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#विचार #Women  गाँठें

सालों से माँओं ने अपनी बेटियों को भेंट की कई सारी गाँठें, कुछ मन से, कुछ अनमने ही!
प्रेम को अपराध बता कर एक गाँठ बाँध दी,
सिखाया प्रेम के बिना ही जीते जाना
कहना ‘जो हुक्म मेरे आका’ और एक गाँठ बाँध दी,
सिर झुका कर जीने के सारे गुण भरे
अपने सपने ख़ुद मत देखना, और एक गाँठ बाँध दी,
जिसमें सबकी ख़ुशी हो वही काम करना तुम
अवमानना एक अपराध है…….

शायद माँओं को भी ऐसे ही कुछ गाँठें मिली होंगी विरासत में। 

अब ये शृंखला तोड़नी है,
इन गाँठों को खोलना है,
भयभीत हो कर कुछ नहीं करना है
ग्लानि कोई गहना नहीं है
अपना जीवन ख़ुद लिखो,
खूब अच्छे से लिखो………

कोई फिर से तुम्हें मिटाए,
फिर से ख़ुद को बनाना तुम
कोई फिर से तुम्हें हराये,
फिर से जीवन जी जाना तुम

©sabr

#Women

144 View

जिस स्त्री ने पुरुष के बचपन को समझ लिया उसने पुरुष के अनंत प्रेम को सदैव के लिए अपना कर लिया ©Kammal Kaant Joshii

#शायरी #feelings #thought #2liners #Shayar  जिस स्त्री ने पुरुष के बचपन को समझ लिया
उसने पुरुष के अनंत प्रेम को सदैव के लिए अपना कर लिया

©Kammal Kaant Joshii

समझ दिया क्यूँ मुझको इतना कि हर बार मैं ही समझती हूँ सहनशीलता दिया क्यूँ इतना कि हर बार मैं ही सब सहती हूँ   भाव सहेज का दिया क्यूँ इतना हर रिश्ता सहेज मैं रखती हूँ भूलने की आदत इतनी क्यूँ दी हर शख्स की गलती भूला करती हूँ   अदा सिर्फ मुस्कुराने की क्यूँ दी दर्द में भी मैं हँसती रहती हूँ रूह तक को भी सब आंसू दे जाते मुस्कान चेहरे पर सदा मैं रखती हूँ   दिल मेरा क्यूँ इतना बड़ा बनाया दफन राज हर शख्स के कर देती हूँ ज्योति आंखों में इतनी भी क्यूँ दी छलते है सब,पर अंधी बनी मैं रहती हूँ ©विजय

#कविता #Women  समझ दिया क्यूँ मुझको इतना
कि हर बार मैं ही समझती हूँ
सहनशीलता दिया क्यूँ इतना
कि हर बार मैं ही सब सहती हूँ
 

भाव सहेज का दिया क्यूँ इतना
हर रिश्ता सहेज मैं रखती हूँ
भूलने की आदत इतनी क्यूँ दी
हर शख्स की गलती भूला करती हूँ

 
अदा सिर्फ मुस्कुराने की क्यूँ दी
दर्द में भी मैं हँसती रहती हूँ
रूह तक को भी सब आंसू दे जाते
मुस्कान चेहरे पर सदा मैं रखती हूँ
 

दिल मेरा क्यूँ इतना बड़ा बनाया
दफन राज हर शख्स के कर देती हूँ
ज्योति आंखों में इतनी भी क्यूँ दी
छलते है सब,पर अंधी बनी मैं रहती हूँ

©विजय

#Women

13 Love

#womeninternational  women's are not just a human there are a super power....
HAPPY WOMEN'S DAY TO ALL THE WOMEN

©Nithyasri

#womeninternational women will be women

54 View

#womeninternational #शायरी #Women #Naari  _*अस्तित्व की तलाश*_

पुरुष प्रधान समाज में अटक रही है नारी, 
जमीन आसमां के बीच लटक रही है नारी !

सब कुछ होकर भी कुछ पास नहीं उसके, 
अस्तित्व की तलाश में भटक रही है नारी !

बंदिशों के जाल में फँसी मछली की तरह,
खुद से लड़ती किस्मत पटक रही है नारी !   

जीने की चाह लिए मन ही मन खुश होती,
अपने में मस्त होकर मटक रही है नारी !

रास नहीं आता किसी को आगे बढ़ जाना, 
हर इंसान की नज़र में खटक रही है नारी !!

....

©@Niv@tiya's

#womeninternational #Women #Naari #Love #Life #Poetry #Shayari

135 View

#Quotes #Women  मेरे जवाब खत्म हो गए,
लेकिन लोगों के सवाल खत्म नहीं होते।।

©Anjali Srivastava

#Women

1,629 View

#विचार #Women  गाँठें

सालों से माँओं ने अपनी बेटियों को भेंट की कई सारी गाँठें, कुछ मन से, कुछ अनमने ही!
प्रेम को अपराध बता कर एक गाँठ बाँध दी,
सिखाया प्रेम के बिना ही जीते जाना
कहना ‘जो हुक्म मेरे आका’ और एक गाँठ बाँध दी,
सिर झुका कर जीने के सारे गुण भरे
अपने सपने ख़ुद मत देखना, और एक गाँठ बाँध दी,
जिसमें सबकी ख़ुशी हो वही काम करना तुम
अवमानना एक अपराध है…….

शायद माँओं को भी ऐसे ही कुछ गाँठें मिली होंगी विरासत में। 

अब ये शृंखला तोड़नी है,
इन गाँठों को खोलना है,
भयभीत हो कर कुछ नहीं करना है
ग्लानि कोई गहना नहीं है
अपना जीवन ख़ुद लिखो,
खूब अच्छे से लिखो………

कोई फिर से तुम्हें मिटाए,
फिर से ख़ुद को बनाना तुम
कोई फिर से तुम्हें हराये,
फिर से जीवन जी जाना तुम

©sabr

#Women

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जिस स्त्री ने पुरुष के बचपन को समझ लिया उसने पुरुष के अनंत प्रेम को सदैव के लिए अपना कर लिया ©Kammal Kaant Joshii

#शायरी #feelings #thought #2liners #Shayar  जिस स्त्री ने पुरुष के बचपन को समझ लिया
उसने पुरुष के अनंत प्रेम को सदैव के लिए अपना कर लिया

©Kammal Kaant Joshii

समझ दिया क्यूँ मुझको इतना कि हर बार मैं ही समझती हूँ सहनशीलता दिया क्यूँ इतना कि हर बार मैं ही सब सहती हूँ   भाव सहेज का दिया क्यूँ इतना हर रिश्ता सहेज मैं रखती हूँ भूलने की आदत इतनी क्यूँ दी हर शख्स की गलती भूला करती हूँ   अदा सिर्फ मुस्कुराने की क्यूँ दी दर्द में भी मैं हँसती रहती हूँ रूह तक को भी सब आंसू दे जाते मुस्कान चेहरे पर सदा मैं रखती हूँ   दिल मेरा क्यूँ इतना बड़ा बनाया दफन राज हर शख्स के कर देती हूँ ज्योति आंखों में इतनी भी क्यूँ दी छलते है सब,पर अंधी बनी मैं रहती हूँ ©विजय

#कविता #Women  समझ दिया क्यूँ मुझको इतना
कि हर बार मैं ही समझती हूँ
सहनशीलता दिया क्यूँ इतना
कि हर बार मैं ही सब सहती हूँ
 

भाव सहेज का दिया क्यूँ इतना
हर रिश्ता सहेज मैं रखती हूँ
भूलने की आदत इतनी क्यूँ दी
हर शख्स की गलती भूला करती हूँ

 
अदा सिर्फ मुस्कुराने की क्यूँ दी
दर्द में भी मैं हँसती रहती हूँ
रूह तक को भी सब आंसू दे जाते
मुस्कान चेहरे पर सदा मैं रखती हूँ
 

दिल मेरा क्यूँ इतना बड़ा बनाया
दफन राज हर शख्स के कर देती हूँ
ज्योति आंखों में इतनी भी क्यूँ दी
छलते है सब,पर अंधी बनी मैं रहती हूँ

©विजय

#Women

13 Love

#womeninternational  women's are not just a human there are a super power....
HAPPY WOMEN'S DAY TO ALL THE WOMEN

©Nithyasri

#womeninternational women will be women

54 View

#womeninternational #शायरी #Women #Naari  _*अस्तित्व की तलाश*_

पुरुष प्रधान समाज में अटक रही है नारी, 
जमीन आसमां के बीच लटक रही है नारी !

सब कुछ होकर भी कुछ पास नहीं उसके, 
अस्तित्व की तलाश में भटक रही है नारी !

बंदिशों के जाल में फँसी मछली की तरह,
खुद से लड़ती किस्मत पटक रही है नारी !   

जीने की चाह लिए मन ही मन खुश होती,
अपने में मस्त होकर मटक रही है नारी !

रास नहीं आता किसी को आगे बढ़ जाना, 
हर इंसान की नज़र में खटक रही है नारी !!

....

©@Niv@tiya's

#womeninternational #Women #Naari #Love #Life #Poetry #Shayari

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#Quotes #Women  मेरे जवाब खत्म हो गए,
लेकिन लोगों के सवाल खत्म नहीं होते।।

©Anjali Srivastava

#Women

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