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New मुस्कुराया हूं Status, Photo, Video

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White *मैं एक ग्रुप हूं* हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं मेरी भी एक आत्मा है एक चेतना है,एक रुप है । मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं, मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य । तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो, तुम जब सो जाती हो, तो भी मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए। तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं , तुम्हारे साथ उठती व सोती हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं। मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से, पर याद रख...... मैं तुमसे योग दर्शन सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।। जानते हो क्यूं???? क्यूंकि मैं मां हूं। तुम आगे बड़ो, ....... मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में। फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं। मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं। मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में *Happy Mother's Day* Pankaj Sinha Ahmedabad 🙏🙏🙏 ©PANKAJ KUMAR SINHA

#कविता  White *मैं एक ग्रुप हूं* 

हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं 
मेरी भी एक आत्मा है 
एक चेतना है,एक रुप है ।
मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं,

 मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य ।

तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, 

मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, 

चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो,

तुम जब सो जाती हो,

तो भी  मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए।

तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, 

तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं ,
तुम्हारे साथ उठती व सोती  हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं।

मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, 

मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से,

पर याद रख......

मैं तुमसे योग दर्शन  सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।।

जानते  हो क्यूं????

क्यूंकि मैं मां हूं।
तुम आगे बड़ो, .......

मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में।
फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं।
मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं।

मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं 
क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में 

 *Happy Mother's Day*

Pankaj Sinha
Ahmedabad 
🙏🙏🙏

©PANKAJ KUMAR SINHA

मै मां हूं

15 Love

#कविता  White मैं तो हूं:- 

इस निर्जन स्थान पर, 
एक अकेला मैं तो हूं।
मेरी काया की छाया में,,
राहत देने वाला मैं तो हूं।।

तुम्हारी जीवनी की गाथा,
मेरी मौजूदगी में आगे बढ़ेगी।
मजबूत हृदय से जुड़ी सांसे,,
समय के साथ उतरेगी,चढ़ेगी।।

मेरा अंत भी तुम्हारे अंत में,
साथ निभाने वाला,मैं तो हूं।
मेरी काया की छाया में,,
राहत देने वाला मैं तो हूं।।

©Satish Kumar Meena

मैं तो हूं

117 View

#मैं #Bhakti #Lake  White मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं
ना किसी की जमीन
 ना किसी का आसमान हो सकती हूं
ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं
 किसी का ख्वाब नहीं हो सकती हूं
ना दिन हो सकती हूं ना रात हो सकती हूं
ना सुबह हो सकती हूं ना शाम हो सकती हूं
ना जन्म हो सकती हूं ना मरन हो सकती हूं
ना भूत हो सकती  हूं ना भविष्य हो सकती हूं
ना कातिल हो सकती हूं ना सरफ़राज़ हो सकती हूं
 ना राह हो सकती हूं ना गुमराह हो सकती  हूं
ना प्यार हो सकती हूं ना नफरत हो सकती हूं
ना मैं आशा हो सकती  हूं ना मैं निराश1 हो सकती हूं
मैं सिर्फ और सिर्फ एक परिपूर्ण आत्मा हो सकती हूं

©neelu

#Lake #मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं ना किसी की जमीन ना किसी का आसमान हो सकती हूं ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं किसी का

207 View

#SAD  तंहा रहना सीख गया हूं। 
दर्द में जीना सीख गया हूं।

©Rahis Khan

तंहा रहना सीख गया हूं। दर्द में जीना सीख गया हूं।

297 View

#SunSet  रात से पूछता हूँ 

कैसे सहती हो यह एकांत 

अपनी छाती पर अकेले 

रात हँसती है 

मेरी देह पर एक शब्द लिखकर : 

'सुबह'

©Abhishek Sanatani

#SunSet पुंछता हूं

108 View

मैं थोड़ा ठहरा ठहरा सा हूं, कुछ नया सुनने के लिए बहरा सा हूं, उलझा भटका कहानी सा हूं, एक ढलती जवानी सा हूं..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #quotation  मैं थोड़ा ठहरा ठहरा सा हूं,
कुछ नया सुनने के लिए बहरा सा हूं,
उलझा भटका कहानी सा हूं,
एक ढलती जवानी सा हूं..!

©Himanshu Prajapati

#quotation मैं थोड़ा ठहरा ठहरा सा हूं, कुछ नया सुनने के लिए बहरा सा हूं, उलझा भटका कहानी सा हूं, एक ढलती जवानी सा हूं..!

13 Love

White *मैं एक ग्रुप हूं* हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं मेरी भी एक आत्मा है एक चेतना है,एक रुप है । मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं, मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य । तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो, तुम जब सो जाती हो, तो भी मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए। तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं , तुम्हारे साथ उठती व सोती हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं। मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से, पर याद रख...... मैं तुमसे योग दर्शन सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।। जानते हो क्यूं???? क्यूंकि मैं मां हूं। तुम आगे बड़ो, ....... मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में। फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं। मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं। मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में *Happy Mother's Day* Pankaj Sinha Ahmedabad 🙏🙏🙏 ©PANKAJ KUMAR SINHA

#कविता  White *मैं एक ग्रुप हूं* 

हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं 
मेरी भी एक आत्मा है 
एक चेतना है,एक रुप है ।
मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं,

 मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य ।

तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, 

मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, 

चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो,

तुम जब सो जाती हो,

तो भी  मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए।

तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, 

तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं ,
तुम्हारे साथ उठती व सोती  हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं।

मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, 

मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से,

पर याद रख......

मैं तुमसे योग दर्शन  सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।।

जानते  हो क्यूं????

क्यूंकि मैं मां हूं।
तुम आगे बड़ो, .......

मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में।
फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं।
मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं।

मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं 
क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में 

 *Happy Mother's Day*

Pankaj Sinha
Ahmedabad 
🙏🙏🙏

©PANKAJ KUMAR SINHA

मै मां हूं

15 Love

#कविता  White मैं तो हूं:- 

इस निर्जन स्थान पर, 
एक अकेला मैं तो हूं।
मेरी काया की छाया में,,
राहत देने वाला मैं तो हूं।।

तुम्हारी जीवनी की गाथा,
मेरी मौजूदगी में आगे बढ़ेगी।
मजबूत हृदय से जुड़ी सांसे,,
समय के साथ उतरेगी,चढ़ेगी।।

मेरा अंत भी तुम्हारे अंत में,
साथ निभाने वाला,मैं तो हूं।
मेरी काया की छाया में,,
राहत देने वाला मैं तो हूं।।

©Satish Kumar Meena

मैं तो हूं

117 View

#मैं #Bhakti #Lake  White मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं
ना किसी की जमीन
 ना किसी का आसमान हो सकती हूं
ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं
 किसी का ख्वाब नहीं हो सकती हूं
ना दिन हो सकती हूं ना रात हो सकती हूं
ना सुबह हो सकती हूं ना शाम हो सकती हूं
ना जन्म हो सकती हूं ना मरन हो सकती हूं
ना भूत हो सकती  हूं ना भविष्य हो सकती हूं
ना कातिल हो सकती हूं ना सरफ़राज़ हो सकती हूं
 ना राह हो सकती हूं ना गुमराह हो सकती  हूं
ना प्यार हो सकती हूं ना नफरत हो सकती हूं
ना मैं आशा हो सकती  हूं ना मैं निराश1 हो सकती हूं
मैं सिर्फ और सिर्फ एक परिपूर्ण आत्मा हो सकती हूं

©neelu

#Lake #मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं ना किसी की जमीन ना किसी का आसमान हो सकती हूं ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं किसी का

207 View

#SAD  तंहा रहना सीख गया हूं। 
दर्द में जीना सीख गया हूं।

©Rahis Khan

तंहा रहना सीख गया हूं। दर्द में जीना सीख गया हूं।

297 View

#SunSet  रात से पूछता हूँ 

कैसे सहती हो यह एकांत 

अपनी छाती पर अकेले 

रात हँसती है 

मेरी देह पर एक शब्द लिखकर : 

'सुबह'

©Abhishek Sanatani

#SunSet पुंछता हूं

108 View

मैं थोड़ा ठहरा ठहरा सा हूं, कुछ नया सुनने के लिए बहरा सा हूं, उलझा भटका कहानी सा हूं, एक ढलती जवानी सा हूं..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #quotation  मैं थोड़ा ठहरा ठहरा सा हूं,
कुछ नया सुनने के लिए बहरा सा हूं,
उलझा भटका कहानी सा हूं,
एक ढलती जवानी सा हूं..!

©Himanshu Prajapati

#quotation मैं थोड़ा ठहरा ठहरा सा हूं, कुछ नया सुनने के लिए बहरा सा हूं, उलझा भटका कहानी सा हूं, एक ढलती जवानी सा हूं..!

13 Love

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