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New नादानियां सीरियल Status, Photo, Video

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ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग हमारा धर्म शिष्टाचार है ।। दूर दुनिया देख लो यह आज इतनी हो गई । मान भी लो आज पीछे चलना भी बेकार है ।। गर्व था मुझको कभी ये यह हमारा धर्म था । पर पतन की राह जाते देखूँ मैं धिक्कार है ।। खो गई मेरी जवानी सबको समझाते हुए । मैं यहीं थककर  रुका तो ये हमारी हार है ।। कर रहीं सरकार हैं अब आज ऐसे फैसले । निर्बलों की आज गर्दन पे धरी तलवार है ।। हाय मत लेना किसी की ज्ञानियों के बोल थे । देखता हूँ थाल उनकी नित्य वो आहार है ।। कुछ बिगड़ बच्चे गये तो कुछ बिलखकर सो गये । आज दोनों के पिता ही देख लो लाचार है ।। जो कभी सोये नही उनको जगाता क्यों प्रखर । जानतें है सब यहाँ पे जान का व्यापार है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है ।
सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।।
जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया ।
ये बताता युग हमारा धर्म शिष्टाचार है ।।
दूर दुनिया देख लो यह आज इतनी हो गई ।
मान भी लो आज पीछे चलना भी बेकार है ।।
गर्व था मुझको कभी ये यह हमारा धर्म था ।
पर पतन की राह जाते देखूँ मैं धिक्कार है ।।
खो गई मेरी जवानी सबको समझाते हुए ।
मैं यहीं थककर  रुका तो ये हमारी हार है ।।
कर रहीं सरकार हैं अब आज ऐसे फैसले ।
निर्बलों की आज गर्दन पे धरी तलवार है ।।
हाय मत लेना किसी की ज्ञानियों के बोल थे ।
देखता हूँ थाल उनकी नित्य वो आहार है ।।
कुछ बिगड़ बच्चे गये तो कुछ बिलखकर सो गये ।
आज दोनों के पिता ही देख लो लाचार है ।।
जो कभी सोये नही उनको जगाता क्यों प्रखर ।
जानतें है सब यहाँ पे जान का व्यापार है ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग

12 Love

#शायरी #matangiupadhyay #thought #poem #SAD  अपनी नादानी में तुमसे कही हुई  बातों का पछतावा,
अब इस  दिल को हमेशा रहेगा ।
ना जानें इस बात की  शर्मिंदगी का अहसास 
बेचारे दिल को अब कब तक रहेगा।
लगता है अब काश कभी तुमसे हम मिले ही न होते,
मेरे भीतर ये प्रेम पुष्प खिले ही न होते,
अपने बीते कल से  ये मान लिया था हमने 
कि सब एक जैसे ही होते हैं ,
पर तुम उनमें से नहीं ये जान लिया था हमनें।
 अब तुमसे रूबरू होना बड़ा बोझिल सा लगता है,
दिल का होना भी अब, बे दिल सा लगता है,
काश की ये भावनाएं दिल में ,कभी आती ही नहीं
फिर यादें तुम्हारी सताती ही नहीं,
पर तुमसे अब कहीं दूर चले जाने को दिल चाहता है,
 कभी फिर वापस न आने को दिल चाहता है,
काश ऐसा हो की ,सब कुछ ,कुछ वक्त पहले जैसा हो जाए,
जैसा पहले था  फिर से वैसा हो जाए,
काश मैंने मेरे दिल का हाल तुम्हे कभी बताया ही न होता,
मैने खुदको इस तरह  सताया ही न होता,
 एक गलती ने मेरी मुझे खुदकी नजरों से गिरा दिया
जिस चीज के डर से  संभाल रखा था खुदको,
खुदने इन आंखों को वही मंजर दिखा दिया ।।

©Chinka Upadhyay

मेरी नादानियां मुझे इस मोड़ पर ले आई 🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #thought #poem #SAD #शायरी

171 View

#फ़िल्म #trendingvideo #Bollywood #Childhood #Oldisgold

ये कौनसी सीरियल थी? #Tv #tvshow #tvserial #Memories #Childhood #Bollywood #trendingvideo #Oldisgold #Childhood #History

99 View

ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग हमारा धर्म शिष्टाचार है ।। दूर दुनिया देख लो यह आज इतनी हो गई । मान भी लो आज पीछे चलना भी बेकार है ।। गर्व था मुझको कभी ये यह हमारा धर्म था । पर पतन की राह जाते देखूँ मैं धिक्कार है ।। खो गई मेरी जवानी सबको समझाते हुए । मैं यहीं थककर  रुका तो ये हमारी हार है ।। कर रहीं सरकार हैं अब आज ऐसे फैसले । निर्बलों की आज गर्दन पे धरी तलवार है ।। हाय मत लेना किसी की ज्ञानियों के बोल थे । देखता हूँ थाल उनकी नित्य वो आहार है ।। कुछ बिगड़ बच्चे गये तो कुछ बिलखकर सो गये । आज दोनों के पिता ही देख लो लाचार है ।। जो कभी सोये नही उनको जगाता क्यों प्रखर । जानतें है सब यहाँ पे जान का व्यापार है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है ।
सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।।
जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया ।
ये बताता युग हमारा धर्म शिष्टाचार है ।।
दूर दुनिया देख लो यह आज इतनी हो गई ।
मान भी लो आज पीछे चलना भी बेकार है ।।
गर्व था मुझको कभी ये यह हमारा धर्म था ।
पर पतन की राह जाते देखूँ मैं धिक्कार है ।।
खो गई मेरी जवानी सबको समझाते हुए ।
मैं यहीं थककर  रुका तो ये हमारी हार है ।।
कर रहीं सरकार हैं अब आज ऐसे फैसले ।
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हाय मत लेना किसी की ज्ञानियों के बोल थे ।
देखता हूँ थाल उनकी नित्य वो आहार है ।।
कुछ बिगड़ बच्चे गये तो कुछ बिलखकर सो गये ।
आज दोनों के पिता ही देख लो लाचार है ।।
जो कभी सोये नही उनको जगाता क्यों प्रखर ।
जानतें है सब यहाँ पे जान का व्यापार है ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग

12 Love

#शायरी #matangiupadhyay #thought #poem #SAD  अपनी नादानी में तुमसे कही हुई  बातों का पछतावा,
अब इस  दिल को हमेशा रहेगा ।
ना जानें इस बात की  शर्मिंदगी का अहसास 
बेचारे दिल को अब कब तक रहेगा।
लगता है अब काश कभी तुमसे हम मिले ही न होते,
मेरे भीतर ये प्रेम पुष्प खिले ही न होते,
अपने बीते कल से  ये मान लिया था हमने 
कि सब एक जैसे ही होते हैं ,
पर तुम उनमें से नहीं ये जान लिया था हमनें।
 अब तुमसे रूबरू होना बड़ा बोझिल सा लगता है,
दिल का होना भी अब, बे दिल सा लगता है,
काश की ये भावनाएं दिल में ,कभी आती ही नहीं
फिर यादें तुम्हारी सताती ही नहीं,
पर तुमसे अब कहीं दूर चले जाने को दिल चाहता है,
 कभी फिर वापस न आने को दिल चाहता है,
काश ऐसा हो की ,सब कुछ ,कुछ वक्त पहले जैसा हो जाए,
जैसा पहले था  फिर से वैसा हो जाए,
काश मैंने मेरे दिल का हाल तुम्हे कभी बताया ही न होता,
मैने खुदको इस तरह  सताया ही न होता,
 एक गलती ने मेरी मुझे खुदकी नजरों से गिरा दिया
जिस चीज के डर से  संभाल रखा था खुदको,
खुदने इन आंखों को वही मंजर दिखा दिया ।।

©Chinka Upadhyay

मेरी नादानियां मुझे इस मोड़ पर ले आई 🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #thought #poem #SAD #शायरी

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