कविताएँ अभिश्रपित है उनके पथ पर जो समझ ना सके भा | हिंदी Poetry Video

"कविताएँ अभिश्रपित है उनके पथ पर जो समझ ना सके भावार्थ की शूल दिग्भ्रम अहिंसक है साथी चारों दिशा डाले है फूट शीर्ष पर रखिये आकलन को मन माया से दूर ऐसा ना हो मूल से वंचित रह जाए सागर निर्मूल गहराई मे डूब ©चाँदनी "

कविताएँ अभिश्रपित है उनके पथ पर जो समझ ना सके भावार्थ की शूल दिग्भ्रम अहिंसक है साथी चारों दिशा डाले है फूट शीर्ष पर रखिये आकलन को मन माया से दूर ऐसा ना हो मूल से वंचित रह जाए सागर निर्मूल गहराई मे डूब ©चाँदनी

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