई न दी परिवार को, बच्चो को अच्छी शिक्षा और अच्छा इंसान बनाया! ये है मेरे पापा! उनके हाथ का वो लजीज खाना , हाँ थोड़ा तीखा होता था पर लाजवाब होता था! उनके वो दो पेग मारना और हमसे english to english talk करना, हमसे वो G. K. के questions पूछना और न आने पर "फिर क्या पढ़ते" हो बोलना, at the end mummy के through हमारा बचना, और पापा का वो mummy को "पंजााबन " बोलना, भाई साहब -क्या दिन थे! फिर वो 2021 की साल जिसे कोई देश, कोई शहर, कोई गाँव नही भूल सकता, corona, lockdown तो याद ही होगा, जिसमे हर किसी ने अपने एक को खोया होगा, और कैसे भूल सकती हू मै भी! मेरे पापा हल्का बुखार और फिर बीमार, हॉस्पिटल का सफर अपने पाँव पर तय किया क्योकि, काफी strong जो ठहरे मेरे पापा! घर वापसी उनका यूँ peralised आना, और घर मे फिर मौन छाना! papa कि वो तबियत बिगड़ना, और फिर सबका एक दूसरे से छिपकर रोना, सबकी उम्मीदों का यूं कम होना और, पापा को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना, इसलिए उनका आज हमारे साथ होना! आज मेरी पहचान उनके नाम से होना, किसी का मुझे "B. O. sahab" की बोलना और मेरा उन्हे कहना जी हाँ यही है मेरे पापा....!! ©Nisha Sharma

#bachpan  मेरे पापा
जिनसे मेरी जान, शान और पहचान है
ऐसे है मेरे पापा! 
लिखने को क्या लिखू मै उनके बारे मे, 
जिनके लिए शब्द न बांध पाऊँ, 
ऐसे है मेरे पापा! 
16 साल की उम्र , जिसे आज teenage कहा जाता हैं, 
इस उम्र मै forest Guard बने पापा! 
परिवार की पहचान और गाँव की शान बने मेरे पापा! 
दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करते गये पापा, 
forest guard से B. O. retired तक का सफर तय किया, 
तभी गाँव मे "बाबू " कहलाये पापा! 
कमी कोई न दी परिवार को, 
बच्चो को अच्छी शिक्षा और अच्छा इंसान
बनाया! 
ये है मेरे पापा! 
उनके हाथ का वो लजीज खाना , 
हाँ थोड़ा तीखा होता था पर लाजवाब होता था! 
उनके वो दो पेग मारना और
हमसे english to english talk करना, 
हमसे वो G. K. के questions पूछना और
न आने पर "फिर क्या पढ़ते" हो बोलना, 
at the end mummy के through हमारा बचना, 
और पापा का वो mummy को "पंजााबन " बोलना, 
भाई साहब -क्या दिन थे! 
फिर वो 2021 की साल जिसे कोई देश, कोई शहर, कोई गाँव नही भूल सकता, 
corona, lockdown तो याद ही होगा, 
जिसमे हर किसी  ने अपने एक को खोया होगा, 
और कैसे भूल सकती हू मै भी! 
मेरे पापा
हल्का बुखार और फिर बीमार, 
हॉस्पिटल का सफर अपने पाँव पर तय किया क्योकि, 
काफी strong जो ठहरे मेरे पापा! 
घर वापसी उनका यूँ peralised आना, 
और घर मे फिर मौन छाना! 
papa कि वो तबियत बिगड़ना, 
और फिर सबका एक दूसरे से छिपकर रोना, 
सबकी उम्मीदों का यूं कम होना और, 
पापा को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना, 
इसलिए उनका आज हमारे साथ होना! 
आज मेरी पहचान उनके नाम से होना, 
किसी का मुझे "B. O. sahab" की बोलना और 
मेरा उन्हे कहना जी हाँ यही है
मेरे पापा....!!

©Nisha Sharma

#bachpan .मेरे पापा....!!

8 Love

#विचार  पापा की परियों पर खूब चुटकुले चलते हैं, पर कभी आपने सोचा है बेटियों को अपने ही माता पिता से मिलने वाले प्रेम को इतना glorify क्यो करने की जरूरत पड़ती है। बेटों को क्यो कभी ये साबित नहीं करना पड़ता कि वो अपने माता पिता के कितने दुलारे हैं? जवाब है कि उनको सदियो से ही जन्म से अधिकार और प्यार मिला है। घी का लड्डू टेढो मीठ जिनके लिए कहा गया हो उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करने की जरूरत ही क्या है। वह लायक हो तब तो अच्छा है ही, पर यदि वह शराबी, जुआरी, बलात्कारी, हत्यारा, लुटेरा हो तब भी अंत में उसके हाँथ की मुखाग्नि पाकर माता पिता को स्वर्ग मिल जाता है। तमाम ग्रन्थ, व्रत, उपवास, प्रतीक  पुत्र होने को अलौकिक और अदभुद सिद्ध करने में जुटे हैं। कुछ माता पिता जो कहते हैं " हम तो लड़का लड़की में कोई भेद नहीं करते" उनसे अगर कोई सम्पति में हिस्सा देने की बात कर दे तो उनकी परम्परा और संस्कृति खतरे में आ जाती है। वो दो बीघा जमीन बेच कर लड़की की शादी तो कर देंगे, लेकिन 1 बीघा बेच कर न उनको पढ़ा पाएंगे, न उनके नाम कर पाएंगे। आज भी बेटियां अपने ही अधिकारों से वंचित हैं तो इसके जिम्मेदार जितना समाज है उतना ही उनके माता पिता भी हैं।

©paritosh@run

पापा की परी.

117 View

#पापा #मां  बेहतर मुस्कराना भी मुश्किल है ।
पता है उसे कि मैं निराश हूं।।

©M@nsi Bisht
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