उपहार
धनतेरस पर सजा है बाजार,
दिला दो न प्रिये एक हार,
शुभ मंगल इस दिवस पर,
मुझको दिला दो न उपहार...
तू तो है मेरा कूबेर प्रिये ,
तुझको ही पूजूँ बारम्बार,
मैं हूँ तुम्हारी सबसे प्यारी,
मुझको दिला दो न उपहार...
- पुष्पा सहाय'गिन्नी'
- रांची झारखंड
उपहार