tags

New नागार्जुन कविता Status, Photo, Video

Find the latest Status about नागार्जुन कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about नागार्जुन कविता.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

99 View

,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Harsh Sharma

 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

©Harsh Sharma

#कविता

16 Love

#कविता

कविता

441 View

#यूँ_ही_कुछ_मुस्काकर_तुमने #त्रिलोचन_शास्त्री #कविता  "यूँ ही कुछ मुस्काकर तुमने
परिचय की वो गाँठ लगा दी!

कभी कभी यूँ हो जाता है
गीत कहीं कोई गाता है
गूँज किसी उर में उठती है
तुमने वही धार उमगा दी 

जाने कौन लहर थी उस दिन
तुमने अपनी याद जगा दी"¹

©HintsOfHeart.

#त्रिलोचन_शास्त्री #यूँ_ही_कुछ_मुस्काकर_तुमने 1.वह आधुनिक हिंदी कविता की प्रगतिशील त्रयी के तीन स्तंभों में से एक थे। इस त्रयी के अन्य

99 View

#They_also_serve_who_stand_and_wait #प्रेरक  ■ उनको प्रणाम!

"जो छोटी–सी नैया लेकर
उतरे करने को उदधि–पार;
मन की मन में ही रही¸स्वयं
हो गए उसी में निराकार!
उनको प्रणाम!

जो उच्च शिखर की ओर बढ़े
रह–रह नव–नव उत्साह भरे;
पर कुछ ने ले ली हिम–समाधि
कुछ असफल ही नीचे उतरे!
उनको प्रणाम!"*

©HintsOfHeart.

#They_also_serve_who_stand_and_wait. * नागार्जुन

243 View

#कविता

14,247 View

#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

99 View

,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Harsh Sharma

 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

©Harsh Sharma

#कविता

16 Love

#कविता

कविता

441 View

#यूँ_ही_कुछ_मुस्काकर_तुमने #त्रिलोचन_शास्त्री #कविता  "यूँ ही कुछ मुस्काकर तुमने
परिचय की वो गाँठ लगा दी!

कभी कभी यूँ हो जाता है
गीत कहीं कोई गाता है
गूँज किसी उर में उठती है
तुमने वही धार उमगा दी 

जाने कौन लहर थी उस दिन
तुमने अपनी याद जगा दी"¹

©HintsOfHeart.

#त्रिलोचन_शास्त्री #यूँ_ही_कुछ_मुस्काकर_तुमने 1.वह आधुनिक हिंदी कविता की प्रगतिशील त्रयी के तीन स्तंभों में से एक थे। इस त्रयी के अन्य

99 View

#They_also_serve_who_stand_and_wait #प्रेरक  ■ उनको प्रणाम!

"जो छोटी–सी नैया लेकर
उतरे करने को उदधि–पार;
मन की मन में ही रही¸स्वयं
हो गए उसी में निराकार!
उनको प्रणाम!

जो उच्च शिखर की ओर बढ़े
रह–रह नव–नव उत्साह भरे;
पर कुछ ने ले ली हिम–समाधि
कुछ असफल ही नीचे उतरे!
उनको प्रणाम!"*

©HintsOfHeart.

#They_also_serve_who_stand_and_wait. * नागार्जुन

243 View

#कविता

14,247 View

Trending Topic