अब टूटने लगी है आस की डोर तुम साथ दो मेरा साँसें | हिंदी Poetry Video

"अब टूटने लगी है आस की डोर तुम साथ दो मेरा साँसें खिच रही है हलक से निशा तुम साथ दो मेरा धुंध बना बैठा है शहर का फितूर तुम साथ दो मेरा मै पागल, सनकी, बेसहारा तुम साथ दो मेरा बंजर ना हो जाए मेरी मिट्टी की सदी तुम साथ दो मेरा ©चाँदनी "

अब टूटने लगी है आस की डोर तुम साथ दो मेरा साँसें खिच रही है हलक से निशा तुम साथ दो मेरा धुंध बना बैठा है शहर का फितूर तुम साथ दो मेरा मै पागल, सनकी, बेसहारा तुम साथ दो मेरा बंजर ना हो जाए मेरी मिट्टी की सदी तुम साथ दो मेरा ©चाँदनी

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