गाली
पुरुष को लगता है कि
गाली उसके पुरूष होने का एक पहचान पत्र है
उसकी मर्दानगी है
एक औरत के नाम पर दी गाली में
वो अपना पौरूषार्थ समझता है
माँ - बहन की गालियों को
वो अपने गुस्से का सुकून समझता है
वो देता है.........
औरत के उस हिस्से को गाली
जिस हिस्से से वो दुनिया में आता है
और अपना वंश बढ़ाता है
©Harpinder Kaur
# भाग -1 ..... ✍️