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New चित्रकार रघुवीर मुळगावकर Status, Photo, Video

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#Premrana_official #फ़िल्म #nojohindi #Trending #PremRana

RAJA RAVI VARMA - biography - VOICE ACTOR - PREM RANA चित्रकार - भारत के देवी-देवताओं का पहला चित्र बनाने वाले | कथावाचक: प्रेम राणा Raj

27 View

#चित्रकार #कविता  कलम की धुरी से 
         रेखाओं को मिलाते हुये 
               वो मुक्तहस्त महारत 
                      अक्श मेरा बनाता है....

कभी श्वेतपटल पर  
     कभी अंतःकरण पर 
                निमग्न होकर .. 
        नयन नक्श उकेरता हुआ
    कुछ सोचता हुआ बढ़ते जाता है.. 
        चित्त की छवि को 
         स्व-भावों के सादृश में पटल पर 
              गढ़ते जाता है.... 

कभी रुकता, क्षुब्ध होता 
        मन टटोल त्रुटियां सुधारकर 
            फिर कोई गीत गुनगुनाता है....

कभी केश कर्ण भृकुटि 
बनाते हुये 
लबों पे कलम दबाता है....

         रेखाओं को रेखाओं से
                  मिलाते हुए.... 
                     स्याह फैलाते हुये....
              श्वेत श्याम रंग रंग जाता है... 
      इस तरह वो धीर गंभीर रचियेता 
            निज लक्ष्य की ओर 
                    बढ़ते चला जाता  है..  

     वो शब्दकार होकर भी 
            चित्रकार बन जाता है.... 
          कलम की ताकत से 
             चित्र विचित्र गढ़ जाता है...

©अज्ञात

Beautiful Moon Night दोहा :- माता तेरे नाम का , रखता हूँ उपवास । सुत मेरा भी हो सही , बस इतनी है आस ।।१ बदलो मेरे भाग्य की , माता जी अब रेख । हँसते हैं सब लोग अब , कष्ट हमारे देख ।।२ जीवन से मैं हार कर , होता नही निराश । करता रहता कर्म हूँ , होगा क्यों न प्रकाश ।।३ इस दुनिया में मातु पर , रखना नित विश्वास । वे ही अपने लाल के , रहती हैं निज पास ।।४ कहकर उसको क्यों बुरा , बुरे बने हम आज । ये तो विधि का लेख है , करता वह जो काज ।।५ कभी किसी के कष्ट को , देख हँसे मत आप । वह भी माँ का लाल है , हँसकर मत लो श्राप ।।६ मदद नही जब कर सको , रहना उनसे दूर । कल उनके जैसे कहीं , आप न हों मजबूर ।।७ करने उसकी ही मदद , भेजे हैं रघुवीर । ज्यादा मत कुछ कर सको ,बँधा उसे फिर धीर ।।८ जग में सबकी मातु है, जीव-जन्तु इंसान । कर ले उनकी वंदना , मिल जाये भगवान ।।९ माँ की सेवा से कभी , मुख मत लेना मोड़ । उनकी सेवा से जुड़े , हैं जीवन के जोड़ ।।१० ११/०४/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  Beautiful Moon Night दोहा :-

माता तेरे नाम का , रखता हूँ उपवास ।
सुत मेरा भी हो सही , बस इतनी है आस ।।१
बदलो मेरे भाग्य की , माता जी अब रेख ।
हँसते हैं सब लोग अब , कष्ट हमारे देख ।।२
जीवन से मैं हार कर , होता नही निराश ।
करता रहता कर्म हूँ , होगा क्यों न प्रकाश ।।३
इस दुनिया में मातु पर , रखना नित विश्वास ।
वे ही अपने लाल के , रहती हैं निज पास ।।४
कहकर उसको क्यों बुरा , बुरे बने हम आज ।
ये तो विधि का लेख है , करता वह जो काज ।।५
कभी किसी के कष्ट को , देख हँसे मत आप ।
वह भी माँ का लाल है , हँसकर मत लो श्राप ।।६
मदद नही जब कर सको , रहना उनसे दूर ।
कल उनके जैसे कहीं , आप न हों मजबूर ।।७
करने उसकी ही मदद , भेजे हैं रघुवीर ।
ज्यादा मत कुछ कर सको ,बँधा उसे फिर धीर ।।८
जग में सबकी मातु है, जीव-जन्तु इंसान ।
कर ले उनकी वंदना , मिल जाये भगवान ।।९
माँ की सेवा से कभी , मुख मत लेना मोड़ ।
उनकी सेवा से जुड़े , हैं जीवन के जोड़ ।।१०

११/०४/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- माता तेरे नाम का , रखता हूँ उपवास । सुत मेरा भी हो सही , बस इतनी है आस ।।१ बदलो मेरे भाग्य की , माता जी अब रेख । हँसते हैं सब लोग अ

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#Premrana_official #फ़िल्म #nojohindi #Trending #PremRana

RAJA RAVI VARMA - biography - VOICE ACTOR - PREM RANA चित्रकार - भारत के देवी-देवताओं का पहला चित्र बनाने वाले | कथावाचक: प्रेम राणा Raj

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#चित्रकार #कविता  कलम की धुरी से 
         रेखाओं को मिलाते हुये 
               वो मुक्तहस्त महारत 
                      अक्श मेरा बनाता है....

कभी श्वेतपटल पर  
     कभी अंतःकरण पर 
                निमग्न होकर .. 
        नयन नक्श उकेरता हुआ
    कुछ सोचता हुआ बढ़ते जाता है.. 
        चित्त की छवि को 
         स्व-भावों के सादृश में पटल पर 
              गढ़ते जाता है.... 

कभी रुकता, क्षुब्ध होता 
        मन टटोल त्रुटियां सुधारकर 
            फिर कोई गीत गुनगुनाता है....

कभी केश कर्ण भृकुटि 
बनाते हुये 
लबों पे कलम दबाता है....

         रेखाओं को रेखाओं से
                  मिलाते हुए.... 
                     स्याह फैलाते हुये....
              श्वेत श्याम रंग रंग जाता है... 
      इस तरह वो धीर गंभीर रचियेता 
            निज लक्ष्य की ओर 
                    बढ़ते चला जाता  है..  

     वो शब्दकार होकर भी 
            चित्रकार बन जाता है.... 
          कलम की ताकत से 
             चित्र विचित्र गढ़ जाता है...

©अज्ञात

Beautiful Moon Night दोहा :- माता तेरे नाम का , रखता हूँ उपवास । सुत मेरा भी हो सही , बस इतनी है आस ।।१ बदलो मेरे भाग्य की , माता जी अब रेख । हँसते हैं सब लोग अब , कष्ट हमारे देख ।।२ जीवन से मैं हार कर , होता नही निराश । करता रहता कर्म हूँ , होगा क्यों न प्रकाश ।।३ इस दुनिया में मातु पर , रखना नित विश्वास । वे ही अपने लाल के , रहती हैं निज पास ।।४ कहकर उसको क्यों बुरा , बुरे बने हम आज । ये तो विधि का लेख है , करता वह जो काज ।।५ कभी किसी के कष्ट को , देख हँसे मत आप । वह भी माँ का लाल है , हँसकर मत लो श्राप ।।६ मदद नही जब कर सको , रहना उनसे दूर । कल उनके जैसे कहीं , आप न हों मजबूर ।।७ करने उसकी ही मदद , भेजे हैं रघुवीर । ज्यादा मत कुछ कर सको ,बँधा उसे फिर धीर ।।८ जग में सबकी मातु है, जीव-जन्तु इंसान । कर ले उनकी वंदना , मिल जाये भगवान ।।९ माँ की सेवा से कभी , मुख मत लेना मोड़ । उनकी सेवा से जुड़े , हैं जीवन के जोड़ ।।१० ११/०४/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  Beautiful Moon Night दोहा :-

माता तेरे नाम का , रखता हूँ उपवास ।
सुत मेरा भी हो सही , बस इतनी है आस ।।१
बदलो मेरे भाग्य की , माता जी अब रेख ।
हँसते हैं सब लोग अब , कष्ट हमारे देख ।।२
जीवन से मैं हार कर , होता नही निराश ।
करता रहता कर्म हूँ , होगा क्यों न प्रकाश ।।३
इस दुनिया में मातु पर , रखना नित विश्वास ।
वे ही अपने लाल के , रहती हैं निज पास ।।४
कहकर उसको क्यों बुरा , बुरे बने हम आज ।
ये तो विधि का लेख है , करता वह जो काज ।।५
कभी किसी के कष्ट को , देख हँसे मत आप ।
वह भी माँ का लाल है , हँसकर मत लो श्राप ।।६
मदद नही जब कर सको , रहना उनसे दूर ।
कल उनके जैसे कहीं , आप न हों मजबूर ।।७
करने उसकी ही मदद , भेजे हैं रघुवीर ।
ज्यादा मत कुछ कर सको ,बँधा उसे फिर धीर ।।८
जग में सबकी मातु है, जीव-जन्तु इंसान ।
कर ले उनकी वंदना , मिल जाये भगवान ।।९
माँ की सेवा से कभी , मुख मत लेना मोड़ ।
उनकी सेवा से जुड़े , हैं जीवन के जोड़ ।।१०

११/०४/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- माता तेरे नाम का , रखता हूँ उपवास । सुत मेरा भी हो सही , बस इतनी है आस ।।१ बदलो मेरे भाग्य की , माता जी अब रेख । हँसते हैं सब लोग अ

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