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खुशियों के पल जिंदगी में कभी-कभी खुशियों के पल आते ही रहते हैं ज़ब नाज करे दुनियाँ वह पल आ ही जाते हैं | ©DR. LAVKESH GANDHI

 खुशियों के पल 

जिंदगी में कभी-कभी 
खुशियों के पल आते ही रहते हैं
ज़ब नाज करे दुनियाँ 
वह पल आ ही जाते हैं |

©DR. LAVKESH GANDHI

#खुशियों के पल # #जिंदगी के हसीन पल #

17 Love

जय माता दी ©M R Mehata(रानिसीगं )

#लव  जय माता दी

©M R Mehata(रानिसीगं )

नसीब के.....

15 Love

#वीडियो #लोगों

#लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

117 View

#गोदी_मीडिया #चाटुकारिता #मिठेसवाल #यूट्यूब #समाचार #अदनासा

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://youtu.be/ZLmJnBxSK9o?si=doioQFjOKDp_p5Cm #हिंदी #समाचार #गोदी_मीडिया #सवाल #जवाब #तय #मिठेसवाल

207 View

#लव

मन के

117 View

#प्रभुश्रीराम #गोदी_मीडिया #पुरुषोत्तम #अमर्यादित #राजनीति #मर्यादा  Jai Shri Ram "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" 

"मर्यादा" अपने आप में एक आदर्श शब्द है, क्योंकि "मर्यादा" शब्द का सीधा संबंध , त्रेतायुग के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम से है, मैं स्वयं सर्वप्रथम मर्यादा शब्द का परिचय, प्रभु श्री राम के नाम से पहले हुआ, इसलिए जब भी मर्यादा शब्द सुनता हूं तो मुझे हर समय मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का स्मरण होता है।
लेकिन कलयुग आते-आते प्रभु श्री राम एवं उनके चरित्र का एक भाग अर्थात "मर्यादा" , इन दोनों ही का उपयोग, अपने-अपने हित को साधने के लिए भारत वर्ष में, वर्तमान काल तक जारी है।

 इन दोनों ही नाम अर्थात "राम" एवं "मर्यादा" का प्रयोग धार्मिक प्रयोजन में हो तो उत्तम लाभ प्राप्त होता है, परंतु जैसे ही इन दोनों का उपयोग राजनीति में नेताओं के द्वारा, एवं धर्म क्षेत्र में चंद पाखंडियों द्वारा होता है, तो अधम हानि को प्राप्त होता है।

"मर्यादा" शब्द का प्रयोग हमारी मुख्य धारा के समाचार चैनलों पर सबसे ज़्यादा किया गया, जिसमें देश की भावनाओं को कुरेदने वाले कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, ऐसे लोगों को निमंत्रित किया जाता है, जो अमर्यादित भाषा के शिरोमणि हो।

परंतु जैसे ही निमंत्रित मेहमान, अपने उच्च कोटि की अमर्यादित भाषा बोल लेता है, तब तक समाज में बहुत से लोगों तक यह अमर्यादित भाषा पहुंच जाती है, यह सिलसिला दस साल से लगातार हो रहा है, जब यह रायता फैलता रहता है, उसके बाद देश के तथाकथित स्वयंभू नंबर वन समाचार चैनलों के हमारे होनहार चाटुकार ऐंकर और ऐंकरा यह कहना नहीं भूलते कि, "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" वैसे वर्तमान में हर चीज़ ही अमर्यादित हो रही है, फ़िर भी मैं यही कहूंगा, कृपया प्रभु श्री राम का स्मरण रखें एवं मर्यादा का पालन करें।

©अदनासा-

खुशियों के पल जिंदगी में कभी-कभी खुशियों के पल आते ही रहते हैं ज़ब नाज करे दुनियाँ वह पल आ ही जाते हैं | ©DR. LAVKESH GANDHI

 खुशियों के पल 

जिंदगी में कभी-कभी 
खुशियों के पल आते ही रहते हैं
ज़ब नाज करे दुनियाँ 
वह पल आ ही जाते हैं |

©DR. LAVKESH GANDHI

#खुशियों के पल # #जिंदगी के हसीन पल #

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जय माता दी ©M R Mehata(रानिसीगं )

#लव  जय माता दी

©M R Mehata(रानिसीगं )

नसीब के.....

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#वीडियो #लोगों

#लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

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#गोदी_मीडिया #चाटुकारिता #मिठेसवाल #यूट्यूब #समाचार #अदनासा

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://youtu.be/ZLmJnBxSK9o?si=doioQFjOKDp_p5Cm #हिंदी #समाचार #गोदी_मीडिया #सवाल #जवाब #तय #मिठेसवाल

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#लव

मन के

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#प्रभुश्रीराम #गोदी_मीडिया #पुरुषोत्तम #अमर्यादित #राजनीति #मर्यादा  Jai Shri Ram "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" 

"मर्यादा" अपने आप में एक आदर्श शब्द है, क्योंकि "मर्यादा" शब्द का सीधा संबंध , त्रेतायुग के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम से है, मैं स्वयं सर्वप्रथम मर्यादा शब्द का परिचय, प्रभु श्री राम के नाम से पहले हुआ, इसलिए जब भी मर्यादा शब्द सुनता हूं तो मुझे हर समय मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का स्मरण होता है।
लेकिन कलयुग आते-आते प्रभु श्री राम एवं उनके चरित्र का एक भाग अर्थात "मर्यादा" , इन दोनों ही का उपयोग, अपने-अपने हित को साधने के लिए भारत वर्ष में, वर्तमान काल तक जारी है।

 इन दोनों ही नाम अर्थात "राम" एवं "मर्यादा" का प्रयोग धार्मिक प्रयोजन में हो तो उत्तम लाभ प्राप्त होता है, परंतु जैसे ही इन दोनों का उपयोग राजनीति में नेताओं के द्वारा, एवं धर्म क्षेत्र में चंद पाखंडियों द्वारा होता है, तो अधम हानि को प्राप्त होता है।

"मर्यादा" शब्द का प्रयोग हमारी मुख्य धारा के समाचार चैनलों पर सबसे ज़्यादा किया गया, जिसमें देश की भावनाओं को कुरेदने वाले कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, ऐसे लोगों को निमंत्रित किया जाता है, जो अमर्यादित भाषा के शिरोमणि हो।

परंतु जैसे ही निमंत्रित मेहमान, अपने उच्च कोटि की अमर्यादित भाषा बोल लेता है, तब तक समाज में बहुत से लोगों तक यह अमर्यादित भाषा पहुंच जाती है, यह सिलसिला दस साल से लगातार हो रहा है, जब यह रायता फैलता रहता है, उसके बाद देश के तथाकथित स्वयंभू नंबर वन समाचार चैनलों के हमारे होनहार चाटुकार ऐंकर और ऐंकरा यह कहना नहीं भूलते कि, "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" वैसे वर्तमान में हर चीज़ ही अमर्यादित हो रही है, फ़िर भी मैं यही कहूंगा, कृपया प्रभु श्री राम का स्मरण रखें एवं मर्यादा का पालन करें।

©अदनासा-
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