शायिद मैं तुम्हे फिर मिलूंगा ,
मिलूंगा तुम्हे उस जहान में,
जिस जहान में मोहब्बत नीलाम नही होती,
आशिक मेहबूब के लिए,
जहा तड़पता नही,
और दुखों की कभी शाम नही होती,
हां मैं मिलूंगा वहा तुम्हे,
जहा मिल जाता है प्यार आसानी से,
और कभी कोई ख्वाइश नाकाम नही होती ।।
Writer Karman Purewal
©Karman Purewal
#againstthetide