"चांदनी रात या
सुनेहेरा हो दिन
बेरंग है ज़िन्दगी का हर
दिन तेरे बिन
देखो हम जुदा ना
कभी हो जाये
ओ हमसफ़र,
दिल के नगर,
सपने चलो हम सजाएँ
तुम हो साथ
और
हम कहीं खो जाएँ"
चांदनी रात या
सुनेहेरा हो दिन
बेरंग है ज़िन्दगी का हर
दिन तेरे बिन
देखो हम जुदा ना
कभी हो जाये
ओ हमसफ़र,
दिल के नगर,
सपने चलो हम सजाएँ
तुम हो साथ
और
हम कहीं खो जाएँ