ये सोचकर सपनो में भी मेरी रूह कांप जाती हैं,
कि कैसे सहा होगा तूने इतना सब कुछ,
जो छोटी सी चोंट को भी नही सह पता था,
कहने को तो है तेरे लाखो अपने,
उस वक्त तूने खुद को कितना अकेले पाया होगा,
लगाई होगी पुकार, चीखा चिल्लाया भी होगा,
लेकिन, किसी ने ना सुनी तेरी आवाज,
जब तुझे जरूरत थी तेरा एक अपना ना आया,
मेरे जहन में ये बात आते ही मेरी आत्मा कांप उठती है,
तेरा क्या हश्र हुआ होगा, जब तूने मौत को इतने करीब से देखा था,
लेकिन, उसका भी कोई क्या ही बिगाड़ पाएगा,
जिसके साथ उसके अच्छे कर्म और अपनो की दुआओं का साया है,
नही छोड़ेंगे उसे जिसने तुझे चोंट पहुचाई,
क्यों लेते है लोग बदले के बदले में बदला ये अब समझ में आया!!!
©Unknown_girl
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