चाँदनी

चाँदनी

शायद आपके विचार मुझसे ना मिले, पर मै रूकूँगी नही.... आप जा सकते है... इजाजत है 🧚‍♀️ मै गर्व से कहती हू, ज्ञानियों के केंद्र और भारत के कंठ हार से हू, (बिहार)😊

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 अब टूटने लगी है आस की डोर
तुम साथ दो मेरा

साँसें खिच रही है हलक से निशा
तुम साथ दो मेरा

धुंध बना बैठा है शहर का फितूर
तुम साथ दो मेरा

मै पागल, सनकी, बेसहारा
तुम साथ दो मेरा

बंजर ना हो जाए मेरी मिट्टी की सदी
तुम साथ दो मेरा

©चाँदनी

अब टूटने लगी है आस की डोर तुम साथ दो मेरा साँसें खिच रही है हलक से निशा तुम साथ दो मेरा धुंध बना बैठा है शहर का फितूर तुम साथ दो मेरा मै पागल, सनकी, बेसहारा तुम साथ दो मेरा बंजर ना हो जाए मेरी मिट्टी की सदी तुम साथ दो मेरा ©चाँदनी

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#Quotes  प्रेम मे पारंगत तुम
एक रोज अध्यात्म के जिस्म से लिपट के 
मोक्ष के द्वार को पार कर जाओगे

©चाँदनी

प्रेम_अध्यात्म

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#Moon  धत! नादान है वो लोग जो सोचते है
हम एक बार मरते है

जरा अपने तकिये और बिस्तर से पूछीये
हम हर रात उंगलियों को मसोरे

आँखों से बहते सफ़ेद ख्वाब के साथ
कितनी दर्दनाक मौत मरते है

©चाँदनी

#Moon _ death Shayari

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 जिसने कसमें बनाई 
उसने पहली बार मृत्यु को मारा

अब आये दिन सड़क - चौराहे
गली - मुहल्ले, मकान -दुकान

आदमी - शैतान सब मृत्यु को
बड़े बेरहमी से मार देते है

 हाँ ! मै इन्ही समाज के साजिशों
 की शिकार हू

©चाँदनी

जिसने कसमें बनाई उसने पहली बार मृत्यु को मारा अब आये दिन सड़क - चौराहे गली - मुहल्ले, मकान -दुकान आदमी - शैतान सब मृत्यु को बड़े बेरहमी से मार देते है हाँ ! मै इन्ही समाज के साजिशों की शिकार हू ©चाँदनी

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