tags

New कान्हा छलकत हमरी गगरिया Status, Photo, Video

Find the latest Status about कान्हा छलकत हमरी गगरिया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about कान्हा छलकत हमरी गगरिया.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#वीडियो

मेरा कान्हा

126 View

#कान्हा #कविता  White कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,,तेरा दिवाना है..
जाने तुझमें छुपा क्या खजाना है..!

लोग कहते हैं, कान्हा मेरी बन्दगी
कोई कहता है तू ही तो है जिंदगी..
कोई कहता है तुझको ही पाना है..
कोई तुझमे ही डूबा बेगाना है..
कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,, तेरा दिवाना है..!

तेरी मूरत में ऐसा क्या जादू भरा 
काहे अधरों तूने है मुरली धरा 
क्या वजह है तू कितना सुहाना है..
भेद तेरा बता किसने जाना है..
कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,, तेरा दिवाना है..!

क्या है तुझमे जो औरों में मिलता नहीं
कोई तुझसा जहाँ में क्यूँ दिखता नहीं
लोग चरणों में मांगें ठिकाना है..
हर तरफ तेरा जलवा पुराना है..
कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,, तेरा दिवाना है..!

थी दिवानी वो मीरा जिसे तुम मिले
फिर कहां किसकी किस्मत के ताले खुले
फिर भी तुझसे ही दिल तो लगाना है 
ऐसा पागल ये सारा जमाना है..
कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,, तेरा दिवाना है..!

©अज्ञात
#कान्हा #कविता  कैसे तुम्हे मनाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊ..

तुम्हरे बिरह मन मीन हुआ रे 
नैनन नीर बहाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

तुम तो बसे कान्हा गोकुल में 
तुम तक पहुँच ना पाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

रूखा सूखा भोजन मोरा
का पकवान खिलाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

हम दुखियन को कौन सहारो
किस विधि मैं समझाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

कह राकेश अरज गिरधारी
चरनन शीश नवाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

©अज्ञात
#कान्हा #कविता  कितना सताते हो बड़ा तरसाते हो
प्रेम की ज्योत जगा के क्यूँ नही आते हो
                                        रुलाते हो
ओ....कान्हा...आ..ओ कान्हा

हम चाकर हैं श्याम दरस दीवाने हैं
कैसे तुझको पाएँ भगत अनजाने हैं
तुम समझ लो ना, जैसा भी नाता है
तुम जो रूठे तो कुछ भी ना भाता है
तुम ही जिलाते हो, तुम ही मिटाते हो 
प्रेम की ज्योत जगा के क्यूँ नही आते हो...!
                                           रुलाते हो..! 
ओ....कान्हा...आ..ओ कान्हा

भवसागर में छोड़ अगर तुम जाओगे
भक्तों का उपहास अगर उड़वाओगे
तो समझ लेना ना जीत तुम्हारी है
हाँ मगर सच्ची ये प्रीत हमारी है
अपना बनाते हो दिल में बसाते हो
प्रेम की ज्योत जगा के क्यूँ नही आते हो..!
                                            रुलाते हो..!
ओ....कान्हा...आ.. ओ कान्हा   
   
क्षीर सिन्धु से बाहर भी तो आओ तुम
दीवानों पर थोड़ा रहम दिखाओ तुम
तुम कहाँ बैठे हम ढूँढ़ ना पायें
कौन जतन कर लें कैसे तुम्हें पायें 
तुम ही बुलाते हो भूल भी जाते हो 
भक्त बुलाते फिर तुम क्यूँ नहीं आते हो.. 
                                            आते हो.. 
ओ....कान्हा...आ.. ओ कान्हा

©अज्ञात
#कान्हा #भक्ति #sad_shayari  White रफ्ता रफ्ता मेरे पास आ रहा है कोई ।
ये कान्हा! तेरी मुरली की धुन सुना रहा है कोई ।
सावन के झूलों ने मन को रिझाया  "राज"।
न जाने कैसे बृंदावन धाम ले जा रहा है कोई ।

©राजेश कुमार

मन वृन्दावन हो जाएगा जब कान्हा आएगा। मधुर मधुर सुन मुरली की धुन दिन मेरा बन जाएगा। ©SarkaR

#कान्हा #शायरी  मन वृन्दावन हो जाएगा
जब कान्हा आएगा।

मधुर मधुर सुन मुरली की
धुन दिन मेरा बन जाएगा।

©SarkaR
#वीडियो

मेरा कान्हा

126 View

#कान्हा #कविता  White कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,,तेरा दिवाना है..
जाने तुझमें छुपा क्या खजाना है..!

लोग कहते हैं, कान्हा मेरी बन्दगी
कोई कहता है तू ही तो है जिंदगी..
कोई कहता है तुझको ही पाना है..
कोई तुझमे ही डूबा बेगाना है..
कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,, तेरा दिवाना है..!

तेरी मूरत में ऐसा क्या जादू भरा 
काहे अधरों तूने है मुरली धरा 
क्या वजह है तू कितना सुहाना है..
भेद तेरा बता किसने जाना है..
कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,, तेरा दिवाना है..!

क्या है तुझमे जो औरों में मिलता नहीं
कोई तुझसा जहाँ में क्यूँ दिखता नहीं
लोग चरणों में मांगें ठिकाना है..
हर तरफ तेरा जलवा पुराना है..
कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,, तेरा दिवाना है..!

थी दिवानी वो मीरा जिसे तुम मिले
फिर कहां किसकी किस्मत के ताले खुले
फिर भी तुझसे ही दिल तो लगाना है 
ऐसा पागल ये सारा जमाना है..
कान्हा ये बता, क्यूँ जहाँ,, तेरा दिवाना है..!

©अज्ञात
#कान्हा #कविता  कैसे तुम्हे मनाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊ..

तुम्हरे बिरह मन मीन हुआ रे 
नैनन नीर बहाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

तुम तो बसे कान्हा गोकुल में 
तुम तक पहुँच ना पाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

रूखा सूखा भोजन मोरा
का पकवान खिलाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

हम दुखियन को कौन सहारो
किस विधि मैं समझाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

कह राकेश अरज गिरधारी
चरनन शीश नवाऊँ साँवरे
कैसे तुम्हें मनाऊँ..

©अज्ञात
#कान्हा #कविता  कितना सताते हो बड़ा तरसाते हो
प्रेम की ज्योत जगा के क्यूँ नही आते हो
                                        रुलाते हो
ओ....कान्हा...आ..ओ कान्हा

हम चाकर हैं श्याम दरस दीवाने हैं
कैसे तुझको पाएँ भगत अनजाने हैं
तुम समझ लो ना, जैसा भी नाता है
तुम जो रूठे तो कुछ भी ना भाता है
तुम ही जिलाते हो, तुम ही मिटाते हो 
प्रेम की ज्योत जगा के क्यूँ नही आते हो...!
                                           रुलाते हो..! 
ओ....कान्हा...आ..ओ कान्हा

भवसागर में छोड़ अगर तुम जाओगे
भक्तों का उपहास अगर उड़वाओगे
तो समझ लेना ना जीत तुम्हारी है
हाँ मगर सच्ची ये प्रीत हमारी है
अपना बनाते हो दिल में बसाते हो
प्रेम की ज्योत जगा के क्यूँ नही आते हो..!
                                            रुलाते हो..!
ओ....कान्हा...आ.. ओ कान्हा   
   
क्षीर सिन्धु से बाहर भी तो आओ तुम
दीवानों पर थोड़ा रहम दिखाओ तुम
तुम कहाँ बैठे हम ढूँढ़ ना पायें
कौन जतन कर लें कैसे तुम्हें पायें 
तुम ही बुलाते हो भूल भी जाते हो 
भक्त बुलाते फिर तुम क्यूँ नहीं आते हो.. 
                                            आते हो.. 
ओ....कान्हा...आ.. ओ कान्हा

©अज्ञात
#कान्हा #भक्ति #sad_shayari  White रफ्ता रफ्ता मेरे पास आ रहा है कोई ।
ये कान्हा! तेरी मुरली की धुन सुना रहा है कोई ।
सावन के झूलों ने मन को रिझाया  "राज"।
न जाने कैसे बृंदावन धाम ले जा रहा है कोई ।

©राजेश कुमार

मन वृन्दावन हो जाएगा जब कान्हा आएगा। मधुर मधुर सुन मुरली की धुन दिन मेरा बन जाएगा। ©SarkaR

#कान्हा #शायरी  मन वृन्दावन हो जाएगा
जब कान्हा आएगा।

मधुर मधुर सुन मुरली की
धुन दिन मेरा बन जाएगा।

©SarkaR
Trending Topic