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New अंधेरी रेलवे स्टेशन Status, Photo, Video

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#good_night_images #शायरी  White जिंदगी के स्टेशन पर 
जब उसे विदा करने गए 

उसने कहां  कुछ महीने तुम्हारे संग
इक पल में बीत गए



तुम नहीं रोकोगे 
क्या मैं खुदको रोक लूं ?

आइना बनकर आंखों में तुम्हारे 
जिंदगीभर देख लूं ?



पहले से बंधा हुआ मैं 
उसको कैसे बांध लूं  ?


पैर दलदल में फंसे हुए 
उसको कैसे हाथ दूं  ?


रिहाई की उम्मीद नहीं 
उसको कैसे मनाऊं ?


सबकुछ जानकर भी 
कैसे अपना बनाऊं  ?


फिर पत्थर ने पत्थर बनकर कहां 

देख तेरी गाड़ी तुझे मंजिल पर ले जाएगी 
हमेशा की तरह रात मेरी स्टेशन पर बीत जाएगी...!

©gaTTubaba

#good_night_images जिंदगी के स्टेशन पर जब उसे विदा करने गए उसने कहां कुछ महीने तुम्हारे संग इक पल में बीत गए

171 View

White संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। पीडा समीप में डोले । तो राम राम वे बोले ।। कान्हा कहें सुनो राधा । वो भक्त ही बना बाधा ।। मीठी लगे हमें बोली । जो प्रेम से भरें झोली ।। जो आप पास में होते तो क्यूँ भला बता रोते ।। मैं तो करूँ सदा सेवा । औ चाहता मिले मेवा ।। जो दान में मिला देखा । ये भाग्य से बनी रेखा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White संध्या छन्द :-
221    212    22

इंसान क्या नही खाता ।
क्या देखता नही दाता ।।
है अंत में जरा देरी ।
आयी न रात अंधेरी ।।

पीडा समीप में डोले ।
तो राम राम वे बोले ।।
कान्हा कहें सुनो राधा ।
वो भक्त ही बना बाधा ।।

मीठी लगे हमें बोली ।
जो प्रेम से भरें झोली ।।
जो आप पास में होते
तो क्यूँ भला बता रोते ।।

मैं तो करूँ सदा सेवा ।
औ चाहता मिले मेवा ।।
जो दान में मिला देखा ।
ये भाग्य से बनी रेखा ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।।

15 Love

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©मोरध्वज सिंह

स्टेशन जैसी हो गई है जिंदगी । #Love #Life #शायरी #viral https://amzn.to/3PUgZ6F

117 View

#कोट्स  जिस घर में संस्कार है, वही रमजान है।
बुजुर्ग ही अंधेरी कोठरी के रोशनदान है।।

©Satish Kumar Meena

अंधेरी कोठरी के रोशनदान

117 View

#कविता  रेलवे प्लेटफार्म पर यात्रियों का लगातार आना-जाना है।
रेलगाड़ी का काम मानव को गंतव्य स्थान पर पहुंचना है।।
रेलवे विभागीय कर्मचारियों द्वारा यात्रा सुगम बनाना है।
यात्रीगण कृपया ध्यान दें ,गाड़ी की स्थिति समझाना है।।
आइए कुछ क्षण गाड़ियों के इंतजार में सुस्ताना है।
गाड़ी आते ही तत्परता पूर्वक होशियारी दिखाना है।।
पुछ ताछ केन्द्र का काम पल पल गाड़ी के बारे बताना है।
यहां हर गाड़ी का अपना अलग-अलग होता ठिकाना है।।
यहां कोई नहीं होता है अपना सब बना रहता बेगाना है।
लगातार शोर गुल होता है सबको आपस में बतियाना है।।
सही गाड़ी पर चढ़े अन्यथा कहीं और पहुंच जाना है।
बड़े-बड़े रेलवे स्टेशनों का बस यही तो अफसाना है।।
सजग रहें, सावधान रहें! यही रेलवे का ताना-बाना है।
जान है तो जहान है सुरक्षित यात्रा हो,नहीं हड़बड़ाना है।।

©Dr Wasim Raja

रेलवे स्टेशन

72 View

#वीडियो

रेलवे स्टेशन पर इस लड़की से हुआ pyar❤️

144 View

#good_night_images #शायरी  White जिंदगी के स्टेशन पर 
जब उसे विदा करने गए 

उसने कहां  कुछ महीने तुम्हारे संग
इक पल में बीत गए



तुम नहीं रोकोगे 
क्या मैं खुदको रोक लूं ?

आइना बनकर आंखों में तुम्हारे 
जिंदगीभर देख लूं ?



पहले से बंधा हुआ मैं 
उसको कैसे बांध लूं  ?


पैर दलदल में फंसे हुए 
उसको कैसे हाथ दूं  ?


रिहाई की उम्मीद नहीं 
उसको कैसे मनाऊं ?


सबकुछ जानकर भी 
कैसे अपना बनाऊं  ?


फिर पत्थर ने पत्थर बनकर कहां 

देख तेरी गाड़ी तुझे मंजिल पर ले जाएगी 
हमेशा की तरह रात मेरी स्टेशन पर बीत जाएगी...!

©gaTTubaba

#good_night_images जिंदगी के स्टेशन पर जब उसे विदा करने गए उसने कहां कुछ महीने तुम्हारे संग इक पल में बीत गए

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White संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। पीडा समीप में डोले । तो राम राम वे बोले ।। कान्हा कहें सुनो राधा । वो भक्त ही बना बाधा ।। मीठी लगे हमें बोली । जो प्रेम से भरें झोली ।। जो आप पास में होते तो क्यूँ भला बता रोते ।। मैं तो करूँ सदा सेवा । औ चाहता मिले मेवा ।। जो दान में मिला देखा । ये भाग्य से बनी रेखा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White संध्या छन्द :-
221    212    22

इंसान क्या नही खाता ।
क्या देखता नही दाता ।।
है अंत में जरा देरी ।
आयी न रात अंधेरी ।।

पीडा समीप में डोले ।
तो राम राम वे बोले ।।
कान्हा कहें सुनो राधा ।
वो भक्त ही बना बाधा ।।

मीठी लगे हमें बोली ।
जो प्रेम से भरें झोली ।।
जो आप पास में होते
तो क्यूँ भला बता रोते ।।

मैं तो करूँ सदा सेवा ।
औ चाहता मिले मेवा ।।
जो दान में मिला देखा ।
ये भाग्य से बनी रेखा ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।।

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©मोरध्वज सिंह

स्टेशन जैसी हो गई है जिंदगी । #Love #Life #शायरी #viral https://amzn.to/3PUgZ6F

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#कोट्स  जिस घर में संस्कार है, वही रमजान है।
बुजुर्ग ही अंधेरी कोठरी के रोशनदान है।।

©Satish Kumar Meena

अंधेरी कोठरी के रोशनदान

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#कविता  रेलवे प्लेटफार्म पर यात्रियों का लगातार आना-जाना है।
रेलगाड़ी का काम मानव को गंतव्य स्थान पर पहुंचना है।।
रेलवे विभागीय कर्मचारियों द्वारा यात्रा सुगम बनाना है।
यात्रीगण कृपया ध्यान दें ,गाड़ी की स्थिति समझाना है।।
आइए कुछ क्षण गाड़ियों के इंतजार में सुस्ताना है।
गाड़ी आते ही तत्परता पूर्वक होशियारी दिखाना है।।
पुछ ताछ केन्द्र का काम पल पल गाड़ी के बारे बताना है।
यहां हर गाड़ी का अपना अलग-अलग होता ठिकाना है।।
यहां कोई नहीं होता है अपना सब बना रहता बेगाना है।
लगातार शोर गुल होता है सबको आपस में बतियाना है।।
सही गाड़ी पर चढ़े अन्यथा कहीं और पहुंच जाना है।
बड़े-बड़े रेलवे स्टेशनों का बस यही तो अफसाना है।।
सजग रहें, सावधान रहें! यही रेलवे का ताना-बाना है।
जान है तो जहान है सुरक्षित यात्रा हो,नहीं हड़बड़ाना है।।

©Dr Wasim Raja

रेलवे स्टेशन

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रेलवे स्टेशन पर इस लड़की से हुआ pyar❤️

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