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New ओडिशा का नृत्य Status, Photo, Video

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#विचार

आज का विचार आज का विचार

99 View

का कुणावर प्रेम कराव ? का कुणासाठी झुरायच ,का कुणासाठी मरायच, देवाने आई बाबा दिले आहे त्यांच्यासाठी सगळं करायच.. ©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे

 का  कुणावर प्रेम कराव ?  का  कुणासाठी झुरायच ,का कुणासाठी मरायच, देवाने आई बाबा दिले आहे त्यांच्यासाठी सगळं करायच..

©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे

का

22 Love

#भक्ति

का

144 View

#वीडियो

नेपाली छात्राओं ने प्रस्तुत किए सुंदर नृत्य

99 View

नृत्य केवल एक कला नही है, आत्मा की पुकार है, भाव है, भावना है। ये एक ऐसी कला है जिसमे, संस्कृति का सागर है। छिपी जिसमे अनेक गाथा है।। ©Heer

 नृत्य केवल एक कला नही है,

आत्मा की पुकार है,

भाव है, भावना है। 

ये एक ऐसी कला है जिसमे,

संस्कृति का सागर है। 

छिपी जिसमे अनेक गाथा है।।

©Heer

नृत्य - रोम रोम से निकाला संगीत है। hindi poetry on life poetry poetry lovers

18 Love

कोई जब तोड़ दे दिल को,कोई जब छोड़ दे तुमको,तुम्हे मझधार में ला कर,कोई जब मोड़ ले रूख को। ये दुनिया रंगमंच है इक,करो तुम झूम कर फिर नृत्य,मगन ऐसे हो जाओ तुम, उदासी छोड़ दे तुमको।। नृत्य जीवन की कला है, नृत्य अनुराग है मन का,नृत्य है प्रेम ईश्वर का, नृत्य है भाव इस तन का। मन को उन्माद से भर के,करो अल्हाद में तुम कृत्य,नृत्य करता है दिल पावन,नृत्य आनन्द जीवन का।। नृत्य पैरों की थिरकन है,नृत्य गीतों की धड़कन है,नृत्य रसमय तरंगें हैं, नृत्य भावों की लचकन है। भूल जाओ नृत्य में सब,करो स्वीकार तुम हर सत्य,नृत्य रंगता है तन मन को,नृत्य जीवन का सृजन है।। नृत्य उल्लास देता है, नृत्य महाभाव लाता है,नृत्य में झूमते श्री कृष्ण, नृत्य महारास रचता है। डूबते नृत्य में नटराज,करें आराध्य जिनकी नित्य,नृत्य है संस्कृति अपनी, नृत्य समर्पण सिखाता है।। ©पूर्वार्थ

#प्रकृति #नृत्य #प्रेम  कोई जब तोड़ दे दिल को,कोई जब छोड़ दे तुमको,तुम्हे मझधार में ला कर,कोई जब मोड़ ले रूख को।
ये दुनिया रंगमंच है इक,करो तुम झूम कर फिर नृत्य,मगन ऐसे हो जाओ तुम, उदासी छोड़ दे तुमको।।
नृत्य जीवन की कला है, नृत्य अनुराग है मन का,नृत्य है प्रेम ईश्वर का, नृत्य है भाव इस तन का।
मन को उन्माद से भर के,करो अल्हाद में तुम कृत्य,नृत्य करता है दिल पावन,नृत्य आनन्द जीवन का।।
नृत्य पैरों की थिरकन है,नृत्य गीतों की धड़कन है,नृत्य रसमय तरंगें हैं, नृत्य भावों की लचकन है।
भूल जाओ नृत्य में सब,करो स्वीकार तुम हर सत्य,नृत्य रंगता है तन मन को,नृत्य जीवन का सृजन है।।
नृत्य उल्लास देता है, नृत्य महाभाव लाता है,नृत्य में झूमते श्री कृष्ण, नृत्य महारास रचता है।
डूबते नृत्य में नटराज,करें आराध्य जिनकी नित्य,नृत्य है संस्कृति अपनी, नृत्य समर्पण सिखाता है।।

©पूर्वार्थ
#विचार

आज का विचार आज का विचार

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का कुणावर प्रेम कराव ? का कुणासाठी झुरायच ,का कुणासाठी मरायच, देवाने आई बाबा दिले आहे त्यांच्यासाठी सगळं करायच.. ©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे

 का  कुणावर प्रेम कराव ?  का  कुणासाठी झुरायच ,का कुणासाठी मरायच, देवाने आई बाबा दिले आहे त्यांच्यासाठी सगळं करायच..

©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे

का

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का

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नेपाली छात्राओं ने प्रस्तुत किए सुंदर नृत्य

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नृत्य केवल एक कला नही है, आत्मा की पुकार है, भाव है, भावना है। ये एक ऐसी कला है जिसमे, संस्कृति का सागर है। छिपी जिसमे अनेक गाथा है।। ©Heer

 नृत्य केवल एक कला नही है,

आत्मा की पुकार है,

भाव है, भावना है। 

ये एक ऐसी कला है जिसमे,

संस्कृति का सागर है। 

छिपी जिसमे अनेक गाथा है।।

©Heer

नृत्य - रोम रोम से निकाला संगीत है। hindi poetry on life poetry poetry lovers

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कोई जब तोड़ दे दिल को,कोई जब छोड़ दे तुमको,तुम्हे मझधार में ला कर,कोई जब मोड़ ले रूख को। ये दुनिया रंगमंच है इक,करो तुम झूम कर फिर नृत्य,मगन ऐसे हो जाओ तुम, उदासी छोड़ दे तुमको।। नृत्य जीवन की कला है, नृत्य अनुराग है मन का,नृत्य है प्रेम ईश्वर का, नृत्य है भाव इस तन का। मन को उन्माद से भर के,करो अल्हाद में तुम कृत्य,नृत्य करता है दिल पावन,नृत्य आनन्द जीवन का।। नृत्य पैरों की थिरकन है,नृत्य गीतों की धड़कन है,नृत्य रसमय तरंगें हैं, नृत्य भावों की लचकन है। भूल जाओ नृत्य में सब,करो स्वीकार तुम हर सत्य,नृत्य रंगता है तन मन को,नृत्य जीवन का सृजन है।। नृत्य उल्लास देता है, नृत्य महाभाव लाता है,नृत्य में झूमते श्री कृष्ण, नृत्य महारास रचता है। डूबते नृत्य में नटराज,करें आराध्य जिनकी नित्य,नृत्य है संस्कृति अपनी, नृत्य समर्पण सिखाता है।। ©पूर्वार्थ

#प्रकृति #नृत्य #प्रेम  कोई जब तोड़ दे दिल को,कोई जब छोड़ दे तुमको,तुम्हे मझधार में ला कर,कोई जब मोड़ ले रूख को।
ये दुनिया रंगमंच है इक,करो तुम झूम कर फिर नृत्य,मगन ऐसे हो जाओ तुम, उदासी छोड़ दे तुमको।।
नृत्य जीवन की कला है, नृत्य अनुराग है मन का,नृत्य है प्रेम ईश्वर का, नृत्य है भाव इस तन का।
मन को उन्माद से भर के,करो अल्हाद में तुम कृत्य,नृत्य करता है दिल पावन,नृत्य आनन्द जीवन का।।
नृत्य पैरों की थिरकन है,नृत्य गीतों की धड़कन है,नृत्य रसमय तरंगें हैं, नृत्य भावों की लचकन है।
भूल जाओ नृत्य में सब,करो स्वीकार तुम हर सत्य,नृत्य रंगता है तन मन को,नृत्य जीवन का सृजन है।।
नृत्य उल्लास देता है, नृत्य महाभाव लाता है,नृत्य में झूमते श्री कृष्ण, नृत्य महारास रचता है।
डूबते नृत्य में नटराज,करें आराध्य जिनकी नित्य,नृत्य है संस्कृति अपनी, नृत्य समर्पण सिखाता है।।

©पूर्वार्थ
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