बदलते हुए साल के साथ लोगों को बदलते देखा है
साथ होकर भी अपनो को षड्यंत्र रचते देखा है ।
पीठ पीछे करते बुराई ऐसी इनकी जीवन रेखा है
बदलते साल के साथ थोड़ा खुद को संभलते देखा है ।
बदलते साल के साथ अपनो में अपनापन खोते देखा है
तकदीर को तस्वीर के हवाले(भगवान भरोसे)सोते देखा है ।
जरूरत के समय अपनो को पीछे हटते देखा है
बदलते वक्त के साथ अपनों को नजरो से उतरते देखा है ।
अपना नुकसान करके दूसरों को नुकसान करते देखा है
बदलते साल के साथ पैसों के पीछे मरते देखा है ।
ओम
©Hariom Mishra
#Stars