हम भारतीय अपने महान ऋषि-मुनियों, आचार्यों के सदैव ऋणी हैं,
जिन्होंने अपने तप और त्याग से दीर्घायु प्राप्त कर सैकड़ों वर्षों के
शोध कार्य के बाद आने वाली पीढ़ियों के लाभ के लिए ऐसे ग्रंथ लिखे,
जिन्हें आज तक विश्व का कोई भी मानव ( वैज्ञानिक) असत्य सिद्ध
नहीं कर सका है।
उनका आशीर्वाद किसी भी व्यक्ति के जीवन में बड़े बदलाव ला
सकता है, उसके पिछले जीवन के कई-कई जन्मों के बिगड़े कामों को
एक पल में सुधार कर एक सफल जीवन में बदल सकता है।
गांवों और शहरों से दूर, घने जंगलों के बीच तपस्या में लीन ऐसे
महात्माओं के सामने जंगली हिंसक जानवर भी नतमस्तक हो जाते
थे, उन्हीं की आध्यात्मिक प्रेरणा से उन्होंने वेद पुराण उपनिषद
महाग्रंथों की रचना की।
*मैं अपने अंतर्मन से आचार्यों, ऋषियों, संतों को मानव जाति के लिए
किए गए उनके कठिन परिश्रम के लिए नमन और वंदन ❤✍️ *
©KhaultiSyahi
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