रूखा सूखा धूल लिपटी जिस पर छू कर देखा छप जाए किस प | हिंदी Poetry Vide

"रूखा सूखा धूल लिपटी जिस पर छू कर देखा छप जाए किस पर जैसे शांत धरा पर महकता पवन चढ़ती किरणें बनेगा सूरज जिस पर देखी मैनें मीठी खुशबू छाल के भीतर । ©Bhanu Priya "

रूखा सूखा धूल लिपटी जिस पर छू कर देखा छप जाए किस पर जैसे शांत धरा पर महकता पवन चढ़ती किरणें बनेगा सूरज जिस पर देखी मैनें मीठी खुशबू छाल के भीतर । ©Bhanu Priya

मीठी खुशबू छाल के भीतर

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