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#कोट्स

आपके विचार को देश दुनिया तक पहुंचाने का इस वर्ष का अंतिम मौका। आखिरी दिन, संतुलन की शुरुआत का हिस्सा बनने के लिए, अपने अंतर्मन के भाव को द

117 View

#आशुतोषमिश्रा #हिंदी_कविता #सैडकविता #एक_एहसास #हिंदीnojoto #पत्र  White एक पत्र ऐसा भी

हर बार हां रह बार तुमने खुद को सही
 और मुझे गलत साबित किरना तुम्हारी आदत रही

रह बार हां हर बार मुझे नीचा दिखाने में
कोई कसर ना छोड़ी तुमने

मैं भी ईंट का जवाब पत्थर से दे सकती थी
पर मैं इस घर की बहू और तुम्हारी पत्नी होने का धर्म निभा रही थी

सब की सहमती से तुम मुझे  मेरी ही नजरों से गिराना चाहते थे
और बेचारे  बच्चे जब हिम्मय जुटा उसका विरोध करते

 तो उन्हें भी तुम और तुम्हारा परिवार डरा धमका  कर  प्रताड़ित करते
और बरबस चुप रहने और सहने को विवश करते

आखिर क्या गलती थी मेरी और उन मासूमों की
दहेज ही तो कम दिया था मेरे बाबा ने

इसमें क्या गलती थी मेरी और उन मासूमों की 
कभी पूछा खुद से या अपने परिवार से

इतने पर भी मुझसे आपके  या आपके परिवार की 
सेवा में कभी कोई कमी आई पूछना इस पर भी विचार करनख

अंतिम प्रणाम स्वीकार करो🙏
अलविदा😔😢😢
अलफ़ाज मेरे✍️🙏🙏

©Ashutosh Mishra
#वीडियो

लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 अन्तर्गत नामांकन के छठवें दिन 56-बहराइच (अ.जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए नामांकन पत्र प्रस्तुत करते हुए भ

144 View

#वीडियो

तीसरे दिन एक प्रत्याशी ने दाखिल किया नामांकन बहराइच । लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 अन्तर्गत नामांकन के तीसरे दिन 56-बहराइच (अ.जा.) संसदीय

108 View

#कोट्स #Likho   प्रेम पत्र जब लिखा था हमने 
जब उनसे पहली बार पहली
 मुलाकात और पहली मोहब्बत 
का एहसास हुआ था।

©Bulbul varshney

#Likho #love प्रेम पत्र लिखा है हमने।

108 View

#पत्र💚   
पत्र तुमको लिखा यह खता थी मेरी 
तुम जो समझे नहीँ वो वफा थी मेरी 
रात को जागकर मैंने  उसको लिखा 
नीर- नयनों में भरकर उसको है रचा 
उसने  अक्षर नहीँ  मेरे  अहसास  थे 
जिन्हें समझे ना तुम वो ख्यालात थे 
तुमको सबही है यारा ओ झूठा लगा 
कौन कितना है टूटा ये भी ना दिखा 
आज आती  हँसी  तेरी हर सोच पर 
तूने जो भी किया उस हसीं खेल पर 
मैंने जैसा था सोचा तू वैसा ना मिला 
साथ रहकर मेरे ही तू दगा कर  गया 
क्या कहूँ मैं सनम उस अजब खेल पे 
जिसमें  खंजर अनौखा मुझी पे चला 
दर्द को सह गया मैंने उफ्फ भी न की 
ना ही  आँसू  बहाए ना मिन्नत ही की
तू  मेरी थी  चाहत बस इतना हीं सुन 
ना मैं हर्गिज कहूँ कि मुझॆ  ही तू चुन 
मैं वफा ,इश्क, यारा और अहसास हूँ 
जिस तलक तू न पहुंचे  वो  ख्वाब हूँ 
दिल यह अपना हवाले अब कान्हा के
उनको चरणों में रहता मैं इक दास हूँ

©ANOOP PANDEY
#कोट्स

आपके विचार को देश दुनिया तक पहुंचाने का इस वर्ष का अंतिम मौका। आखिरी दिन, संतुलन की शुरुआत का हिस्सा बनने के लिए, अपने अंतर्मन के भाव को द

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#आशुतोषमिश्रा #हिंदी_कविता #सैडकविता #एक_एहसास #हिंदीnojoto #पत्र  White एक पत्र ऐसा भी

हर बार हां रह बार तुमने खुद को सही
 और मुझे गलत साबित किरना तुम्हारी आदत रही

रह बार हां हर बार मुझे नीचा दिखाने में
कोई कसर ना छोड़ी तुमने

मैं भी ईंट का जवाब पत्थर से दे सकती थी
पर मैं इस घर की बहू और तुम्हारी पत्नी होने का धर्म निभा रही थी

सब की सहमती से तुम मुझे  मेरी ही नजरों से गिराना चाहते थे
और बेचारे  बच्चे जब हिम्मय जुटा उसका विरोध करते

 तो उन्हें भी तुम और तुम्हारा परिवार डरा धमका  कर  प्रताड़ित करते
और बरबस चुप रहने और सहने को विवश करते

आखिर क्या गलती थी मेरी और उन मासूमों की
दहेज ही तो कम दिया था मेरे बाबा ने

इसमें क्या गलती थी मेरी और उन मासूमों की 
कभी पूछा खुद से या अपने परिवार से

इतने पर भी मुझसे आपके  या आपके परिवार की 
सेवा में कभी कोई कमी आई पूछना इस पर भी विचार करनख

अंतिम प्रणाम स्वीकार करो🙏
अलविदा😔😢😢
अलफ़ाज मेरे✍️🙏🙏

©Ashutosh Mishra
#वीडियो

लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 अन्तर्गत नामांकन के छठवें दिन 56-बहराइच (अ.जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए नामांकन पत्र प्रस्तुत करते हुए भ

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#वीडियो

तीसरे दिन एक प्रत्याशी ने दाखिल किया नामांकन बहराइच । लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 अन्तर्गत नामांकन के तीसरे दिन 56-बहराइच (अ.जा.) संसदीय

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#कोट्स #Likho   प्रेम पत्र जब लिखा था हमने 
जब उनसे पहली बार पहली
 मुलाकात और पहली मोहब्बत 
का एहसास हुआ था।

©Bulbul varshney

#Likho #love प्रेम पत्र लिखा है हमने।

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#पत्र💚   
पत्र तुमको लिखा यह खता थी मेरी 
तुम जो समझे नहीँ वो वफा थी मेरी 
रात को जागकर मैंने  उसको लिखा 
नीर- नयनों में भरकर उसको है रचा 
उसने  अक्षर नहीँ  मेरे  अहसास  थे 
जिन्हें समझे ना तुम वो ख्यालात थे 
तुमको सबही है यारा ओ झूठा लगा 
कौन कितना है टूटा ये भी ना दिखा 
आज आती  हँसी  तेरी हर सोच पर 
तूने जो भी किया उस हसीं खेल पर 
मैंने जैसा था सोचा तू वैसा ना मिला 
साथ रहकर मेरे ही तू दगा कर  गया 
क्या कहूँ मैं सनम उस अजब खेल पे 
जिसमें  खंजर अनौखा मुझी पे चला 
दर्द को सह गया मैंने उफ्फ भी न की 
ना ही  आँसू  बहाए ना मिन्नत ही की
तू  मेरी थी  चाहत बस इतना हीं सुन 
ना मैं हर्गिज कहूँ कि मुझॆ  ही तू चुन 
मैं वफा ,इश्क, यारा और अहसास हूँ 
जिस तलक तू न पहुंचे  वो  ख्वाब हूँ 
दिल यह अपना हवाले अब कान्हा के
उनको चरणों में रहता मैं इक दास हूँ

©ANOOP PANDEY
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