होली....
आया आया फागुन मास,
छा गई रंगों की बौछार,
रंग बिरंगे रंगों से,
रंग रहा हिंदुस्तान,
मिलो दो उसमें थोड़ी प्यार की मिठास,
तो छा जाए चारों तरफ हर्षोल्लास,
आ गया होली का त्यौहार,
सब हो गये रंग लगाने को बेकरार,
तो क्यों न करें इस बार कुछ अनोखा,
रंगों की जगह,
मिला दें अपनेपन की खुशबू,
और घुल मिल जाए,
प्यार के, खुशी के रंगों में,
और मनाए सबके साथ ये पर्व,
न हो जहां कोई,
बड़ा या छोटा,
न गोरा या काला,
सब रंगे हो प्यार के रंगों में,
और मिल कर बनाए ये त्यौहार,
और भूल जाएं सब मनमुटाव,
और रंग जाए मस्ती के रंगों में,
जहां न कोई तकरार,
और सब हो जाए,
फिर एक साथ।
©Pinki Khandelwal
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