Village Life रचना दिनांक 14,,,3,,,2024,,
वार,,,, शुक्रवार
समय काल,, पांच बजे
््््निज विचार ्््
्््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर मालवी से
लोकगीत लोककथा नूक्कड लघु कथा सत्संग प्रेयर
निमाडी आदिवासियों की लोक परमपरम्पराऐ में
जन मानस जनजीवन पर जिंदगी में
पर्व त्यौहार एवं फाग महोत्सव भगोरिया पर्व
आदिवासी बहुल इलाकों में इस अवसर पर
नयीनवेली नवयुगल में ब्याह शादी विवाह हो जाते है ््््
््््््
घर आंगन चौक चौराहे पर हुड़दंग मचाने वाले लव में एक स्वर में
प्रेम से अन्तर्मन में नाचते गाते नाचने लगे ।।
ढोल बाजे बजने लगे नगाड़े बजाकर खुशी में रंगबिरंगे फूल और
कांटे पथ्थर से अपनी दिशा लेकर बाजार में ,,
शहर में हाट बाजार में एक साथ हंसी ठिठौली करते ।।
फाग गायक फागुन गवैया सांझ ढले में ,,
एक बार फिर मांद में जाम लगा ताड़ी पीती रहीं है।।
ग्राम में शहर से हर एक को राह दिखाने मेंक्या हो प्यारा सा,,
जीवन में एक दुसरे को तैयार होकर श्रंगार किया।।
छैल छबीला रंग रंगीला बसंत रीतु और फाग महोत्सव,,
पर जिंदगी को मस्त कर देख रही है ।।
््््््
्््भावचित्र ््
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
््््््दिनाक ्14 ,,,मार्च,,,2024,,,
©Shailendra Anand
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