White समय पर निर्धारित प्रत्येक क्रिया को शब्दों में अनुभव नहीं किया जा सकता, जिस प्रकार सुबह का सूरज और रात का चंद्रमा समय-समय पर आवागमन करते हैं, निरंतर अभ्यास करके, ठीक! उसी प्रकार शब्दरूपी और समय को निरंतर प्रयास करके समझा जा सकता है।
☺️✍️✍️हार्दिक महाजन
©- @Hardik Mahajan