जिंदगी में आजकल ऐसा मुकाम चल रहा है,
ज़रूरतें पूरी हो गई, इच्छाओं पर काम चल रहा है।
सच कहूं तो पड़ोसी भी ठीक से नहीं जानते मुझे,
वैसे तो मेरा दिल्ली तक नाम चल रहा है।
मां बाप ने मेहनत करके यहां तक पहुंचा दिया,
अब हम कमा रहे हैं, उनका आराम चल रहा है।
जब वक्त बहुत था, तो पैसे की तंगी थी,,
अब पैसा बहुत, तो वक्त हराम चल रहा है।
मेरा हाल जानने वालों, ठीक हूं मैं वैसे तो,,
वो बात अलग, के थोड़ा खांसी जुकाम चल रहा है।
“ओमबीर काजल” काम बहुत हैं,काम कर रहे हैं,
बस काम ही काम, सुबह-शाम चल रहा है।।
✍️ Ombir Kajal ✍️
Member of group "Safar syahi ka"
©Ombir Kajal
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