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White मेरा देश मुझे मेरी जान से भी प्यारा है, मैं हमेशा अपने देश के साथ खड़ा हूं, कभी मेरे देश की तरफ आंख उठाकर नहीं देखना, मेरा देश भारत मां की पहचान है। मेरा वीर सिपाही आज भी सीना तानकर सरहद पर खड़ा है, देखो वो मेरा वीर सिपाही है, उसने हमारे देश की जान बचाई है, उसने तिरंगा ऊँचे स्तंभ पर फैहराया है, मेरा वीर सिपाही हिमालय की चोटियों पर आज भी खड़ा हैं। 26 जुलाई 1999 को हमने कारगिल युद्ध जीता था, कारगिल दिवस स्वतंत्र भारत के लिए बहुत बड़ा योगदान है। जय हिंद जय भारत🇮🇳🫡🫡 ✍️✍️हार्दिक महाजन ©- @Hardik Mahajan

#kargil_vijay_diwas  White मेरा देश मुझे मेरी जान से भी प्यारा है, 
मैं हमेशा अपने देश के साथ खड़ा हूं, 
कभी मेरे देश की तरफ आंख उठाकर नहीं देखना, 
मेरा देश भारत मां की पहचान है।


मेरा वीर सिपाही आज भी सीना
 तानकर सरहद पर खड़ा है,
 देखो वो मेरा वीर सिपाही है,
 उसने हमारे देश की जान बचाई है, 
उसने तिरंगा ऊँचे स्तंभ पर फैहराया है, 
मेरा वीर सिपाही हिमालय की
 चोटियों पर आज भी खड़ा हैं।

26 जुलाई 1999 को हमने कारगिल युद्ध जीता था, 
कारगिल दिवस स्वतंत्र भारत के लिए बहुत बड़ा योगदान है।

जय हिंद जय भारत🇮🇳🫡🫡

✍️✍️हार्दिक महाजन

©- @Hardik Mahajan
#kargil_vijay_diwas #Quotes  White आप हमारे सुख हमारी हिफाज़त के लिए अपना सुख चैन छोड़ के अपने प्राण हथेली पर लिए रहते हो, इस सच्ची राष्ट्रभक्ति के लिए आपको ऐ देशभक्त बारम्बार वंदन बारम्बार नमन🌹🌹🙏

©- @Hardik Mahajan

White कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के सभी देशवासियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है। भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजय हुआ। कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान हेतु यह दिवस मनाया जाता है।[1] 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई दिन सैन्य संघर्ष होता रहा। इतिहास के मुताबित दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण के कारण तनाव और बढ़ गया था। स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का वादा किया गया था लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम "ऑपरेशन बद्र" रखा था। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था। पाकिस्तान यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में मदद मिलेगी।[2] प्रारम्भ में इसे घुसपैठ मान लिया था और दावा किया गया कि इन्हें कुछ ही दिनों में बाहर कर दिया जाएगा लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज के बाद इन घुसपैठियों के नियोजित रणनीति के बारे मे पता चला जिससे भारतीय सेना को एहसास हो गया कि हमले की योजना बहुत बड़े पैमाने पर की गयी है। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से 2,00,000 सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा। यह युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान 527 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और 1400 के करीब घायल हुए थे।[3] जय हिंद जय भारत 🇮🇳🫡🇮🇳 ©- @Hardik Mahajan

#kargil_vijay_diwas #SAD  White कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के सभी देशवासियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है। भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजय हुआ। कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान हेतु यह दिवस मनाया जाता है।[1]

1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई दिन सैन्य संघर्ष होता रहा। इतिहास के मुताबित दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण के कारण तनाव और बढ़ गया था। स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का वादा किया गया था लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम "ऑपरेशन बद्र" रखा था। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था। पाकिस्तान यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में मदद मिलेगी।[2]

प्रारम्भ में इसे घुसपैठ मान लिया था और दावा किया गया कि इन्हें कुछ ही दिनों में बाहर कर दिया जाएगा लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज के बाद इन घुसपैठियों के नियोजित रणनीति के बारे मे पता चला जिससे भारतीय सेना को एहसास हो गया कि हमले की योजना बहुत बड़े पैमाने पर की गयी है। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से 2,00,000 सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा। यह युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान 527 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और 1400 के करीब घायल हुए थे।[3]
जय हिंद जय भारत 🇮🇳🫡🇮🇳

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#kargil_vijay_diwas #Quotes  White 
आओ साथ मिलकर सलाम करें उन्हें, जिनके हिस्से में वो मुकाम आता हैं, "हार्दिक" बहुत खुशनसीब होते है वह जिनका लहू वतन के काम आता हैं.!!
🫡🫡🫡🇮🇳🇮🇳✍️✍️

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आशा जीवित रहने की कोशिश करती है लेकिन हर उम्मीद के आगे झुक जाती है। ©- @Hardik Mahajan

#Quotes  आशा जीवित रहने की कोशिश करती है लेकिन हर उम्मीद के आगे झुक जाती है।

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आशा जीवित रहने की कोशिश करती है लेकिन हर उम्मीद के आगे झुक जाती है। ©- @Hardik Mahajan

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White अति मनभावन महीना सावन आ गया है धान की हरी भरी फसलें लहरा रही है खेतों से आ रही है खुशबू किसानों का मन अति प्रसन्न है अति मनभावन महीना सावन आ गया है। पवन के झोंको से धान की हरा भरा तना हँस हँसकर मिल रहें है एक दूसरे के गले सबके मन को हर्षाने लगे अति मनभावन महीना सावन आ गया है। रिमझिम-रिमझिम सावन की फुहार स्वागत में खड़े है सभी किसान प्रकृति भी खुशियों से मुस्कुरा रही है अति मनभावन महीना सावन आ गया है। रातरानी महकने लगी है चाँद-तारे भी गुनगुनाने लगे है सूरज छिप गया है बादल की ओंट में अति मनभावन महीना सावन आ गया है। पंछी भी चहकने लगे है शोर मचाने लगे हैं हर एक कली अब यहां खिलने लगी है बहुत सुहानी सुबह की किरणें लुका छिपी खेलने लगी हैं अति मनभावन महीना सावन आ गया है। गर्मी की ताप से तप कर अब आख़िर बरसात का मौसम आ गया है बार-बार अभिनंदन करते है स्वागत करते है अति मनभावन महीना सावन आ गया है। ©- @Hardik Mahajan

 White अति मनभावन महीना सावन आ गया है 

धान की हरी भरी फसलें लहरा रही है 
 खेतों से आ रही है खुशबू
किसानों का मन अति प्रसन्न है
अति मनभावन महीना सावन आ गया है।
पवन के झोंको से धान की हरा भरा तना
हँस हँसकर मिल रहें है एक दूसरे के गले
सबके मन को हर्षाने लगे
अति मनभावन महीना सावन आ गया है।
रिमझिम-रिमझिम सावन की फुहार
स्वागत में खड़े है सभी किसान
प्रकृति भी खुशियों से मुस्कुरा रही है 
अति मनभावन महीना सावन आ गया है।
रातरानी महकने लगी है
चाँद-तारे भी गुनगुनाने लगे है 
सूरज छिप गया है बादल की ओंट में 
अति मनभावन महीना सावन आ गया है।
पंछी भी चहकने लगे है शोर मचाने लगे हैं
हर एक कली अब यहां खिलने लगी है 
बहुत सुहानी सुबह की किरणें लुका 
छिपी खेलने लगी हैं
अति मनभावन महीना सावन आ गया है।
गर्मी की ताप से तप कर अब आख़िर 
बरसात का मौसम आ गया है 
बार-बार अभिनंदन करते है स्वागत करते है 
अति मनभावन महीना सावन आ गया है।

©- @Hardik Mahajan

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