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New ग़ज़ल ऑफ़ राहत इन्दोरी Status, Photo, Video

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#मोटिवेशनल

🔥🔥🔥 success मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे शायरी मोटिवेशनल

81 View

#मोटिवेशनल #Pankhudiyan

#Pankhudiyan मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स' success मोटिवेशनल कोट्स Extraterrestrial life Kalki

135 View

#कविता #UskeHaath  उसके हाथों में जो सितारे हों, उन्हें छूने की मेरी ख्वाहिश है।
वो हसीं बातें जो उसके लबों से निकलें, उन्हें सुनने की मेरी आरज़ू है।
उसके हाथों की छूटी बातों में, मेरी ज़िंदगी की राहत छुपी है।
उन अनमोल लम्हों के ज़रिए, मेरी धड़कनों की तारीक़ी बनी है।
उसके हाथों की एहसासों में, मेरी खुशबू की खुशी बसी है।
उन लम्हों के मोहरों से, मेरी किताबों की कहानी लिखी है।
उसके हाथों में जो प्यार हो, उसी में मेरा सब कुछ समाया है।
उन लम्हों की मिठास में, मेरा जीना बस खुशियों से सजाया है।
उसके हाथों की ग़ज़ल बनी है, जिनमें मेरी दुनिया बसी है।
उसके हाथों के साथ में, मेरा ख्वाब सच होने की राहत पाई है।

©Nirankar Trivedi

उसके हाथों की ग़ज़ल बनी है, जिनमें मेरी दुनिया बसी है।उसके हाथों के साथ में, मेरा ख्वाब सच होने की राहत पाई है।#UskeHaath

171 View

#वीडियो #ग़ज़ल #शायरी #poetryunplugged #शेर
 White दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले

माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले

कभी लिखवाने गए ख़त कभी पढ़वाने गए
हम हसीनों से इसी हीले बहाने से मिले

इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले

एक हम ही नहीं फिरते हैं लिए क़िस्सा-ए-ग़म
उन के ख़ामोश लबों पर भी फ़साने से मिले

कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले

©Jashvant

ग़ज़ल ( माँ )

108 View

#शायरी #ग़ज़ल  White लगी आग घर  में  उसे  तो बुझा दो।
बुझा दीप घर का उसे तो जला दो।

कहां से  चले थे  कहां आ  गए  हम
जगे तम कहर की खबर को छुपा दो।

जहां  में भले  की करो बात हर-दिन 
इसी  से  जहां  से , बुरे को मिटा दो।

खुशी है जहां में न शिकवा शिकायत
भली ज़िन्दगी है जहां फिर निभा दो।

सज़ा क्या लिखा है उसे तुम मुझे भी 
लिखी तो नहीं है किसी को वफ़ा दो।

मिटा  जिंदगी  इश्क  में  आदमी है।
उसी आदमी  का मुझे तुम पता दो।

दवा से बड़ी चीज हमको मिली है।
मिटे रोग उसका कि ऐसी दवा दो।

✍️ के एल महोबिया

©K L MAHOBIA

#ग़ज़ल - के एल महोबिया

144 View

#मोटिवेशनल

🔥🔥🔥 success मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे शायरी मोटिवेशनल

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#मोटिवेशनल #Pankhudiyan

#Pankhudiyan मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स' success मोटिवेशनल कोट्स Extraterrestrial life Kalki

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#कविता #UskeHaath  उसके हाथों में जो सितारे हों, उन्हें छूने की मेरी ख्वाहिश है।
वो हसीं बातें जो उसके लबों से निकलें, उन्हें सुनने की मेरी आरज़ू है।
उसके हाथों की छूटी बातों में, मेरी ज़िंदगी की राहत छुपी है।
उन अनमोल लम्हों के ज़रिए, मेरी धड़कनों की तारीक़ी बनी है।
उसके हाथों की एहसासों में, मेरी खुशबू की खुशी बसी है।
उन लम्हों के मोहरों से, मेरी किताबों की कहानी लिखी है।
उसके हाथों में जो प्यार हो, उसी में मेरा सब कुछ समाया है।
उन लम्हों की मिठास में, मेरा जीना बस खुशियों से सजाया है।
उसके हाथों की ग़ज़ल बनी है, जिनमें मेरी दुनिया बसी है।
उसके हाथों के साथ में, मेरा ख्वाब सच होने की राहत पाई है।

©Nirankar Trivedi

उसके हाथों की ग़ज़ल बनी है, जिनमें मेरी दुनिया बसी है।उसके हाथों के साथ में, मेरा ख्वाब सच होने की राहत पाई है।#UskeHaath

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#वीडियो #ग़ज़ल #शायरी #poetryunplugged #शेर
 White दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले

माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले

कभी लिखवाने गए ख़त कभी पढ़वाने गए
हम हसीनों से इसी हीले बहाने से मिले

इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले

एक हम ही नहीं फिरते हैं लिए क़िस्सा-ए-ग़म
उन के ख़ामोश लबों पर भी फ़साने से मिले

कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले

©Jashvant

ग़ज़ल ( माँ )

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#शायरी #ग़ज़ल  White लगी आग घर  में  उसे  तो बुझा दो।
बुझा दीप घर का उसे तो जला दो।

कहां से  चले थे  कहां आ  गए  हम
जगे तम कहर की खबर को छुपा दो।

जहां  में भले  की करो बात हर-दिन 
इसी  से  जहां  से , बुरे को मिटा दो।

खुशी है जहां में न शिकवा शिकायत
भली ज़िन्दगी है जहां फिर निभा दो।

सज़ा क्या लिखा है उसे तुम मुझे भी 
लिखी तो नहीं है किसी को वफ़ा दो।

मिटा  जिंदगी  इश्क  में  आदमी है।
उसी आदमी  का मुझे तुम पता दो।

दवा से बड़ी चीज हमको मिली है।
मिटे रोग उसका कि ऐसी दवा दो।

✍️ के एल महोबिया

©K L MAHOBIA

#ग़ज़ल - के एल महोबिया

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