अधकटा हिस्सा
चौराहे के सामने से जाती एक गली
और उस गली के नुक्कड़ पर है एक मकान
जिसकी सीढियाँ चढ़ते ही
अनेक रंग बिरंगी रोशनी से भरा
आयतकार आंगन
और उस आंगन से आती
इत्र और गज़रों की महक
और उस आंगन के ठीक बीचों बीच
विराजमान है दस भूजाओं की देवी
जिसे हम माँ दुर्गा कहते हैं
उसी माँ दुर्गा के थोड़ा आगे जाकर
बाईं ओर है एक कमरा
जिसके किवाड़ अक्सर बंद रहते हैं
लेकिन भीतर से आती रहती है
कुछ गुनगुनाने की आवाज़
जिसे सुनकर, उस गली से गुज़रता कोई बाबू
अक्सर वहाँ पहुँच ही जाता है... . .......
©Harpinder Kaur
# part 1 .... to be continue