White सियासी सोच का मारा, अपने आप से हारा, जहां तक | हिंदी मोटिवेशनल V

"White सियासी सोच का मारा, अपने आप से हारा, जहां तक सोचता हूं, तसव्वुर से क्या ये नजारा, तालमेल रखता है, असमंजस है, बेबस मन क्या साहस दुस्साहस है? नहीं तालमेल, नहीं मेलजोल, बुद्धिजीविता भी ऐसी क्या? अलग हटकर सोचना भी कैसा , अनूठा,अनोखा,सब जाया, लगे थूक ओर अम्बर की थू बस है। गजब सूरत है,सीरत सादगी, तौलें दुनिया के तराजू, वहीं मालूम क्या लुट ही जायें, चोर फिरता अपने बाजू, आस्तीन में सांप विष है,विष का ही रस है । ©BANDHETIYA OFFICIAL "

White सियासी सोच का मारा, अपने आप से हारा, जहां तक सोचता हूं, तसव्वुर से क्या ये नजारा, तालमेल रखता है, असमंजस है, बेबस मन क्या साहस दुस्साहस है? नहीं तालमेल, नहीं मेलजोल, बुद्धिजीविता भी ऐसी क्या? अलग हटकर सोचना भी कैसा , अनूठा,अनोखा,सब जाया, लगे थूक ओर अम्बर की थू बस है। गजब सूरत है,सीरत सादगी, तौलें दुनिया के तराजू, वहीं मालूम क्या लुट ही जायें, चोर फिरता अपने बाजू, आस्तीन में सांप विष है,विष का ही रस है । ©BANDHETIYA OFFICIAL

#नजारा कायम रह भी सकेगा?

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