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New कविता ओं वर्षा ऋतु Status, Photo, Video

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#वीडियो #बहुजन

#बहुजन मुक्ति पार्टी की उम्मीदवार वर्षा सोलंकी के प्रचार ने पकड़ी रफ्तार

90 View

#कोट्स #summer_vacation  White दहक रही है अग्नि, मरूधरा के आंचल में।
लूं की लपटे सुलग रही, प्रभाकर के आंगन में।

©Dr. Bhagwan Sahay Meena

#summer_vacation ग्रीष्म ऋतु

108 View

 Black आप मेरे प्यार में मुसलाधार वर्षा हो जाओ, 
मैं भी तुम्हारी मुहब्बत में अभिषेक हो जाऊं!

©रणजीत राही देवास

#Thinking #वर्षा #अभिषेक #कविता #शायरी

81 View

#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

99 View

#कविता

कविता

441 View

#कविता

14,247 View

#वीडियो #बहुजन

#बहुजन मुक्ति पार्टी की उम्मीदवार वर्षा सोलंकी के प्रचार ने पकड़ी रफ्तार

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#कोट्स #summer_vacation  White दहक रही है अग्नि, मरूधरा के आंचल में।
लूं की लपटे सुलग रही, प्रभाकर के आंगन में।

©Dr. Bhagwan Sahay Meena

#summer_vacation ग्रीष्म ऋतु

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 Black आप मेरे प्यार में मुसलाधार वर्षा हो जाओ, 
मैं भी तुम्हारी मुहब्बत में अभिषेक हो जाऊं!

©रणजीत राही देवास

#Thinking #वर्षा #अभिषेक #कविता #शायरी

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#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

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