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White गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । मुड़कर पीछे देख लो, घनी अँधेरी रात ।। चुप बैठा जो है यहाँ , करता नही सवाल । वही देख दुश्मन बड़ा , पहन भेडिया खाल । जीवन के हर मोड़ पर... अधरो पे रख लो हँसी , रोको ये बरसात । ऐसे मत बैठो कभी , झूमों गाओ तात ।। हँसता तुमको देखकर , चहक उठे ये गाल । दूर समस्या हो न हो , मन में खिले गुलाल ।। जीवन के हर मोड़ पर... अटल कहाँ विश्वास अब , रही न अब वह डोर । टूटेंगे तारे अभी ,देखो सब उस छोर ।। बिन माया के क्यूँ रहूँ , बोला मैं ससुराल । ऐसे ताने मारकर , बीवी करे मलाल । जीवन के हर मोड़ पर.... प्यार जताना छोड दो , धन के रख भंडार । सारे रिश्ते आपके , लिए खडे उपहार ।। रिश्ते अपने आज तो , दिखते है तलवार । जब करो कभी स्पर्श तो , कट जाती है खाल । जीवन के हर मोड़ पर.... चलो शरण प्रभु राम के , ये ही नेक उपाय । दर्शन उनके जो मिले , मोह खत्म हो जाय ।। जग से नाता तोड़ के , चलो बने गोपाल । कुछ उनकी छाया मिले , कुछ बदलेगी चाल ।। जीवन के हर मोड़ पर.... जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत:-
जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल ।
यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।।
जीवन के हर मोड़ पर ...
कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात ।
मुड़कर पीछे देख लो, घनी अँधेरी रात ।।
चुप बैठा जो है यहाँ , करता नही सवाल ।
वही देख दुश्मन बड़ा , पहन भेडिया खाल ।
जीवन के हर मोड़ पर...
अधरो पे रख लो हँसी , रोको ये बरसात ।
ऐसे मत बैठो कभी , झूमों गाओ तात ।।
हँसता तुमको देखकर , चहक उठे ये गाल ।
दूर समस्या हो न हो , मन में खिले गुलाल ।।
जीवन के हर मोड़ पर...
अटल कहाँ विश्वास अब , रही न अब वह डोर ।
टूटेंगे तारे अभी ,देखो सब उस छोर ।।
बिन माया के क्यूँ रहूँ , बोला मैं ससुराल ।
ऐसे ताने मारकर , बीवी करे मलाल ।
जीवन के हर मोड़ पर....
प्यार जताना छोड दो , धन के रख भंडार ।
सारे रिश्ते आपके , लिए खडे उपहार ।।
रिश्ते अपने आज तो , दिखते है तलवार ।
जब करो कभी स्पर्श तो , कट जाती है खाल ।
जीवन के हर मोड़ पर....
चलो शरण प्रभु राम के , ये ही नेक उपाय ।
दर्शन उनके जो मिले , मोह खत्म हो जाय ।।
जग से नाता तोड़ के , चलो बने गोपाल ।
कुछ उनकी छाया मिले , कुछ बदलेगी चाल ।।
जीवन के हर मोड़ पर....
जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल ।
यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । म

15 Love

White नजाकत देखीं थीं मैंने उनके बातों के जाल में, सच्चाई झलक रही थी जैसे उनके गाल में, मैं क्या कोई और भी पिघल जाता ऐसे हाल में, मोहब्बत का बैंक था मेरा वह निकली कर्जदार करके मोहब्बत फस गया मैं अब गिनती होती है कंगाल में..! ©Himanshu Prajapati

#hindi_poem_appreciation #विचार  White नजाकत देखीं थीं मैंने उनके बातों के जाल में,
सच्चाई झलक रही थी जैसे उनके गाल में,
मैं क्या कोई और भी पिघल जाता ऐसे हाल में,
मोहब्बत का बैंक था मेरा वह निकली कर्जदार 
करके मोहब्बत फस गया मैं 
अब गिनती होती है कंगाल में..!

©Himanshu Prajapati

#hindi_poem_appreciation नजाकत देखीं थीं मैंने उनके बातों के जाल में, सच्चाई झलक रही थी जैसे उनके गाल में, मैं क्या कोई और भी पिघल जाता ऐसे

12 Love

 भरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाब
कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है

©ANIL KUMAR

हथेली पे गाल

126 View

मातु-पिता की बात पर, होना नहीं उदास । वो तो इतना चाहते , बने न तू परिहास ।।१ गौरीशंकर नाम का , कर ले प्यारे जाप । मिट जायेंगे एक दिन , सब तेरे संताप ।।२ जीवन के हर मोड़ पर , करिये गुरु का ध्यान । हो जायेंगी आपकी , राहें फिर आसान ।।३ स्वस्थ करो गुरुदेव को , विनती है रघुनाथ । उनका अपने शिष्य पर , रहता निशिदिन हाथ ।।४ तन पर दिखता है नहीं , अब तो कहीं गुलाल । मन में ज्यों का त्यों रहा , सबके आज मलाल ।।५ रंग प्रीति का जब चढ़े , फीका लगे गुलाल । आज सखी पाहुन मिले , हुए लाल फिर गाल ।।६ भटक गये हैं लोग सब , बिगड़ गये त्यौहार । मुर्गा दारू बिन यहाँ , नज़र न आये प्यार ।।७ २८/०३/२०२४      -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मातु-पिता की बात पर, होना नहीं उदास ।
वो तो इतना चाहते , बने न तू परिहास ।।१

गौरीशंकर नाम का , कर ले प्यारे जाप ।
मिट जायेंगे एक दिन , सब तेरे संताप ।।२

जीवन के हर मोड़ पर , करिये गुरु का ध्यान ।
हो जायेंगी आपकी , राहें फिर आसान ।।३

स्वस्थ करो गुरुदेव को , विनती है रघुनाथ ।
उनका अपने शिष्य पर , रहता निशिदिन हाथ ।।४

तन पर दिखता है नहीं , अब तो कहीं गुलाल ।
मन में ज्यों का त्यों रहा , सबके आज मलाल ।।५

रंग प्रीति का जब चढ़े , फीका लगे गुलाल ।
आज सखी पाहुन मिले , हुए लाल फिर गाल ।।६

भटक गये हैं लोग सब , बिगड़ गये त्यौहार ।
मुर्गा दारू बिन यहाँ , नज़र न आये प्यार ।।७
२८/०३/२०२४      -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मातु-पिता की बात पर, होना नहीं उदास । वो तो इतना चाहते , बने न तू परिहास ।।१ गौरीशंकर नाम का , कर ले प्यारे जाप । मिट जायेंगे एक दिन , सब त

10 Love

White गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । मुड़कर पीछे देख लो, घनी अँधेरी रात ।। चुप बैठा जो है यहाँ , करता नही सवाल । वही देख दुश्मन बड़ा , पहन भेडिया खाल । जीवन के हर मोड़ पर... अधरो पे रख लो हँसी , रोको ये बरसात । ऐसे मत बैठो कभी , झूमों गाओ तात ।। हँसता तुमको देखकर , चहक उठे ये गाल । दूर समस्या हो न हो , मन में खिले गुलाल ।। जीवन के हर मोड़ पर... अटल कहाँ विश्वास अब , रही न अब वह डोर । टूटेंगे तारे अभी ,देखो सब उस छोर ।। बिन माया के क्यूँ रहूँ , बोला मैं ससुराल । ऐसे ताने मारकर , बीवी करे मलाल । जीवन के हर मोड़ पर.... प्यार जताना छोड दो , धन के रख भंडार । सारे रिश्ते आपके , लिए खडे उपहार ।। रिश्ते अपने आज तो , दिखते है तलवार । जब करो कभी स्पर्श तो , कट जाती है खाल । जीवन के हर मोड़ पर.... चलो शरण प्रभु राम के , ये ही नेक उपाय । दर्शन उनके जो मिले , मोह खत्म हो जाय ।। जग से नाता तोड़ के , चलो बने गोपाल । कुछ उनकी छाया मिले , कुछ बदलेगी चाल ।। जीवन के हर मोड़ पर.... जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत:-
जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल ।
यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।।
जीवन के हर मोड़ पर ...
कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात ।
मुड़कर पीछे देख लो, घनी अँधेरी रात ।।
चुप बैठा जो है यहाँ , करता नही सवाल ।
वही देख दुश्मन बड़ा , पहन भेडिया खाल ।
जीवन के हर मोड़ पर...
अधरो पे रख लो हँसी , रोको ये बरसात ।
ऐसे मत बैठो कभी , झूमों गाओ तात ।।
हँसता तुमको देखकर , चहक उठे ये गाल ।
दूर समस्या हो न हो , मन में खिले गुलाल ।।
जीवन के हर मोड़ पर...
अटल कहाँ विश्वास अब , रही न अब वह डोर ।
टूटेंगे तारे अभी ,देखो सब उस छोर ।।
बिन माया के क्यूँ रहूँ , बोला मैं ससुराल ।
ऐसे ताने मारकर , बीवी करे मलाल ।
जीवन के हर मोड़ पर....
प्यार जताना छोड दो , धन के रख भंडार ।
सारे रिश्ते आपके , लिए खडे उपहार ।।
रिश्ते अपने आज तो , दिखते है तलवार ।
जब करो कभी स्पर्श तो , कट जाती है खाल ।
जीवन के हर मोड़ पर....
चलो शरण प्रभु राम के , ये ही नेक उपाय ।
दर्शन उनके जो मिले , मोह खत्म हो जाय ।।
जग से नाता तोड़ के , चलो बने गोपाल ।
कुछ उनकी छाया मिले , कुछ बदलेगी चाल ।।
जीवन के हर मोड़ पर....
जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल ।
यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । म

15 Love

White नजाकत देखीं थीं मैंने उनके बातों के जाल में, सच्चाई झलक रही थी जैसे उनके गाल में, मैं क्या कोई और भी पिघल जाता ऐसे हाल में, मोहब्बत का बैंक था मेरा वह निकली कर्जदार करके मोहब्बत फस गया मैं अब गिनती होती है कंगाल में..! ©Himanshu Prajapati

#hindi_poem_appreciation #विचार  White नजाकत देखीं थीं मैंने उनके बातों के जाल में,
सच्चाई झलक रही थी जैसे उनके गाल में,
मैं क्या कोई और भी पिघल जाता ऐसे हाल में,
मोहब्बत का बैंक था मेरा वह निकली कर्जदार 
करके मोहब्बत फस गया मैं 
अब गिनती होती है कंगाल में..!

©Himanshu Prajapati

#hindi_poem_appreciation नजाकत देखीं थीं मैंने उनके बातों के जाल में, सच्चाई झलक रही थी जैसे उनके गाल में, मैं क्या कोई और भी पिघल जाता ऐसे

12 Love

 भरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाब
कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है

©ANIL KUMAR

हथेली पे गाल

126 View

मातु-पिता की बात पर, होना नहीं उदास । वो तो इतना चाहते , बने न तू परिहास ।।१ गौरीशंकर नाम का , कर ले प्यारे जाप । मिट जायेंगे एक दिन , सब तेरे संताप ।।२ जीवन के हर मोड़ पर , करिये गुरु का ध्यान । हो जायेंगी आपकी , राहें फिर आसान ।।३ स्वस्थ करो गुरुदेव को , विनती है रघुनाथ । उनका अपने शिष्य पर , रहता निशिदिन हाथ ।।४ तन पर दिखता है नहीं , अब तो कहीं गुलाल । मन में ज्यों का त्यों रहा , सबके आज मलाल ।।५ रंग प्रीति का जब चढ़े , फीका लगे गुलाल । आज सखी पाहुन मिले , हुए लाल फिर गाल ।।६ भटक गये हैं लोग सब , बिगड़ गये त्यौहार । मुर्गा दारू बिन यहाँ , नज़र न आये प्यार ।।७ २८/०३/२०२४      -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मातु-पिता की बात पर, होना नहीं उदास ।
वो तो इतना चाहते , बने न तू परिहास ।।१

गौरीशंकर नाम का , कर ले प्यारे जाप ।
मिट जायेंगे एक दिन , सब तेरे संताप ।।२

जीवन के हर मोड़ पर , करिये गुरु का ध्यान ।
हो जायेंगी आपकी , राहें फिर आसान ।।३

स्वस्थ करो गुरुदेव को , विनती है रघुनाथ ।
उनका अपने शिष्य पर , रहता निशिदिन हाथ ।।४

तन पर दिखता है नहीं , अब तो कहीं गुलाल ।
मन में ज्यों का त्यों रहा , सबके आज मलाल ।।५

रंग प्रीति का जब चढ़े , फीका लगे गुलाल ।
आज सखी पाहुन मिले , हुए लाल फिर गाल ।।६

भटक गये हैं लोग सब , बिगड़ गये त्यौहार ।
मुर्गा दारू बिन यहाँ , नज़र न आये प्यार ।।७
२८/०३/२०२४      -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मातु-पिता की बात पर, होना नहीं उदास । वो तो इतना चाहते , बने न तू परिहास ।।१ गौरीशंकर नाम का , कर ले प्यारे जाप । मिट जायेंगे एक दिन , सब त

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