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#कोट्स  White ओ लेखनी विश्राम कर
अब और यात्रायें नहीं

मंगल कलश पर 
काव्य के अब शब्द 
के स्वस्तिक न रच
अक्षम समीक्षायें
परख सकतीं न
कवि का झूठ सच

लिख मत गुलाबी पंक्तियाँ
गिन छ्न्द, मात्रायें नहीं

बन्दी अधेंरे 
कक्ष में अनुभूति की
शिल्पा छुअन
वादों विवादों में 
घिरा साहित्य का 
शिक्षा सदन

अनगिन प्रवक्ता हैं यहाँ
बस छात्र छात्रायें नहीं............................ ✍️🙏🙏

©Neelam Modanwal

ओ लेखनी विश्राम कर अब और यात्रायें नहीं मंगल कलश पर काव्य के अब शब्द के स्वस्तिक न रच अक्षम समीक्षायें परख सकतीं न

648 View

#Sad_shayri #gazal  White अंधेरे चीखते है खिड़कियां आवाज़ देती  है
बहरी  हुकूमत  अंधों  को ही  काज देती  है 

जुल्मों सितम से अक्सर लड़ते है कलमकार
गूंगों   को  भी  लेखनी,  अल्फ़ाज़   देती  है 

मीडिया  भी   झूठ    का  स्कूल   हो    गया
झूठों  को  बोलने   का   अंदाज़    देती   है


वक्त  कभी  एक सा  रहता  नही   "इरफान" 
मुफलिस को ज़िंदगी भी कभी ताज देती  है

©Irfan Saeed

अंधेरे चीखते है खिड़कियां आवाज़ देती है बहरी हुकूमत अंधों को ही काज देती है जुल्मों सितम से अक्सर लड़ते है कलमकार गूंगों को भी लेखनी, अल्

954 View

#Alpha_Infinity #लाइफ #flowers #piano #SAD  White बेशक तेरे इश्क का बुखार उतर गया।
जालिम तेरे जीवन में कोई और ही आ गया।
मेरी समझ ना समझ जैसी थी,
पर अब लिखने का कोई फायदा ना था।
खत्म हो गया है जब ये सब।
रोने का कोई फायदा ना था।

©Alpha_Infinity

पता नहीं क्या ही दिक्कत थी, उनको कभी हमारी लेखनी भी अच्छी ना लगी। तारीफ भी किसी और की, प्यार भी किसी और से। चलो कोई नहीं वो अपने जीवन में खु

1,125 View

#कोट्स  White ओ लेखनी विश्राम कर
अब और यात्रायें नहीं

मंगल कलश पर 
काव्य के अब शब्द 
के स्वस्तिक न रच
अक्षम समीक्षायें
परख सकतीं न
कवि का झूठ सच

लिख मत गुलाबी पंक्तियाँ
गिन छ्न्द, मात्रायें नहीं

बन्दी अधेंरे 
कक्ष में अनुभूति की
शिल्पा छुअन
वादों विवादों में 
घिरा साहित्य का 
शिक्षा सदन

अनगिन प्रवक्ता हैं यहाँ
बस छात्र छात्रायें नहीं............................ ✍️🙏🙏

©Neelam Modanwal

ओ लेखनी विश्राम कर अब और यात्रायें नहीं मंगल कलश पर काव्य के अब शब्द के स्वस्तिक न रच अक्षम समीक्षायें परख सकतीं न

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#Sad_shayri #gazal  White अंधेरे चीखते है खिड़कियां आवाज़ देती  है
बहरी  हुकूमत  अंधों  को ही  काज देती  है 

जुल्मों सितम से अक्सर लड़ते है कलमकार
गूंगों   को  भी  लेखनी,  अल्फ़ाज़   देती  है 

मीडिया  भी   झूठ    का  स्कूल   हो    गया
झूठों  को  बोलने   का   अंदाज़    देती   है


वक्त  कभी  एक सा  रहता  नही   "इरफान" 
मुफलिस को ज़िंदगी भी कभी ताज देती  है

©Irfan Saeed

अंधेरे चीखते है खिड़कियां आवाज़ देती है बहरी हुकूमत अंधों को ही काज देती है जुल्मों सितम से अक्सर लड़ते है कलमकार गूंगों को भी लेखनी, अल्

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#Alpha_Infinity #लाइफ #flowers #piano #SAD  White बेशक तेरे इश्क का बुखार उतर गया।
जालिम तेरे जीवन में कोई और ही आ गया।
मेरी समझ ना समझ जैसी थी,
पर अब लिखने का कोई फायदा ना था।
खत्म हो गया है जब ये सब।
रोने का कोई फायदा ना था।

©Alpha_Infinity

पता नहीं क्या ही दिक्कत थी, उनको कभी हमारी लेखनी भी अच्छी ना लगी। तारीफ भी किसी और की, प्यार भी किसी और से। चलो कोई नहीं वो अपने जीवन में खु

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